तुर्किए व मिस्र के हाथ लगा ऊर्जा का बड़ा खजाना

दुनिया में एक समय जब ऊर्जा को लेकर लड़ाई चल रही है, तब दो देशों की किस्मत एक साथ चमक उठी है। मिस्र और तुर्की के हाथ बड़ा खजाना लगा है। दोनों ने प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार मिलने का ऐलान किया है, जिससे आने वाले वर्षों में इनकी अर्थव्यवस्थाओं को जबरदस्त ताकत मिल सकती है।
मिस्र के पेट्रोलियम मंत्रालय ने घोषणा की कि वेस्टर्न डेजर्ट के बदर-15 क्षेत्र में प्राकृतिक गैस का नया भंडार मिला है। मंत्रालय के अनुसार इस क्षेत्र से 16 मिलियन घन फीट गैस और 750 बैरल कंडेन्सेट प्रतिदिन उत्पादन की क्षमता है। अनादोलु एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह अनुमान लगाया गया है कि इस नए क्षेत्र से 15 अरब घन फीट गैस मिस्र के राष्ट्रीय भंडार में जोड़ी जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि यह खोज उसकी निवेश प्रोत्साहन नीतियों का नतीजा है, जिनका उद्देश्य उत्पादन बढ़ाना और आयात पर निर्भरता घटाना है। मिस्र के पेट्रोलियम मंत्री करीम बदावी ने बताया कि सरकार आने वाले पांच साल में दैनिक गैस उत्पादन को 6.4 से 6.6 अरब घन फीट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। इसके लिए भूमध्य सागर में 14 नई खोजी कुओं की खुदाई की जाएगी, जिनसे 12 ट्रिलियन घन फीट गैस मिलने की उम्मीद है। मिस्र के एक दिन पहले तुर्की ने भी ऐलान किया कि उसे इस साल 92.4 अरब घन मीटर प्राकृतिक गैस का भंडार मिला है, जिसकी अनुमानित कीमत 37 अरब डॉलर है। यह खोज देश के इतिहास में सबसे बड़ी खोजों में से एक मानी जा रही है। तुर्की के ऊर्जा मंत्री अलपरस्लान बायराकतार ने संसद की बजट समिति के सामने बताया कि मई में गोकतेपे-3 कुएं में 75 अरब घन मीटर गैस का विशाल भंडार मिला था। उन्होंने कहा कि 2026 तक देश 300 नई खुदाई परियोजनाएं शुरू करेगा, जिनमें 282 स्थल पर और 18 समुद्र में होंगी। मंत्री ने बताया कि तुर्की ने अब तक के सबसे ऊंचे तेल और गैस उत्पादन स्तर हासिल कर लिया है। देश की दैनिक तेल उत्पादन क्षमता 1.8 लाख बैरल तक पहुंच गई है।



