लेखक की कलम

महाराष्ट्र के निकाय चुनाव

समयावधि बीतने के बाद और कोर्ट के हस्तक्षेप पर महाराष्ट्र में नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के लिए मतदान प्रारम्भ हुआ लेकिन फर्जी मतदान और हिंसा के आरोपों ने लोकतंत्र पर सवालिया निशान लगाया है। मतदान का पहला चरण 2 दिसम्बर को सम्पन्न हुआ। इसके अलावा 24 स्थानीय निकायों का चुनाव 20 दिसम्बर को होगा। यही कारण है कि बम्बई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को सभी स्थानीय निकायों की मतगणना 21 दिसम्बर को कराने का निर्देश दिया। पहले यह मतगणना 3 दिसंबर को ही होनी थी। सत्तारूढ़ महायुति और विपक्ष़्ाी महा विकास अघाड़ी के अंदरूनी झगड़े इन चुनावों को निश्चित रूप से प्रभावित करेंगे। स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण का पेंच फंसा हुआ था। गत 26 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने सख्त चेतावनी दी थी कि आरक्षण की सीमा पार कर चुकी नगर निकायों के चुनाव को रद्द कर दिया जाएगा। कोर्ट ने 57 निकायों की सूची और प्रत्येक में ओबीसी आरक्षण का विवरण मांगा था। सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी के अंदरूनी झगड़े इन चुनावों को निश्चित रूप से प्रभावित करेंगे।
महाराष्ट्र में 264 नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के लिए 2 दिसंबर को पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया। वोटिंग के दौरान फर्जी मतदान एवं हिंसा की खबरें भी सामने आईं। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने मंगलवार एक आदेश में कहा कि चुनाव आयोग 3 दिसंबर की बजाए 21 दिसंबर को नतीजे घोषित करे। इस फैसले की वजह यह है कि अगर 3 दिसंबर को नतीजे आते, तो 24 स्थानीय निकाय जहां पर वोटिंग 20 को होगी, वहां के मतदाता प्रभावित हो सकते थे। अदालत ने 20 दिसंबर तक ‘एग्जिट पोल’ पर भी रोक लगा दी।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में अंबरनाथ नगर परिषद के चुनाव आगे बढ़ा दिए गए हैं, लेकिन शहर का राजनीतिक माहौल अचानक गरमा गया है। प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच 30 नवंबर को तीखी झड़प और मारपीट का मामला सामने आया था, जिसके बाद इलाके में तनाव हो गया है। यह घटना रात लगभग 1 बजे की है। पैनल नंबर 4 से शिवसेना के उम्मीदवार निखिल वालकर और उनके सहयोगी यश वालकर कुछ समर्थकों के साथ बीजेपी उम्मीदवार पवन वालकर के चुनाव कार्यालय के सामने पहुंचे। पवन वालकर की ओर से आरोप लगाया गया कि इस दौरान निखिल वालकर ने जानबूझकर पवन वालकर से वाद-विवाद करने की कोशिश की। पवन वालकर ने सवाल उठाया कि चुनाव स्थगित होने के बावजूद इतनी देर रात को प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार के कार्यालय के बाहर पहुंचने का क्या उद्देश्य था। यह विवाद जल्द ही बढ़ गया और पवन वालकर के समर्थकों ने शिवसेना उम्मीदवार के समर्थकों पर मारपीट का गंभीर आरोप लगाया । पवन वालकर के कार्यालय के बाहर हुई इस कथित मारपीट की घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है।
पवन वालकर के समर्थकों ने यह भी गंभीर आरोप लगाया है कि क्षेत्र में दहशत फैलाने के लिए अंबरनाथ के बाहर से पेशेवर गुंडों को बुलाया गया था। इस घटना के बाद से ही क्षेत्र का राजनीतिक माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया है। माना जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच अब कानूनी लड़ाई शुरू हो सकती है।
स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के दौरान कई स्थानों से हिंसा की खबरें आईं और कुछ स्थानों पर भाजपा, राकांपा और शिवसेना के समर्थकों के बीच झड़प की घटनाएं हुईं। हिंगोली में नियमों का उल्लंघन करके मतदान केंद्र में प्रवेश करने के आरोप में शिवसेना विधायक संतोष बांगर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
स्थानीय नेताओं ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर मतदाताओं को नकदी बांटने और फर्जी मतदान कराने का आरोप भी लगाया, जिसके बाद झड़पें हुईं। भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा राज्य स्तर पर सहयोगी हैं, लेकिन उनके उम्मीदवार या पैनल कई जगहों पर एक-दूसरे के खिलाफ लड़े और यहां तक कि विपक्षी दलों के साथ गठबंधन भी किया। रायगढ़ जिले के महाड, बीड के गेवराई, जलगांव के मुक्ताई नगर, पुणे के भोर, सतारा के म्हसवद, सांगली के जाट, हिंगोली, बुलढाणा, ठाणे के दहानू और नंदुरबार जिले के शहादा में राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुईं। महाड में शिवसेना मंत्री भरत गोगावाले के बेटे विकास गोगावाले के समर्थकों और राकांपा के सुशांत जाबरे के समर्थकों के बीच नवीन नगर इलाके में झड़प हो गई। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में एक व्यक्ति ने बंदूक भी लहराई। वहीं बीड जिले के गेवराई में दो समूहों के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद भाजपा नेता के आवास के बाहर शाहू नगर में पथराव हुआ और वाहनों में तोड़फोड़ की गई, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। गेवराई कस्बे में लगभग 50 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। बुलढाणा में पुलिस ने दो फर्जी मतदाताओं को पकड़ा। बुलढाणा में कांग्रेस ने फर्जी मतदान का आरोप लगाया। महाराष्ट्र कांग्रेस ने दावा किया कि बुलढाणा में नगर परिषद चुनाव के लिए मतदान शुरू होने के महज डेढ़ घंटे बाद एक मतदान केंद्र पर दो संदिग्ध फर्जी मतदाता पकड़े गए। विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि शिवसेना विधायक संजय गायकवाड बुलढाणा नगर परिषद चुनाव में फर्जी वोट डालने के लिए ग्रामीण इलाकों से लोगों को ला रहे थे। हालांकि, अधिकारियों की ओर से इस आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। निर्वाचन अधिकारियों ने एक वीडियो के बाद जांच शुरू की, जिसमें शिवसेना विधायक संतोष बांगर को हिंगोली में एक महिला के वोट डालने के दौरान कथित तौर पर मतदान केंद्र में प्रवेश करते हुए दिखाया गया। वीडियो में विधायक को मतदान केंद्र में प्रवेश करते, बाड़े में झांकते और उससे बात करते हुए देखा गया। सांगली जिले के जाट में भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बहस हुई।
नंदुरबार जिले में कम से कम चार ईवीएम खराब होने से मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें लग गईं। अमरावती, बदलापुर, नांदेड़, जलगांव, यवतमाल, भोकरदन और अकलुज में भी ईवीएम में खराबी की शिकायतें मिलीं। अधिकारी के मुताबिक, चंद्रपुर जिले के गढ़चंदूर में एक मतदाता ने ईवीएम तोड़ दी। नासिक जिले के येओला में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के एक कार्यकर्ता को कुछ लोगों ने कथित तौर पर पैसे बांटते हुए पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। जिस प्रकार शिकायतें मिलीं उनसे चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठना स्वाभाविक है। दूसरे चरण में ऐसी शिकायतें नहीं मिलनी चाहिए।
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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