लेखक की कलम

राहुल गांधी का विदेश-विलाप

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी राजनीति के मूल पाठ भी नहीं पढ़ सके हैं। इस पर तुर्रा यह कि मुकाबला नरेन्द्र मोदी से करेंगे। मोदी हर जगह परिस्थितियों के अनुरूप बोलते हैं। रूस से तेल लेने के चलते अमेरिका नाराज है। पाकिस्तान का साथ देने के चलते भारत की चीन से नाराजगी है। सीमा विवाद अलग से है लेकिन चाहे संयुक्त राष्ट्र संघ हो, न्यूयार्क हो, बीजिंग हो या मास्को अथवा टोकियो। मोदी भारत की आत्मनिर्भरता को सामने रखते हैं। किसी अन्य देश का नाम लेकर आलोचना नहीं करते। आतंकवाद को पनाह देने वाले का समर्थन करने वालों की कठोर शब्दों मंे निंदा करते हैं। भारत पर अनुचित दबाव बनाने वालों की ऐसी-तैसी करने मंे भी नहीं हिचकते। अमेरिका और चीन जानते हैं लेकिन फिर भी नहीं बोल पाते। इसके विपरीत राहुल गांधी को इतना भी पता नहीं है कि भारत सरकार की आलोचना विदेशी धरती पर करेंगे तो देश भर को शर्मिंदगी महसूस होगी। भारत अपने लोकतंत्र पर गर्व करता है लेकिन राहुल गांधी ने दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के देश कोलंबिया की यात्रा पर जाकर भारत के उसी लोकतंत्र को कमजोर बताया। यह कोई पहली बार नहीं है। राहुल गांधी का विदेश-विलाप अब ऊब पैदा करने लगा है। भाजपा नेताओं को राहुल गांधी की लानत-मलामत का एक और मौका मिल गया है। सांसद कंगना रनौत ने तो उन्हंे कलंक तक कह दिया। दरअसल, कांग्रेस में राष्ट्रीय
अध्यक्ष का दायित्व भले ही मल्लिकार्जुन खड़गे संभाल रहे हैं लेकिन राहुल गांधी को कड़े शब्दों मंे चेतावनी देने का साहस वह भी नहीं कर सकते। श्रीमती सोनिया गांधी अस्वस्थ रहती हैं। इसलिए राहुल गांधी अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारा करते हैं।
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कोलंबिया की यात्रा पर हैं। यहां राहुल गांधी ने मेडेलिन स्थित ईआईए विश्वविद्यालय में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान राहुल गांधी ने भाजपा-आरएसएस की विचारधारा को कायरतापूर्ण बताया। राहुल गांधी ने ये भी आरोप लगाया कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। अब राहुल गांधी के इन बयानों की भाजपा ने कड़ी आलोचना की है। भाजपा ने राहुल गांधी पर विदेश जाकर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने कोलंबिया में केंद्र की एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। लोकतांत्रिक संस्थाओं पर प्लानिंग के साथ हमले हो रहे हैं और समाज के कुछ वर्गों को दबाया जा रहा है। बोलने की आजादी नहीं है। राहुल ने यह भी कहा कि भारत के लोग चीन की तरह का सिस्टम बर्दाश्त नहीं करेंगे। न तो उन्हें दबाया जा सकता है और न ही उन पर तानाशाही व्यवस्था लागू की जा सकती है।
राहुल गांधी ने कोलंबिया में आरएसएस और भाजपा पर भी हमला बोला और उन पर अपनी विचारधारा को कायरता पर आधारित करने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया, भाजपा-आरएसएस का यही स्वभाव है। उदाहरण के लिए, विदेश मंत्री ने एक बार कहा था, चीन हमसे कहीं ज्यादा शक्तिशाली है, मैं उनसे कैसे लड़ सकता हूं? उनकी विचारधारा के मूल में कायरता है।
जाहिर है कि भाजपा को राहुल का यह भाषण नागवांर गुजरा। भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा- राहुल गांधी ने फिर वही किया, विदेशी धरती पर भारत का अपमान किया। लंदन में हमारे लोकतंत्र को बदनाम करने से लेकर अमेरिका में हमारी संस्थाओं का मजाक उड़ाने तक और अब कोलंबिया में भी, वह भारत को वैश्विक मंच पर अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। आपने सत्ता खो दी। देशभक्ति मत खोइए। भाजपा की आलोचना करना आपका अधिकार हो सकता है, लेकिन अपनी घटिया और तुच्छ राजनीति के लिए भारत माता को बदनाम करने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर बड़ा हमला किया है। कंगना रनौत ने राहुल गांधी को एक कलंक बताया है। सांसद कंगना ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी हर जगह जाकर भारत को बदनाम करते हैं। कंगना ने कहा- वह एक कलंक हैं। सब जानते हैं कि वह हर जगह देश को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, देश की आलोचना कर रहे हैं। अगर वह देश की आलोचना कर रहे हैं, कह रहे हैं कि यहां के लोग झगड़ालू हैं, यहां के लोग ईमानदार नहीं हैं, इन सब बातों से, वह यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत के लोग नासमझ हैं। अगर वह यही कहना चाहते हैं, तो इसीलिए मैं उन्हें कलंक कहती हूं।
