तिरपाल से मंदिर तक की यात्रा

(अयोध्या, उत्तर प्रदेश)
श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या से जुड़ा राम मंदिर का इतिहास कई शताब्दियों पुराना है। इसमें धार्मिक आस्था, पुरातात्त्विक तथ्य, राजनीतिक घटनाएँ और न्यायिक प्रक्रियाएँ सम्मिलित हैं। नीचे इसका क्रमबद्ध और सरल इतिहास दिया गया है:
1. प्राचीन काल
अयोध्या को प्राचीन हिंदू ग्रंथों—वाल्मीकि रामायण, स्कंद पुराण, विष्णु पुराण—में भगवान राम की जन्मभूमि बताया गया है।
माना जाता है कि यहाँ प्राचीन काल में एक राम मंदिर था जहाँ रामलला की पूजा होती थी।
2. मध्यकाल (1528)
स्थानीय परंपराओं के अनुसार, 1528 में मुग़ल सेनापति मीर बाकी ने एक मस्जिद बनवाई जिसे बाद में बाबरी मस्जिद कहा गया।
कई ऐतिहासिक विवरण बताते हैं कि यह मस्जिद राम जन्मभूमि स्थल पर बनी थी।
स्थानीय हिंदू समुदाय लगातार यह दावा करते रहे कि यहाँ पहले मंदिर था।साल 1992 को जन्मभूमि में रामलला को देख लिया था प्रण : पीएम मोदी
3. 1853–1949: विवाद का औपचारिक रूप
1853: पहली बार धार्मिक विवाद के रूप में संघर्ष सामने आया।
1859: ब्रिटिश प्रशासन ने विवाद रोकने के लिए स्थल पर हिंदुओं और मुसलमानों के लिए “अंदर–बाहर” के स्थान तय किए।
1949: विवाद का बड़ा मोड़—मस्जिद के अंदर रामलला की मूर्ति स्थापित हुई। इसके बाद प्रशासन ने स्थल को “विवादित” घोषित कर ताला लगा दिया।
4. 1950–1992: मुकदमे और आंदोलन
1950–1961 के बीच हिंदू और मुस्लिम पक्ष की ओर से कई मुकदमे दायर हुए।
1986: जिला न्यायालय ने हिंदुओं के लिए मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी और ताला खोल दिया।
1990–1992: अयोध्या आंदोलन तेजी से बढ़ा।
6 दिसंबर 1992: बाबरी ढाँचा ढह गया।
5. 1992–2010: जांच और अदालतें
घटनाओं की जांच लिब्रहान आयोग ने की।
मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में चला।
6. 2010: इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला
हाई कोर्ट ने स्थल को तीन हिस्सों में बाँटने का निर्णय दिया—
रामलला विराजमान (हिंदू पक्ष)
निर्मोही अखाड़ा
सुन्नी वक्फ बोर्ड
बाद में सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
7. 2019: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
9 नवंबर 2019: सुप्रीम कोर्ट ने एकमत से फैसला सुनाया—
पूरा विवादित स्थल रामलला विराजमान को सौंपा जाएगा।
मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ भूमि मुस्लिम पक्ष को दी जाएगी।
ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की रिपोर्ट में स्थल पर मंदिर-जैसी संरचना होने के प्रमाण मिले।
8. 2020–2024: मंदिर निर्माण
5 अगस्त 2020: प्रधानमंत्री द्वारा भूमि पूजन किया गया।
भव्य राम मंदिर का निर्माण राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा हुआ।
22 जनवरी 2024: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई और मंदिर भक्तों के लिए खुल गया।
9. वर्तमान (2024–2025)
मंदिर का गर्भगृह, मुख्य भवन, पार्श्व मंदिर, संग्रहालय, तीर्थ क्षेत्र का विकास लगातार जारी है।
यह स्थल अब भारत श्रद्धा, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन चुका है।


