लेखक की कलम

यूपी छात्रों को योगी का दिवाली गिफ्ट

दशहरा आने वाला है तो दीपावली की जगमगाहट अभी से दिखने लगी है। उत्तर प्रदेश मंे पांच लाख से अधिक विद्यार्थियों को दीपावली से पहले ही स्कालरशिप मिल जाएगी। योगी सरकार की कैबिनेट ने गत 26 सितम्बर को कैबिनेट की बैठक मंे समाज कल्याण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है। यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि पांच लाख से अधिक विद्यार्थियों को वजीफा कुछ शिक्षण संस्थानों, अफसरों की लापरवाही की वजह से नहीं मिल पा रही थी। सामान्य, एससी, एसटी, ओबीसी व अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति न मिलने की शिकायत जब मुख्यमंत्री तक पहुंची तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त नाराज हुए। सबसे पहले तो उन्हांेने छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने का प्रस्ताव बनवाया। इसी के सथ गड़बडी के जिम्ेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू करवा दी हैं। सुशासन की परख इसी तरह के कार्यों से होती है। योगी सरकार ने नगर निकायों मंे 3061 लोगों की नौकरी का रास्ता भी साफ कर दिया है। शहरी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश पालिका (केन्द्रीयत) सेवा नियमावली-2025 को भी उसी दिन कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी है। नगर विकास विभाग ने 24 सितम्बर 2024 को पालिका केन्द्रीयत सेवा नियमावली में 28वां संशोधन कर काॅडर पुनर्गठित किया था। इसके बाद निकायों में पदों की संख्या 3085 से 6686 हो गयी हैं । नयी नौकरियों की उम्मीद से भी युवा उत्साहित हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में छात्रवृत्ति से वंचित पांच लाख से अधिक विद्यार्थियों को दीपावली से पहले छात्रवृत्ति दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित छात्रवृत्ति वितरण समारोह में वंचित विद्यार्थियों को यह भरोसा दिया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अनुसूचित जाति-जनजाति के करीब पांच लाख विद्यार्थियों को संस्थान की ओर से डाटा अपलोड न करने की वजह से छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई क्योंकि डाटा लॉक हो गया था। ऐसे विद्यार्थियों को दीपावली से पहले छात्रवृत्ति देने की तैयारी की गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, श्छात्रवृत्ति से वंचित सभी विद्यार्थियों को दीपावली से पहले उनके बैंक खातों में छात्रवृत्ति की रकम भेज दी जाएगी। वहीं जिनकी वजह से विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है, उनकी भी जवाबदेही तय की जाएगी ताकि आने वाले समय में ऐसी त्रुटि न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2017 से पहले छात्रवृत्ति वितरित की जाती थी, लेकिन छात्र के खाते में पहुंचती नहीं थी क्योंकि इसमें मनमानी होती थी। उन्होंने कहा कि पहले जो छात्रवृत्ति विद्यार्थियों को सितंबर-अक्टूबर में प्राप्त होनी चाहिए थी, वह उन्हें मार्च-अप्रैल तक मिलती थी और इसमें भी भेदभाव होता था। उन्होंने दावा किया कि साल 2016 में अनुसूचित-जनजाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति ही नहीं दी गई। उन्होंने कहा, ‘जब साल 2017 में हमारी सरकार आई, तो हमने साल 2016-17 और 2017-18 की छात्रवृत्ति प्रदेश के विद्यार्थियों को प्रदान की।’ सीएम ने कहा कि साल 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक अनुसूचित जाति- जनजाति के एक करोड़ 23 लाख विद्यार्थियों को 9,150 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गई है। यह पैसा डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में भेजा गया। साल 2017-18 से 2024-25 के बीच में सामान्य वर्ग के 58 लाख 90 हजार छात्र-छात्राओं को 5,945 करोड़ रुपये उनके बैंक खाते में भेजे गए।
