लेखक की कलम

गरीबों का घर-योगी का प्रयोग

कहते हैं हर आदमी की तीन मूल जरूरतें होती है-रोटी, कपड़ा और मकान। शरीर है तो उसे भूख लगेगी। उसे खाने को रोटी चाहिए। पहनने को कपड़ा भी अब जरूरी है क्योंकि समाज में रहना है और खुले आसमान में सर्दी, गर्मी और वारिश रहने नहीं देगी इसलिए एक अदद छत भी चाहिए। एक कल्याणकारी सरकार का यह दायित्य भी होता है कि प्रत्येक आदमी को ये तीन जरूरतें उपलब्ध कराएं। उत्तर प्रदेश मंे योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सरकार बनायी थी। इसके बाद वह अपने स्तर से राम राज्य स्थापित करने का प्रयास भी कर रहे हैं। गरीबों को मुफ्त में राशन मिल रहा है इसकी व्यवस्था केन्द्र सरकार ने कर रखी है। कपड़ा भी मिल जाता है। सबसे बड़ी समस्या मकान की थी। इसका एक नायाब तरीका योगी आदित्यनाथ की सरकार ने तलाशा। हो सकता है कि कुछ लोग इसे कानून की नजर से उचित नहीं मानते हैं लेकिन सामान्य जनता को अच्छा लगा है। योगी सरकार ने भूमाफियाओं से अवैध जमीन मुक्त करायी और वहां गरीबों के लिए सस्ते फ्लैट बनवा दिये। पहला प्रयोग गत 5 नवम्बर को सफल हुआ जब कथित माफिया मुख्तार अंसारी की अवैध जमीन खाली कराकर लखनऊ के डालीबाग में 360 वर्ग मीटर के फ्लैट गरीबों को सौंपे गये। इनकी कीमत 10 लाख रूपये रखी गयी जो मौजूदा समय में काफी कम है। फ्लैट में एक छोटा हाल, एक कमरा, रसोई घर की जगह और स्वच्छता का ध्यान रखते हुए टायलट और वाशरूम बने हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस अब उन 100 से अधिक गैंगस्टरों की संपत्ति कुर्क करने की कवायद में जुटी है। इनकी जमीन पर भी गरीबों के लिए सस्ते मकान बनाए जाएंगे। योगी आदित्यनाथ का यह प्रयोग काफी चर्चित हो रहा है।
योगी आदित्यनाथ ने 5 नवम्बर गरीब परिवारों को घर की चाबियां सौंपीं। यह मकान माफिया मुख्तार अंसारी के कब्जे से खाली कराई गई जमीन पर बने हैं। ये लखनऊ की सबसे प्राइम लोकेशन पर हैं। एक घर की मार्केट वैल्यू एक करोड़ तक है लेकिन ये फ्लैट गरीब परिवारों को सिर्फ साढ़े 10 लाख रुपये में दिए गए हैं। फिलहाल सिर्फ ढ़ाई लाख रुपये जमा कराने हैं और बाकी का पैसा आसान किश्तों में देना होगा।हजरतगंज के पास डालीबाग इलाके में बने इन फ्लैट्स का आवंटन सीएम योगी ने किया। उन्होंने फ्लैट के अंदर जाकर सारी सुविधाओं का मुआयना किया और उन परिवारों से मुलाकात की जिन्हें घर मिले हैं। इसके बाद भव्य कार्यक्रम में योगी ने गरीबों को उनके घर की चाभी सौंपी और साथ में घर का जरूरी सामान भी गिफ्ट किया। जिन लोगों को घर मिले हैं उनमें समाज के पिछड़े, दलित, दिव्यांग, पूर्व सैनिक और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों समेत हर वर्ग के लोग शामिल हैं।
इस मौके पर योगी ने कहा कि गरीबों को मिले ये घर हर माफिया के लिए, अपराधियों को प्रोटेक्शन देने वाले नेताओं के लिए संदेश है कि जो जमीनों पर कब्जा करेगा उसका ऐसा ही हाल होगा क्योंकि उनकी सरकार माफिया को उसी भाषा में सबक सिखा रही है, जो भाषा माफिया समझते हैं। बता दें कि लखनऊ के जिस इलाके में ये फ्लैट बने हैं उससे 2 किलोमीटर के दायरे में मुख्यमंत्री आवास है, गवर्नर हाउस है। मंत्री विधायक रहते हैं, डीजीपी ऑफिस है। इस इलाके में कोई गरीब परिवार का व्यक्ति घर खरीदने के बारे में सोच भी नहीं सकता। इसीलिए आज जब सीएम योगी ने गरीबों को घर की चाबी दी तो सोनू कनौजिया जैसे कई लोगों की आंखों में आंसू आ गए। सोनू दूध बेचने का काम करते हैं। पाई पाई जोड़कर वह सिर पर छत का इंतजाम करना चाहते थे। उन्होंने कई बार सरकारी स्कीम्स में अप्लाई किया लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। सीएम ने जब उन्हें घर के कागज सौंपे तो सोनू खुशी से रोने लगे। सोनू ने कहा कि उनकी किस्मत ऐसे बदलेगी, ये कभी सपने में भी नहीं सोचा था। ये चमत्कार योगी ही कर सकते हैं। घर मिलने की खुशी में भावुक लाभार्थियों ने कहा कि सीएम योगी ने उनकी उम्मीदें पूरी की है। बड़े-बड़े लोगों के बारे में तो सब सोचते हैं लेकिन योगी ने गरीबों का ख्याल रखा। अगर हर नेता ऐसे ही काम करे तो समाज से गरीबी दूर हो सकती है। अपराधियों के हौसले पस्त पड़ सकते हैं। लाभार्थियों ने कहा कि इस घर से उनकी जिंदगी बदल जाएगी, उनके बच्चे अच्छे इलाके में रहेंगे। अच्छे स्कूलों में पढ़ेंगे तो पीढ़ियां सुधर जाएंगी।
