एफबीआई के पूर्व निदेशक ने ट्रम्प को बताया तानाशाह

संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के पूर्व निदेशक जेम्स कॉमी के खिलाफ झूठा बयान देने और कांग्रेस की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अटॉर्नी जनरल जेम्स कॉमी और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर अभियोजन कार्रवाई शुरू करने का आग्रह करने के कुछ दिनों बाद यह मामला दर्ज किया गया है।
एफबीआई के पूर्व निदेशक के खिलाफ मामला दर्ज होने के कुछ ही मिनटों बाद उनके दामाद ट्रॉय एडवर्ड्स ने संघीय अभियोजक के पद से इस्तीफा दे दिया। एडवर्ड्स ने अपने इस्तीफे में लिखा कि उन्होंने संविधान और देश के प्रति अपनी शपथ निभाने के लिए नौकरी छोड़ी है। जेम्स कॉमी ने इसके बाद कहा है कि उन्हें अमेरिका की न्याय प्रणाली पर भरोसा है और वे बेगुनाह साबित होंगे। उन्होंने ट्रंप की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि ‘डर एक तानाशाह का हथियार है और वे इससे नहीं डरते।’
ट्रंप ने 25 सितम्बर को इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए इसे ‘अमेरिका के लिए न्याय!’ करार दिया। ट्रंप की करीबी मानी जाने वाली अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी और एफबीआई निदेशक काश पटेल ने भी इस कार्रवाई का समर्थन किया। कॉमी ने अपने ऊपर आरोप लगने के बाद एक वीडियो में कहा- ‘मुझे अदालतों पर पूरा भरोसा है, मैं बेगुनाह हूं।अब अदालत में ही बात करेंगे।’ पूर्व एफबीआई प्रमुख जेम्स कोमी पर दो बड़े आरोप लगे हैं- पहला है गलत बयान देना और आधिकारिक जांच के दौरान गलत जानकारी दी। दूसरा है- कांग्रेस की कार्यवाही में बाधा डालना और कांग्रेस की जांच को प्रभावित करने और रोकने की कोशिश। ये दोनों ही गंभीर अपराध है, जो साबित हुए तो उन्हें कड़ी सजा हो सकती है। डोनाल्ड ट्रंप और कोमी के बीच विवाद की वजह साल 2016 में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी चुनावों पर रूसी प्रभाव की जांच थी। ये जांच कोमी की अगुवाई में हो रही थी और ट्रंप को अंदेशा था कि कोमी उन्हें फंसा सकते हैं। मई, 2017 में अचानक ट्रंप ने कोमी को एफबीआई डायरेक्टर पद से हटा दिया, जिसके बाद कोमी ने अपनी किताब (ए हायर लाॅयल्टी) लिखकर ट्रंप पर गंभीर आरोप लगाए