लेखक की कलम

अग्रणी, समग्र व सतत् विकास

किसी भी राज्य को अग्रणी, समग्र व सतत् विकास के मार्ग पर चलना है तो उसकी हर व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखना होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश अग्रणी, समग्र व सतत् विकास वाला राज्य बने। इसके लिए योगी सरकार ने एक क्यू आर कोड जारी किया है। इस कोड पर जनता लिखकर अथवा बोलकर अपने सुझाव दे सकती है। हम इतनी अपेक्षा तो नहीं करते कि लोग बड़ी संख्या में अपने सुझाव देंगे। पार्टी और संघ से जुड़े लोगों के सुझाव उतने महत्वपूर्ण नहीं होंगे जितने सामान्य जनता के जो राजनीति की पक्षधरता से परे हैं। इसलिए छोटी-छोटी बातों को भी महत्व देना पड़ेगा। योगी सरकार ने विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश विजन बनाया है। इसमें 2047 तक उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था 6 ट्रिलियन बनाने की दिशा में कार्य किये जाएंगे। समग्र विकास के लिए हर नागरिक को घर, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ सुरक्षा की भी व्यवस्था करनी पड़ेगी। प्रदेश में निवेश के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे ताकि रोजगार के अवसर बढ़ें। सबसे बड़ी बात यह कि सच्चाई को समझना होगा, भले ही वह कड़वी हो।
सबसे पहले हम योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर बात करते हैं। दो उदाहरण इसके लिए काफी होंगे। गाजीपुर जिले के नोनहरा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत पुलिस की पिटाई से भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की मौत हो गयी। भाजपा के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की। मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेकर जांच के लिए स्पेशल इन्क्वायरी टीम (एसआईटी) गठित कर दी है। वाराणसी के डीसीपी गौरव बंसवाल की अध्यक्षता में एसआईटी जांच करेगी। जांच रिपोर्ट से पहले ही 11 पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हो गयी। पुलिस को स्वतंत्र रूप से काम करने का अवसर तो मिलना चाहिए लेकिन वह मनमानी से काम करे, इससे प्रदेश अग्रणी, समग्र व सतत् विकास के पथ पर नहीं चल पाएगा।
दूसरी घटना बरेली की है। एक तरफ पुलिस इतनी सक्रिय रहती है कि हिरासत में लिये गये युवक की पीट-पीट कर हत्या कर देती है तो दूसरी तरफ बरेली में जमीन को लेकर पारिवारिक तनाव पर पुलिस तमाशबीन बनी रहती है। उसकी तन्द्रा तब टूटती है जब मामला हिंसक हो जाता है। बरेली के राजपुर कलां गांव में अलीगंज-सिरौली मार्ग पर स्थित 44 बीघा जमीन को लेकर परिवार के ही प्यारे लाल और सूरज पाल सिंह गुट में रंजिश चल रही थी। क्षेत्रीय पुलिस को इसकी जानकारी न हो, ऐसा संभव नहीं दिखता। गत 13 सितम्बर को एक गुट के लोग ट्रैक्टर लेकर जुताई करने पहुंच गये। कहासुनी के बाद दोनों गुट आपस में भिड़ गए। कुछ लोग घायल हो गये। पुलिस की प्रथमदृष्टया लापरवाही देखते हुए हलका दरोगा, सिपाही और इंस्पेक्टर को हटा दिया गया है। इससे जाहिर है कि पुलिस अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभा रही है।
अब एक मामला स्वास्थ्य का लें। योगी सरकार ने प्रत्येक जिला अस्पताल में मेडिकल कालेज की सुविधा उपलब्ध करा दी है। अभी खबर मिली कि सहारनपुर जिला महिला अस्पताल में टार्च की रोशनी में प्रसव कराया गया है। एक प्रमुख हिन्दी दैनिक ने इस समाचार को प्रकाशित किया तब इसकी जांच करायी जा रही है। नाम न छापने की शर्त पर जिला महिला अस्पताल के एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि डिलीवरी के दौरान बिजली जाने पर जेनरेटर नहीं चलाया जाता है। इन्वर्टर से ही काम चलाया जाता है। बहरहाल, ये तो एक छोटा उदाहरण है। अस्पतालों में पर्चा बनवाने और ओपीडी में दिखाने के लिए जब तक लाइन लगी रहेगी तब तक प्रदेश को अग्रणी और समग्र, सतत् विकास के पथ पर कैसे ले जाया जा सकेगा।
खुशी इस बात की है कि प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लगातार सफल प्रयास हो रहे हैं। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। दो महीने बाद ही अर्थात नवम्बर 2025 में ग्लोबल इंवेस्टर समिटि होगी। इस समिट में 5 लाख करोड़ के निवेश की संभावना जतायी जा रही है। प्रदेश के 32 सरकारी विभागों से निवेश प्रस्तावों का व्योरा मांगा गया है। निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरने में जमीन की समस्या है लेकिर उसे भी दूर कर दिया जाएगा।
राज्य में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए इन्वेस्ट यूपी ने 20 से ज्यादा देशों को चिह्नित किया है। पहले चरण में इन्वेस्ट यूपी की तरफ से छह देशों में रोड शो निकालकर निवेश को आकर्षित किया जाएगा। इसके बाद अन्य देशों में रोड शो निकाले जाएंगे।
जिन छह देशों में रोड शो की तैयारी की जा रही है उनमें फ्रांस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, ताइवान, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर शामिल हैं। इन देशों में वहां की स्थानीय कंपनियों के अलावा निवेश करने वाली अन्य देशों की कंपनियों के साथ इन्वेस्ट यूपी की टीम गोल मेज सम्मेलन भी करेगी।राज्य में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए इन्वेस्ट यूपी ने विशेष रणनीति तैयार की है। इसके तहत इन देशों की अलग से डेस्क स्थापित की गई है। इस डेस्क को संबंधित देशों के औद्योगिक ढांचे का अध्ययन कर विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार करने वाली कंपनियों के साथ संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
रोड शो से पहले संबंधित डेस्क की टीम सेमीकंडक्टर, टेक्सटाइल, एआई, रक्षा, आटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, पर्यटन, रसायन, विमान इलेक्ट्रानिक्स, फार्मा, इलेक्ट्रिकल, प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, विमानन, कंप्यूटर उपकरण, मशीनरी, गैस, जहाज निर्माण व मरम्मत उद्योग के क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों से बातचीत कर राज्य की औद्योगिक नीतियों, भूमि तथा कुशल श्रमिकों की उपलब्धता की जानकारी दे रही है।
साथ ही राज्य सरकार की तरफ से निवेश पर दी जाने वाली अन्य सुविधाओं के बारे में भी कंपनियों को जानकारी दी जा रही है। इससे रोड शो के दौरान संबंधित कंपनियों के साथ निवेश को लेकर अगले चरण की बातचीत की जा सकेगी।रोड शो को लेकर संबंधित देशों में स्थित भारतीय दूतावास की मदद से बाजार में निर्यात की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। इसके लिए कुछ निर्यातकों को भी साथ लेने की तैयारी की जा रही है। अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद निर्यात को बढ़ाने के लिए अमेरिका के अलावा अन्य देशों के विकल्प पर भी काम किया जा रहा है। (अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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