लेखक की कलम

भारत के लिए भरोसेमंद पुतिन

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंच चुके हैं। पुतिन की यह भारत यात्रा ऐसे समय हुई जब अमेरिका के टैरिफ वार के चलते हम मुश्किल के दौर से गुजर रहे हैं। रूस हमारा पुराना दोस्त है। सन् 1971 में जब भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए उसके दो टुकडे कर दिये थे तब भी अमेरिका ने भारत को धमकाने के लिए अपना लड़ाकू सातवां बेड़ा रवाना कर दिया था लेकिन रूस ने भी जब अपना जंगी जहाज भारत की सहायता के लिए रवाना किया तब अमेरिका पीछे हट गया था। इसलिए दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर पुतिन को रिसीव करने स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे और लाल कालीन बिछाकर स्वागत किया गया। भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा हवाई अड्डे पर पुतिन का स्वागत अप्रत्याशित था। राष्ट्रपति भवन से इस प्रकार की कोई जानकारी पहले नहीं दी गयी थी। मोदी ने कहा अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। इस बीच रूस के आर्थिक विकास मंत्री मैक्सिम रेशेतनिकोव ने सुखद संकेत दिया कि रूस अपने बाजार में भारतीय वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहा कि व्यापारिक संबंधों के संदर्भ में रूस व्यापार आदान-प्रदान बढ़ाने में रुचि रखता है। हम रूसी बाजार में भारतीय उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने और व्यापार संतुलन बनाने में रुचि रखते हैं, क्योंकि वर्तमान में रूसी सामान भारतीय बाजार में बहुत अधिक मात्रा में हैं, जबकि भारतीय सामान रूसी बाजार में उस अनुपात में नहीं हैं। पुतिन के आगमन से व्यापार ही नहीं रक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण समझौते की संभावना बन गयी।
रूस के आर्थिक विकास मंत्री रेशेतनिकोव ने कहा कि हम भारत से उत्पाद खरीदने में बहुत रुचि रखते हैं। हम इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी के लिए आभारी हैं, जिसमें दोनों देशों के कई मंत्री शामिल हैं। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन है, जिससे हमारे नेताओं की वार्ता सफल होगी और 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य की प्राप्ति की उम्मीद जगेगी। इससे पहले रूस के वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव ने विश्वास जताया कि रूस और भारत 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। हाल के वर्षों में तेज व्यापार वृद्धि और कई क्षेत्रों में सहयोग विस्तार का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि रूस के राज्य स्वामित्व वाले वीटीबी बैंक के नई दिल्ली में नए प्रमुख कार्यालय का उद्घाटन बढ़ते व्यापार को सहारा देने के लिए वित्तीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम है। उन्होंने भारत से आयात बढ़ाने के राष्ट्रपति के निर्देश को लागू करने के लिए चल रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला और कहा, हम वर्तमान में भारत से आयात बढ़ाने के राष्ट्रपति के कार्य को लागू करने में जुटे हैं।
रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री तथा भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग) के रूसी सह-अध्यक्ष डेनिस मंटुरोव ने 100 अरब डॉलर के लक्ष्य को वास्तव में महत्वाकांक्षी बताया और कहा कि इसे हासिल करने के लिए दोनों देशों की सरकारों, व्यवसायों और वित्तीय संस्थानों के संयुक्त एवं समन्वित प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि हम रूस-भारत सहयोग के विस्तार के लिए अनुकूल माहौल और जरूरी परिस्थितियां बनाकर व्यापारिक समुदाय का समर्थन कर रहे हैं। अंतर-सरकारी आयोग की नियमित बैठकों को निवेश परियोजनाओं पर चर्चा का प्रमुख मंच बताते हुए मंटुरोव ने कहा कि 100 अरब डॉलर का लक्ष्य सचमुच महत्वाकांक्षी है। इसके लिए द्विपक्षीय व्यापार की गुणवत्ता और संरचना पर काम करना होगा। इसके लिए सरकारों के साथ-साथ व्यवसायों और वित्तीय संस्थानों के ठोस प्रयास भी अपेक्षित हैं।
