फिल्म इंडस्ट्री से निराश होकर धर्मेन्द्र लौट रहे थे घर

सुपरस्टार बनाने की कहानी के पीछे एक ऐसी कहानी जरूर जुड़ी होती है, जो किसी को भी प्रेरित कर सकती है। एक ऐसी ही कहानी लेकर सुपरस्टार बने थे धर्मेंद्र। इस कहानी के रचयिता थे एक्टर मनोज कुमार और हीरो थे धर्मेंद्र। हुआ कुछ यूं था कि हर तरीके से हाथ-पैर मारने के बाद धर्मेंद्र को फिल्म इंडस्ट्री में काम नहीं मिला तो उन्होंने सोच लिया था कि अब उनका कुछ नहीं होने वाला है। ऐसे में एक्टर ने अपना बोरिया-बिस्तर समेटा और घर की ओर रवाना हो गए। धर्मेंद्र घर जाने वाली ट्रेन में बैठे ही थे कि इसकी भनक मनोज कुमार को लग गई।
उस वक्त मनोज कुमार भी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमा रहे थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत कुमार ने मायानगरी का रास्ता पकड़ लिया था। दिलीप कुमार को देख मनोज के अंदर एक्टिंग का शौक पैदा हुआ था। उन्हें भी इंडस्ट्री में कम पापड़ नहीं बेलने पड़े थे। संघर्ष के दिनों में मनोज और धर्मेंद्र की मुलाकात हुई और दोनों दोस्त बन गए। आज मनोज की बदौलत ही इंडियन सिनेमा को धर्मेंद्र जैसा स्टार मिला है। फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआती दौर में धर्मेंद्र और मनोज दोनों ही नहीं चल रहे थे। हालांकि राइटिंग के दम पर मनोज अपना गुजारा कर लेते थे, लेकिन धर्मेंद्र के पास एक्टिंग और दमदार पर्सनालिटी के अलावा कुछ नहीं था। वह तंग आकर मुंबई से चल दिए। रिपोर्ट्स की मानें तो मनोज उस ट्रेन में पहुंचे थे, जिसमें बैठकर धर्मेंद्र घर की ओर रवाना होने वाले थे। एक्टर ने धर्मेंद्र को समझाया और कहा कि हिम्मत हारने से कुछ नहीं होगा और वक्त जरूर बदलता है। मनोज की बातों को ध्यान से सुन धर्मेंद्र ने जाना कैंसल कर दिया और अपनी किस्मत को एक और मौका दिया। यही नहीं मनोज कुमार अपनी सैलरी से धरम के खर्च भी चलाते थे। साल 1960 में धर्मेंद्र को उनकी डेब्यू फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे मिली, जो हिट साबित हुई। वहीं, मनोज कुमार तीन साल पहले ही फिल्मों में एंट्री ले चुके थे। (हिफी)