मोदी को भा गयी ड्रोन प्रतियोगिता

कुछ दिनों पहले भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने ड्रोन प्रतियोगिता का आयोजन किया था। ड्रोन आज के समय का बहुत चर्चित उपकरण हो गया है। इससे युद्ध के मैदान मंे मिसाइल गिरायी जाती है तो दुश्मन देश जासूसी भी करते हैं। ड्रोन से विशेष आयोजनों की निगरानी भी की जाती है। यही कारण है कि छोटे-छोटे बच्चे घरों मंे ड्रोन बनाकर उड़ाते हैं। इसरों की अनोखी ड्रोन प्रतियोगिता मंे युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस प्रकार विज्ञान के प्रति उनकी लगन और समर्पण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान युवाओं ने आकर्षित किया। नरेन्द्र मोदी ने जब से प्रधानमंत्री का दायित्व संभाला हैं, तभी से महीने के अंतिम रविवार को आल इंडिया रेडियो के माध्यम से देश की जनता से अपने मन की बात विस्तार से करते हैं। गत 30 नवम्बर को मन की बात के 128वें एपिसोड मंे इसरों की ड्रोन प्रतियोगिता और युवाओं की विज्ञान के प्रति लगन को मोदी ने प्रमुखता दी। इसके साथ
ही संविधान दिवस, वंदेमातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने और कृषि क्षेत्र मंे बड़ी उपलब्धि का जिक्र करते हुए वोकल फार लोकल का मंत्र दिया। मोदी
की मन की बात कार्यक्रम को गुनगुनी धूप मंे बैठकर लोगों ने बहुत ध्यान से सुना।
पीएम मोदी ने कहा कि नवंबर का महीना बहुत सी प्रेरणाएं लेकर आया, कुछ दिन पहले ही 26 नवंबर को संविधान दिवस पर सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। वंदेमातरम् के 150 वर्ष होने पर पूरे देश में होने वाले कार्यक्रमों की शानदार शुरुआत हुई। अयोध्या में राम मंदिर पर धर्मध्वजा का आरोहण 25 नवम्बर को हुआ। इसी दिन कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में पांचजन्य स्मारक का लोकार्पण हुआ। कुछ दिन पहले ही मैंने हैदराबाद में दुनिया की सबसे बड़ी लीप इंजन एमआरओ फैसिलिटी का उद्घाटन किया है। एयरक्राफ्ट्स की मेंटीनेंस, रिपेयर एवं ओवरहाल के सेक्टर में भारत ने ये बहुत बड़ा कदम उठाया है। पिछले हफ्ते मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान आईएनएस माहे को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। पिछले ही हफ्ते भारत के स्पेस इकोसिस्टम को स्काईरूट के इनफीनिटी केम्पस ने नई उड़ान दी है। ये भारत की नई सोच, इनोवेशन और यूथ पावर का प्रतिबिंब बना है।
पीएम ने कहा कि कृषि क्षेत्र में भी देश ने बड़ी उपलब्धि हासिल की। भारत ने 357 मिलियन टन के खाद्यान्न उत्पादन के साथ एक ऐतिहासिक रिकार्ड बनाया है। अब से 10 साल पहले की तुलना में भारत का खाद्यान्न उत्पादन 100 मिलियन टन और बढ़ गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों की दुनिया में भी भारत का परचम लहराया है। कुछ दिन पहले भारत को कॉमनवेल्थ खेलों की मेजबानी का भी ऐलान हुआ। ये उपलब्धियां देश की हैं, देशवासियों की हैं और मन की बात देश के लोगों की ऐसी उपलब्धियों को, लोगों के सामूहिक प्रयासों को जन-सामान्य के सामने लाने का, एक बेहतरीन मंच है।
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो ने मेरा ध्यान खींचा। ये वीडियो इसरो की एक अनोखी ड्रोन प्रतियोगिता का था। इस वीडियो में हमारे देश के युवा और खासकर हमारे जेनजी मंगल ग्रह जैसी परिस्थितियों में ड्रोन उड़ाने की कोशिश कर रहे थे। ड्रोन उड़ते थे, कुछ पल संतुलन में रहते थे, फिर अचानक जमीन पर गिर पड़ते थे। जानते हैं क्यों? क्योंकि यहां जो ड्रोन उड़ रहे थे, उनमें जीपीएस का सपोर्ट बिल्कुल नहीं था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मंगल ग्रह पर जीपीएस संभव नहीं इसलिए ड्रोन को कोई बाहरी संकेत या गाइडेंस नहीं मिल सकता। ड्रोन को अपने कैमरे और इनबिल्ट साफ्टवेयर के सहारे उड़ना था। उस छोटे-से ड्रोन को जमीन के पैटर्न पहचानने थे, ऊंचाई मापनी थी, बाधाएं समझनी थी, और खुद ही सुरक्षित उतरने का रास्ता ढूंढना था। इसलिए ड्रोन भी एक