आपको बता दें कि एक जमाना था जब मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया का काफिला निकलता था तो चीफ जस्टिस की गाड़ी को भी रोक दिया जाता था। मुख्तार और अतीक कहीं भी, कभी भी, किसी भी जमीन पर कब्जा कर सकते थे। वो महल भी बना सकते थे और मॉल भी, कोई रोकने वाला नहीं था लेकिन योगी आदित्यनाथ ने गाड़ी पलट दी। अतीक और उससे जुड़े लोगों की 1600 करोड़ की संपत्ति से कब्जा हटा दिया। मुख्तार और उसके गैंग की 600 करोड़ की संपत्ति या तो जब्त हुई या उस पर बुलडोजर चला। सबसे बड़ा काम 5 नवम्बर को हुआ। माफिया के महल की मिट्टी पर गरीब को फ्लैट मिले। इसका मैसेज दूर तक जाएगा। बड़ी बात ये है कि गरीबों को देव दीपावली के दिन कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर घरों की चाभी मिली है इसलिए ये घर उनके जीवन में खुशियों की रौशनी लाएगा।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार माफियाओं पर शिकंजा कसकर उनके कब्जे वाली जमीनों को मुक्त करा गरीबों के लिए घर मुहैया करा रही है। इसी कड़ी में माफिया मुख्तार अंसारी के कब्जे वाली जमीनों को खाली करा बनाए गए फ्लैट्स लाभार्थियों को सौंपे गये। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद लाभार्थियों को इन घरों की चाबी मुहैया करायी। जानकारी के मुताबिक लखनऊ में डीजीपी आवास के सामने एकता वन में आयोजित कार्यक्रम में 72 लाभार्थियों को सीएम योगी ने इन फ्लैट्स की चाबी दी। माफिया मुख्तार अंसारी से खाली कराई गई डालीबाग की कीमती जमीन पर ये फ्लैट्स बनाए गए हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल आवासीय योजना के तहत इन ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स का निर्माण कराया गया है। लॉटरी के तहत इन फ्लैट्स का आवंटन किया गया है। लॉटरी की प्रक्रिया पूरी हुई। इन फ्लैट्स की कीमत 10.70 लाख रुपये है।
इसी प्रकार इटावा, फिरोजाबाद और बाराबंकी मंे माफियाओं की जमीन कुर्क की गयी। इटावा में सिविल लाइंस पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत इंद्रपाल यादव और अशोक यादव नामक दो भाइयों की चैबिया गांव स्थित लगभग 6 करोड़ रुपये की जमीन कुर्क की।
फिरोजाबाद के मक्खनपुर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए गिरोह के सरगना प्रमोद कुमार की 34.25 लाख रुपये की तीन संपत्तियां कुर्क कीं। यह संपत्तियां उसकी पत्नी के नाम पर थीं। प्रमोद पर चोरी, लूट, मारपीट और दहेज हत्या जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई। उसकी दीदामई में आवासीय प्लाट, रैपुरा में प्लाट और बुढरई में अर्द्धनिर्मित मकान को कुर्क कर जब्त किया गया।
बाराबंकी में पुलिस प्रशासन ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने वाले गैंगस्टर अभिजीत शर्मा पर बड़ी कार्रवाई की है। धोखाधड़ी और जालसाजी से जुटाई गई 1.30 करोड़ की चल-अचल संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत कुर्क किया गया है। प्रशासन ने मुनादी पीटकर संपत्तियों को कब्जे में लिया है। डीएम के आदेश पर थाना सफदरगंज व जैदपुर पुलिस टीम ने करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपये मूल्य की संपत्ति को धारा 14(1) गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क कर लिया। कार्रवाई के दौरान प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में गैंगस्टर की संपत्ति पर ढोल-नगाड़े के साथ मुनादी कर जमीनों पर बोर्ड लगा कर कब्जे में ले लिया।(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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