विश्व-लोक

कीर स्टार्मर के दौरे से पहले भारत-ब्रिटेन में बड़ा समझौता

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर अगले हफ्ते भारत आने वाले हैं। उनके इस दौरे से पहले भारत और ब्रिटेन ने कम्यूटर के क्षेत्र में एक बड़ा समझौता किया है। भारत और यूके ने यह समझौता क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में किया है। इससे जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग करके जलवायु परिवर्तन के हिसाब से फसलें उगाने में किसानों की मदद की जा सकेगी। इसके लिए इंपीरियल कॉलेज लंदन और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के बीच एक समझौता हुआ है। यह परियोजना ‘भारत-यूके टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी इनिशिएटिव’ (टीएसआई) का हिस्सा है, जो क्वांटम तकनीक पर आधारित है। इसका उद्देश्य मृदा सूक्ष्मजीवों को बेहतर बनाना और सूखे व जलवायु परिवर्तन से प्रभावित क्षेत्रों में फसलों की रक्षा के नए तरीके खोजना है। क्वांटम कंप्यूटिंग एक नई और उन्नत किस्म की कंप्यूटिंग तकनीक है, जो पारंपरिक कंप्यूटरों से बहुत अलग तरह से काम करती है। आम कंप्यूटर बिट्स पर आधारित होते हैं, जो या तो 0 होते हैं या 1 लेकिन क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम बिट्स या क्यूबिट्स पर काम करते हैं, जो एक ही समय में 0 और 1 दोनों हो सकते हैं। इसे सुपरपोजिशन कहा जाता है। इसके अलावा, क्वांटम कंप्यूटिंग में एंटैंगलमेंट नाम की एक और खासियत होती है, जिससे दो क्यूबिट्स आपस में इस तरह जुड़े रहते हैं कि एक पर किया गया असर दूसरे को भी तुरंत प्रभावित करता है, चाहे वे कितनी भी दूरी पर हों। इससे क्वांटम कंप्यूटर बहुत जटिल समस्याओं को पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी और सटीकता से हल कर सकते हैं। जैसे दवाओं की खोज, जलवायु मॉडलिंग, क्रिप्टोग्राफी, और मशीन लर्निंग आदि।

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