के बाद एक गिरे जा रहे थे। पीएम ने कहा कि इस प्रतियोगिता में पुणे के युवाओं की एक टीम ने कुछ हद तक सफलता पाई उनका ड्रोन भी कई बार गिरा, क्रैश हुआ पर उन्होंने हार नहीं मानी। कई बार के प्रयास के बाद इस टीम का ड्रोन मंगल ग्रह की परिस्थिति में कुछ देर उड़ने में कामयाब रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस एपिसोड में भारत के वर्तमान प्रगति से लेकर इतिहास की गौरव गाथा तक, साथ ही उन्होंने साइंस और एग्रिकल्चर में तरक्की की भी बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आप सभी से हमेशा वोकल फार लोकल के मंत्र को साथ लेकर चलने की बात करता हूं। अभी कुछ दिनों पहले जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जब विश्व के कई नेताओं को उपहार देने की बात आई, तो मैंने फिर वोकल फार लोकल कहा। मैंने देशवासियों की ओर से विश्व के नेताओं को जो उपहार भेंट किए, उसमें इस भावना का विशेष ध्यान रखा गया।
पीएम मोदी ने कहा कि जिस बात की और भी अधिक चर्चा हो रही है, वो है हमारी महिला टीम का ब्लाइंड क्रिकेट वल्र्ड कप जीतना। बड़ी बात यह है कि हमारी इस टीम ने बिना एक भी मैच हारे, इस टूर्नामेंट को जीता है। देशवासियों को इस टीम के हर खिलाड़ी पर बहुत गर्व है। मेरी इस टीम से प्रधानमंत्री निवास पर मुलाकात हुई। वाकई इस टीम का हौंसला, उनका जज्बा हमें बहुत कुछ सिखाता है। यह विजय हमारे खेल इतिहास की सबसे बड़ी जीतों में से एक है, जो हर भारतीय को प्रेरित करती रहेगी।
पीएम ने कहा इन दिनों उत्तराखंड का विंटर टूरिज्म लोगों को बहुत आकर्षित कर रहा है। सर्दियों के मौसम में औली, मुनस्यारी, चोपटा और डेयारा जैसी जगहें खूब पॉपुरल हो रही हैं। पिथौरागढ़ जिले में 14,500 फुट से अधिक की ऊंचाई पर आदि कैलाश में राज्य की पहली हाई एटीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन का आयोजन किया गया था। इसमें देश भर के 18 राज्यों से 750 से ज्यादा एथलिट्स ने हिस्सा लिया था। मुंबई में आईएनएस ‘माहे’ को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। कुछ लोगों के बीच इसके स्वदेशी डिजाइन को लेकर खूब चर्चा रही। वहीं, पुडुचेरी और मालाबार कोस्ट के लोग इसके नाम से ही खुश हो गए। दरअसल इसका ‘माहे’ नाम उस स्थान माहे के नाम पर रखा गया है, जिसकी एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत रही है। पीएम मोदी ने मन की बात में बताया, ‘दूसरे विश्व युद्ध की कल्पना कीजिए। जब चारों ओर विनाश का भयावह माहौल बना हुआ था। ऐसे मुश्किल समय में गुजरात के नवानगर के जाम साहब, महाराजा दिग्विजय सिंह जी ने जो महान कार्य किया, वो आज भी हमें प्रेरणा देता है। जाम साहब किसी सामरिक गठबंधन या युद्ध की रणनीति को लेकर नहीं सोच रहे थे। बल्कि उनकी चिंता ये थी कि कैसे विश्व युद्ध के बीच पोलिश यहूदी बच्चों की रक्षा हो। उन्होंने गुजरात में तब हजारों बच्चों को शरण देकर उन्हें नया जीवन दिया, जो आज भी एक मिसाल है।
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में देश के विभिन्न स्थलों पर शहद बनाने के बारे मंे भी बताया। उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में वन तुलसी यानी सुलाई, सुलाई के फूलों से यहां की मधुमक्खियां बेहद अनोखा शहद बनाती हैं। ये सफेद रंग का शहद होता है, जिसे रामबन सुलाई शहद कहा जाता है। कुछ वर्षों पहले ही रामबन सुलाई शहद को जीआई टैग मिला है। इसी प्रकार दक्षिण कन्नड़ा जिले के पुत्तुर में वहां की वनस्पतियां शहद उत्पादन के लिए उत्कृष्ट मानी जाती हैं। यहां ‘ग्रामजन्य’ नाम की किसान संस्था इस प्राकृतिक उपहार को नई दिशा दे रही है। कर्नाटका के ही तुमकुरु जिले में ‘शिवगंगा कालंजिया’ नाम की संस्था का प्रयास भी बहुत सराहनीय है। इनके द्वारा यहां हर सदस्य को शुरुआत में दो मधुमक्खी बॉक्स दिए जाते हैं। ऐसा करके इस संस्था ने अनेक किसानों को अपने अभियान से जोड़ दिया है।
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)



