ईरान में सजा-ए-मौत के मामले तेजी से बढ़े

तेहरान में कई दशकों में सबसे ज्यादा लोगों को फांसी देने का काम जारी है। उसी कड़ी में यह ताजा मामला है जिस व्यक्ति को सजा-ए-मौत दी गई है, उसकी पहचान बहमन चूबियासल के रूप में हुई है।
हालांकि, ईरानी मीडिया और मौत की सजा पर नजर रखने वाले कार्यकर्ताओं को इस मामले की तत्काल कोई सूचना नहीं मिली है। इस व्यक्ति को जासूसी के आरोप में ऐसे समय में फांसी दी गई है, जब इस साप्ताहांत पर संयुक्त राष्ट्र ने परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। ईरान का कहना है कि चूबियासल ने इस्राइल की जासूसी एजेंसी मोसाद के अधिकारियों से मुलाकात की थी। वहीं, ईरान की न्यायपालिका की सूचना एजेंसी मिजान ने बताया कि चूबियासल संवेदनशील परियोजनाओं पर काम करता था और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात के मार्गों की जानकारी देता था। इस साल जून में इस्राइल के साथ संघर्ष के बाद से ईरान ने जासूसी के आरोप में नौ लोगों को फांसी दी है। संघर्ष में इस्राइल ने हवाई हमले करके करीब 1,100 लोगों को मार डाला था, जिनमें कई सैन्य कमांडर भी शामिल थे। इसके जवाब में ईरान ने इस्राइल पर मिसाइल हमले किए थे। सितंबर की शुरुआत में ईरान ने बाबक शाहबाजी नाम के व्यक्ति को भी फांसी दी थी। उस पर इस्राइल के लिए जासूसी करने का आरोप था लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस आरोप को खारिज किया था और कहा था कि शाहबाजी को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को पत्र लिखने के बाद झूठे कबूलनामे के लिए प्रताड़ित किया गया था। पिछले कुछ वर्षों में ईरान में आर्थिक तंगहाली, महिलाओं के लिए अधिकारों की मांग और देश की धार्मिक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं।