पुतिन ने नाटो देशों को बताई औकात

रूस ने पहली बार यूक्रेन से अलग पोलैंड की सीमा में अपने ड्रोन उड़ा दिए। पोलैंड की ओर से रूसी ड्रोन को मार गिराये जाने की खबर दी गई और सेनाओं को भी अलर्ट कर दिया गया। इसके बाद रूसी ड्रोन रोमानिया की सीमा में भी दिखाई दिए, तो क्या ये सिर्फ संयोग था या रूस का कोई प्रयोग। कम से कम रूस को अब इतना तो पता चल चुका है कि उसके इन सस्ते हथियारों को सटीकता से मारने वाले हथियार नाटो के पास नहीं है। जो एयर डिफेंस सिस्टम हैं भी, वो बहुत महंगे हैं, जिससे नुकसान उन्हीं का होना है।
पॉलिटिको की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पोलैंड में रूसी ड्रोन्स
को मार गिराने के लिए 32 देशों के संघ नाटो के मल्टी मिलियन हथियार भी धूल फांक गए। रिपोर्ट के मुताबिक पोलैंड पर किए गए रूसी ड्रोन
हमले में कुल 19 ड्रोन उड़े थे, जिसमें से सिर्फ 7 ही एयर डिफेंस सिस्टम की पकड़ में आए, जबकि सिर्फ 3 या 4 ड्रोन ही मारे जा सके। नाटो देशों की ओर से की गई मीटिंग में इस बात का जिक्र हुआ और चिंता जाहिर
की गई कि ऐसे वॉरफेयर में वे फेल हो रहे हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक रूस की ओर से जो ड्रोन छोड़े गए थे, वे लकड़ी और फोम के बने हुए थे।
ईरान के शाहेद ड्रोन की तर्ज पर रूस की ओर से बड़ी संख्या में बनाए
जाने वाले इन ड्रोन्स पर खर्चा बहुत कम होता है। करीब 11 हजार डॉलर के ड्रोन से होने वाले हमले के जवाब में हवा से हवा में मार करने वाली
4 लाख डॉलर की मिसाइल छोड़ी जाती है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा
सकता है कि नुकसान कितना हुआ होगा। ऑस्ट्रिया के अखबार कुरियर
डेली ने भी इस बात का जिक्र अपनी रिपोर्ट में किया था। इसके अलावा भी वेल्ट नाम के पब्लिकेशन का दावा है कि ड्रोन के जवाब में अमेरिका निर्मित एडवांस फाइटर जेट एफ-35 को तैनात किया गया। इटली के सर्विलांस प्लेन गए और जर्मन पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम भी काम कर रहा था। इतनी तैयारी के बाद 19 में से 7 ड्रोन को इंटरसेप्ट करना वाकई घाटे
का सौदा था।