अमेरिका के प्रभुत्व को तोड़ेंगे चीन व नार्थ कोरिया

चीन और नॉर्थ कोरिया के बीच अमेरिका के प्रभुत्व को तोड़ने की खिचड़ी पक रही है। नॉर्थ कोरिया और चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई है जहां दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने और आधिपत्यवाद या एकतरफावाद का विरोध करने पर सहमति बनी है। शी जिनपिंग और किम जोंग के देश की तरफ से आधिपत्यवाद या एकतरफावाद की बात करने को अमेरिका के खिलाफ उनके विरोध के रूप में देखा जा रहा है।
न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार बीजिंग में दोनों की मुलाकात हुई। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह नेता किम जोंग उन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के छह साल से अधिक समय में पहली शिखर वार्ता के करीब तीन सप्ताह बाद यह बैठक हुई है। यहां उन्होंने आपसी समर्थन और सहयोग बढ़ाने का वादा किया। किम जोंग और शी जिनपिंग ने इससे पहले बीजिंग में एक विशाल सैन्य परेड में भाग लिया था, जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित अन्य विश्व नेता शामिल थे।
किम जोंग, शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन का बीजिंग परेड में एक साथ दिखना अपने आप में एक बड़ा मैसेज था। यहां अमेरिका के खिलाफ संभावित तीन-तरफा एकता प्रदर्शित की गई। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि चीन इस तरह के समझौते में रहते हुए अमेरिकी विरोध में कितनी दूर तक जाएगा।चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक में नॉर्थ कोरिया के विदेश मंत्री चो सोन हुई ने किम जोंग का हवाला देते हुए कहा कि चीन के साथ संबंधों को और मजबूत करना नॉर्थ कोरिया की अटल स्थिति है। नॉर्थ कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी ने सोमवार को बताया कि चो ने किम-शी शिखर सम्मेलन की भावनाओं के अनुरूप चीन के साथ दोस्ताना संबंधों को गहरा और विकसित करने का इरादा व्यक्त किया। वहीं चीन की शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार चीनी विदेश मंत्री वांग ने कहा कि चीन ष्सभी प्रकार के आधिपत्यवादष् का विरोध करता है, अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों में नॉर्थ कोरिया के साथ सहयोग को मजबूत करने के लिए तैयार है।