सीएम योगी कहते हैं कि कुछ लोग आत्मनिर्भर और विकसित भारत की राह में फिर से बाधक बन करके समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, हमारा प्रयास होना चाहिए कि हमें बंटना नहीं है, हमें एकजुट होकर बेहतर शिक्षा के लिए हर छात्र को स्कूल तक पहुंचाना है। मुख्यमंत्री ने 2017 के बाद से दी जाने वाली छात्रवृत्ति का ब्योरा देते हुए कहा कि साल 2017-18 में 1,648 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती थी और आज 3,124 करोड़ 45 लाख रुपये की छात्रवृत्ति पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश ने ही शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया। उन्होंने कहा कि हर विद्यार्थी को छात्रवृत्ति प्राप्त हो सके, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र, एक छात्रवृत्ति’ की व्यवस्था लागू की है। योगी यूपी को विकसित राज्सय बनाना चाहते हैं। राजधानी लखनऊ स्थित होटल ताज में विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047 के तहत कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हिस्सा लिया। इस मौके पर यूपी के विकास और आने वाले समय में प्रदेश के विकास के लक्ष्य पर चर्चा हुई। इस दौरान अपने संबोधन में सीएम योगी ने प्रदेश में कानून व्यवस्था से लेकर एक्सप्रेसवे, मेट्रो और अन्य विकास कार्यों पर अपनी बात रखी। उन्होंने अशांति फैलाने वालों को सख्त लहजे में चेतावनी दी। वह जिस भाषा में समझना चाहते थे, उस भाषा में उन्हें समझाया गया। पहले सरकारों ने हर जिले में एक माफिया दिया था। जिले की सत्ता माफिया को चलाने की छूट दी गई थी। हर व्यक्ति अपनी पहचान को मोहताज था। खेती-बाड़ी चैपट थी। नौजवानों की नौकरियों पर सेंध लगाती थी। उनकी नीलामी होती थी।
सीएम योगी ने कहा कि 11वीं सदी में भारत की आबादी 60 करोड़ थी। भारत आर्थिक गतिविधियों के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में था। चंद्रगुप्त मौर्य के समय में ग्लोबल इकॉनमी में भारत की हिस्सेदारी 40 फीसदी थी। 11वीं सदी आते-आते यह घटकर 30 फीसदी तक रह गई। 17वीं सदी में भारत 25 फीसदी पर सिमट गया। उस समय आधी से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर थी। शेष आबादी लघु और कुटीर उद्योगों में लिप्त थी। भारत में अंग्रेजों ने पेस्टिसाइड और केमिकल भेजें। शुरू में परिणाम अच्छे रहे, लेकिन बाद में बेहद खराब परिणाम आए। सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश की ग्रोथ स्टोरी यही है। हमारा राष्ट्रीय धर्म है कि उत्तर प्रदेश की जितनी आबादी है, उतना ही राष्ट्रीय कंट्रीब्यूशन भी करता दिखाई दे। वर्ष 2017 से पहले कोई कल्पना भी नहीं करता था। आज देश के अंदर कुल एक्सप्रेसवे में 55 फीसदी उत्तर प्रदेश के पास हैं। सबसे ज्यादा शहरों में मेट्रो का संचालन उत्तर प्रदेश कर रहा है। 2017 से पहले केवल दो ही एयरपोर्ट लखनऊ और वाराणसी क्रियाशील थे। हम लोग गोरखपुर से ट्रेन से 14 घंटे की यात्रा कर दिल्ली जाते थे। आज गोरखपुर से 14 फ्लाइट चल रही है। 16 एयरपोर्ट आज की तारीख में क्रियाशील हैं।
सीएम ने कहा कि बीमारू मानसिकता ने उत्तर प्रदेश को बीमारू बना दिया था। पुलिस स्टाफ का परिणाम यह था कि दंगे होते थे। दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर सम्मानित किया जाता था। दंगाइयों की आवभगत होती थी। पेशेवर अपराधियों और माफिया के सामने सत्ता सैल्यूट करती थी। सत्ताधारी लोग उनके कुत्तों के साथ हाथ मिलाया करते थे। आपने देखा होगा कि कैसे सत्ता का मुखिया एक माफिया के कुत्ते से हाथ मिलाकर खुद को गौरवान्वित समझता था। उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन एथेनॉल उत्पादन चीनी उत्पादन में नंबर एक है। उत्तर प्रदेश सबसे अधिक युवा आबादी के साथ सबसे ज्यादा नौकरी देने वाला राज्य बन चुका है। सबसे ज्यादा निवेश भी आमंत्रित कर रहा है। देश और दुनिया उत्तर प्रदेश की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही है। हमें गुलामी की मानसिकता को त्यागना होगा। अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करनी होगी।
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button