राहुल गांधी ब्राजील, कोलंबिया और अन्य जगहों का दौरा करेंगे, जहां उनके विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत करने की उम्मीद है. कांग्रेस ने कहा कि वह कई देशों के राष्ट्रपतियों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें करेंगे और लोकतांत्रिक एवं रणनीतिक संबंधों को मजबूत करेंगे. पार्टी ने यह भी कहा कि अमेरिकी शुल्क के मद्देनजर भारतीय व्यापार और साझेदारी में विविधता लाने के अपने प्रयासों के तहत, राहुल गांधी व्यापार जगत के प्रमुख लोगों के साथ मिलकर अवसरों की तलाश करेंगे. वह ब्राजील, कोलंबिया और अन्य जगहों के विश्वविद्यालयों के छात्रों से बातचीत करेंगे और वैश्विक नेताओं की अगली पीढ़ी के साथ संवाद स्थापित करेंगे. कांग्रेस ने कहा कि यह महत्वपूर्ण यात्रा ऐतिहासिक महत्व रखती है। कांग्रेस ने कहा कि भारत और दक्षिण अमेरिका ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन, ग्लोबल साउथ में एकजुटता और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता के माध्यम से लंबे समय से अपने संबंध साझा किए हैं। सोचा जा रहा था कि राहुल एक बार फिर विदेशी जमीन से देश के आतंरिक मुद्दों पर बोलेंगे, वैसा ही हुआ। उन्होंने बोस्टन में ब्राउन यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एक सत्र में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने पिछले साल हुए महाराष्ट्र चुनाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने देश की चुनाव प्रणाली और निर्वाचन आयोग की मंशा को कठघरे में खड़ा किया।
अमेरिका के बोस्टन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान और नेशनल हेराल्ड मामले में उनके शामिल होने को लेकर भाजपा हमलावर है। दरअसल, राहुल ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान भारतीय चुनाव प्रक्रिया और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। इसे लेकर सांसद संबित पात्रा ने कहा, विदेशी धरती पर देश का अपमान करना राहुल गांधी की पुरानी आदत है। वे लंबे समय से ऐसा करते आ रहे हैं। बोस्टन की ब्राउन यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी ने कहा, हमारे लिए यह बिल्कुल स्पष्ट है कि चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है और यह बिल्कुल स्पष्ट है कि व्यवस्था में कुछ गड़बड़ है। मैंने यह कई बार कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में वयस्कों की संख्या से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। चुनाव आयोग ने हमें शाम 5.30 बजे तक मतदान का आंकड़ा दिया और शाम 5.30 बजे से 7.30 बजे के बीच 65 लाख मतदाताओं ने मतदान किया। ऐसा होना असंभव है। एक मतदाता को मतदान करने में लगभग 3 मिनट लगते हैं और अगर आप गणित करें तो इसका मतलब है कि सुबह 2 बजे तक मतदाताओं की कतारें लगी हुई थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब हमने उनसे वीडियोग्राफी के लिए कहा तो उन्होंने न केवल मना कर दिया बल्कि उन्होंने कानून भी बदल दिया ताकि अब हम वीडियोग्राफी के लिए न कह सकें। कोलंबिया में राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र नहीं है और लोगों को बोलने की आजादी नहीं है। राहुल की विदेश की धरती पर भारत की आलोचना जनता को भी चुभ रही है। (अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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