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रानी मुखर्जी ने पिता को समर्पित किया अपना पहला अवार्ड

कल यानी 23 सितंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन हुआ। इस दौरान बॉलीवुड की बबली एक्ट्रेस रानी मुखर्जी को पहली बार नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। एक्ट्रेस ने ये अवॉर्ड अपने पिता को समर्पित किया है।
रानी को ये अवॉर्ड उनकी फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ में उनके उम्दा किरदार और धांसू एक्टिंग के लिए मिला है। फिल्म की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है। यह 2011 में नॉर्वे में रहने वाले एक भारतीय दंपति सागरिका चक्रवर्ती और अनुरूप भट्टाचार्य की कहानी है, जिनके बच्चों को नॉर्वे सरकार ने जबरन अलग कर दिया था। अपनी 30 साल की एक्टिंग जर्नी में रानी मुखर्जी ने एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया है लेकिन पहली बार अवॉर्ड उन्हें अब मिला है। पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर रानी मुखर्जी भावुक हो गईं। उन्होंने ये अवॉर्ड मिलने के बाद कहा मैं सचमुच अभिभूत हूं। यह सम्मान मेरे लिए बहुत मायने रखता है और मैं इसे अपने दिवंगत पिता को समर्पित करती हूं, जिन्होंने हमेशा इस पल का सपना देखा था। आज मैं उन्हें बेहद याद कर रही हूं। मुझे पता है कि यह उनका आशीर्वाद और मेरी मां की प्रेरणा व ताकत है, जिसने मुझे मिसेज चटर्जी की भूमिका निभाने में मार्गदर्शन दिया।’ इस फिल्म में रानी ने एक ऐसी भारतीय मां का किरदार निभाया, जो अपने बच्चों को वापस पाने के लिए एक विदेशी देश की सरकार से अकेले संघर्ष करती है। इस कहानी ने दुनियाभर में एक बहस छेड़ दी थी और मां के संघर्ष को एक नई पहचान दी थी। रानी ने इस भूमिका को निभाते समय कहा कि यह उनके लिए बेहद निजी अनुभव था, क्योंकि वे खुद एक मां हैं और इस किरदार से वे दिल से जुड़ गई थीं। फिल्म में रानी जिस कदर अपने बच्चों के लिए तड़पती दिखाई गई है, थिएटर में लोग उनकी एक्टिंग देख फूट-फूट कर रोए थे।
बता दें कि रानी ने अपने फैंस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे शानदार फैन्स, हर सुख-दुख में साथ देने के लिए धन्यवाद। आपका अटूट प्यार और समर्थन ही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रहा है। मुझे पता है कि यह पुरस्कार आप सभी के लिए कितना अहम है, और आपको खुश देखकर मुझे भी अपार खुशी मिल रही है। (हिफी)

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