फ्रांस में लेकोर्नू बने नये प्रधानमंत्री साल में चैथी बार बदलाव

भारत के सबसे मजबूत रक्षा साझेदारों में शुमार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 9 सितम्बर देर रात रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया। फ्रांस अपनी सांस्कृतिक समृद्धि और वैश्विक प्रभाव के लिए प्रसिद्ध है। एफिल टॉवर जैसे प्रतिष्ठित स्थलों से लेकर उत्कृष्ट व्यंजनों तक, फ्रांस दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करता है। व्यापक रूप से बोली जाने वाली फ्रेंच भाषा इसके आकर्षण को और बढ़ा देती हैफ्रांस की विदेश नीति कई सदियों पुरानी परंपराओं, सिद्धांतों और वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं पर आधारित है, जिसमें मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सम्मान, राष्ट्रों के बीच सहयोग, और कानूनी ढांचे के प्रति निष्ठा शामिल है। फ्रांस सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और आधिकारिक विकास सहायता को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। फ्रांस क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सदस्य के रूप में।
फ्रांस को 1 साल में चैथी बार अपना प्रधानमंत्री बदलने की नौबत आई है। इससे फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। इस घटनाक्रम से साफ जाहिर हो रहा है कि फ्रांस गंभीर राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहा है। इसीलिए लगभग एक साल में चैथी बार फ्रांस को नया प्रधानमंत्री बनाना पड़ा है।
नए प्रधानमंत्री लेकोर्नू (39) फ्रांस के इतिहास में सबसे कम उम्र के रक्षा मंत्री हैं। साल 2017 में मैक्रों के मध्यमार्गी आंदोलन में शामिल हुए लेकोर्नू ने इससे पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया है। सोमवार को फ्रांस के प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू संसद में विश्वास मत हासिल करने में नाकाम रहे थे, जिसके बाद उनकी सरकार गिर गई थी। बायरू की सरकार के पक्ष में 194 जबकि विरोध में 364 वोट पड़े। मैक्रों ने पिछले साल दिसंबर में बायरू को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। मगर विश्वास मत हासिल नहीं कर पाने से मैक्रों ने लेकोर्नू को नया प्रधानमंत्री बना दिया।