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नेपाल में फौज की तैनाती, आर्मी चीफ का राष्ट्र के नाम संदेश

नेपाल में 8 सितम्बर से भड़की हिंसा की आग अब तक शांत नहीं हो पा रही है। उपद्रवियों ने मंत्रियों के बंगले, सरकारी दफ्तर, नेताओं के घर और कई निजी और सार्वजनिक जगहों को आग के हवाले कर दिया है। जगह-जगह से हिंसा आगजनी की तस्वीरें सामने आ रही हैं। उपद्रवियों ने पूरे शहर में आगजनी और तोड़फोड़ कर तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। जेंजी आंदोलन की वजह से 2 दिन से सुलग रहे नेपाल में अब फौज की तैनाती हो गई है। इस बीच बड़ी खबर ये भी सामने आ रही है कि नेपाल की सेना ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है। नेपाली सेना ने 10 सितम्बर को सुबह से शाम पांच बजे तक देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए और अगले दिन सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है। सेना ने चेतावनी दी है कि इस अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी व व्यक्तियों या संपत्ति को निशाना बनाने वाले हमलों को आपराधिक गतिविधि माना जाएगा और उससे निपटा जाएगा। एम्बुलेंस, दमकल, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सुरक्षा बलों सहित आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों और कर्मियों को प्रतिबंधात्मक आदेशों और कर्फ्यू के दौरान काम करने की अनुमति होगी। आर्मी के सड़क पर उतरने से पहले आर्मी चीफ अशोकराज सिग्देल ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया। इस संदेश में उन्होंने आंदोलनकारियों को बातचीत का ऑफर देते हुए उनसे प्रदर्शन स्थगित करने की अपील है। आर्मी चीफ की अपील के बाद फौज की मूवमेंट शुरू हुई है। इससे पहले राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में झड़पों और आगजनी में अब तक 22 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल हैं।
नेपाल में तख्तापलट के बाद सेना ने कानून व्यवस्था की कमान संभाल ली है। काठमांडू की सड़कों पर सेना की बख्तरबंद गाड़ियां उतरी हैं। कई उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है। त्रिभुवन एयरपोर्ट पर आर्मी का कंट्रोल है और सभी एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही बंद कर दी गई है। इस्तीफे के बाद पीएम केपी ओली अज्ञात जगह पर भेजे गए हैं। आंदोलनकारियों ने काठमांडू के मेयर बालेन शाह के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने की अपील की है।

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