भारत में भी बहुत अनुकूल प्रतिक्रिया हो रही है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शिकायत की है कि विदेशी मेहमानों से उनको मिलने नहीं दिया जाता। राहुल के आरोपों को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, लोकतंत्र में अच्छा होगा कि जो भी आते हैं हमारे देश में, वे सबसे मिल लें, लेकिन मैं इसके बारे में डिटेल्स नहीं जानता हूं। राहुल का संदर्भ भी पुतिन की यात्रा से जुडा है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर थरूर ने कहा कि मुझे लगता है कि यह एक जरूरी विजिट है, और हमारे देश में, बिना किसी शक के, रूस, चीन और अमेरिका के साथ कई जरूरी बाइलेटरल रिलेशन बनाए रखने की जरूरत है। हम यह बात नहीं मान सकते कि एक रिश्ता दूसरे रिश्ते के नेचर से तय होना चाहिए।
प्रेसिडेंट पुतिन के यहां आने पर साइन किए जा सकने वाले कुछ पॉसिबल एग्रीमेंट पर काम करने के लिए एक्सपर्ट लेवल पर पहले ही बहुत सारी बातचीत हो चुकी है, और यह हमारे लिए बहुत कीमती होगा… डिफेंस कोऑपरेशन बहुत जरूरी रहा है। हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की यूटिलिटी पहले ही देख ली थी। अब और एस-400, या शायद एस-500 पर भी बातचीत हो रही है… हमारे वर्कर्स के लिए एक मोबिलिटी एग्रीमेंट की संभावना है। मुझे यकीन है कि हमारे प्राइम मिनिस्टर और प्रेसिडेंट पुतिन के बीच अच्छी बातचीत होगी। इसप्रकार मुख्य विपक्षी पार्टी का भी पुतिन की यात्रा सुखद संभावना से भरी दिख रही है।
गत 4 दिसम्बर को पुतिन के भारत आते ही रूस की सरकारी न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन ने कहा कि उसने तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में तीसरे संयंत्र की प्रारंभिक लोडिंग के लिए परमाणु ईंधन की पहली खेप पहुंचा दी है। रूसी कॉर्पोरेशन ने कहा कि रोसाटॉम के न्यूक्लियर फ्यूल डिवीजन द्वारा ऑपरेट की गई एक कार्गो फ्लाइट ने नोवोसिबिर्स्क केमिकल कंसन्ट्रेट प्लांट द्वारा निर्मित ईंधन संयोजकों की आपूर्ति की। पूरे रिएक्टर कोर और कुछ रिजर्व फ्यूल की सप्लाई के लिए रूस से कुल सात फ्लाइट्स प्लान की गई हैं। ये शिपमेंट 2024 में साइन किए गए एक कॉन्ट्रैक्ट के तहत दिए जा रहे हैं, जिसमें शुरुआती लोडिंग से लेकर पूरी सर्विस लाइफ के लिए कुडनकुलम प्लांट के तीसरे और चैथे डब्ल्यूईआर-1000 रिएक्टरों के लिए फ्यूल सप्लाई शामिल है।
कुडनकुलम प्लांट में कुल 6,000 मेगावाट की इंस्टॉल्ड कैपेसिटी वाले 6 डब्ल्यूईआर-1000 रिएक्टर होंगे। कुडनकुलम में पहले दो रिएक्टर 2013 और 2016 में भारत के पावर ग्रिड से जोड़े गए थे। बाकी चार रिएक्टर अभी बन रहे हैं।
रोसाटॉम ने कहा कि कुडनकुलम प्लांट के पहले फेज में इन दो रिएक्टरों के ऑपरेशन के दौरान, रूसी और भारतीय इंजीनियरों ने एडवांस्ड न्यूक्लियर फ्यूल और एक्सटेंडेड फ्यूल साइकिल शुरू करके उनकी एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए काफी काम किया है। पुतिन के भारत मंे कदम रखते ही यह हो गया। इकसे बाद प्रचुर संभावनाएं हैं।(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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