अभय डागा को रास नहीं आयी फिल्मी दुनिया

अभय डागा ने टीवी पर अपनी पहचान स्टार प्लस के ऐतिहासिक शो ‘सिया के राम’ से बनाई, जहां उनका किरदार दर्शकों को लंबे समय तक याद रहा। मगर उनका सफर सिर्फ अभिनय तक सीमित नहीं था। अभय ने आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की और फिर माइक्रोसॉफ्ट जैसी वैश्विक कंपनी में साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ के रूप में काम करने लगे। तकनीकी क्षेत्र में इतनी सफलता के बावजूद, उनका दिल कला की ओर खिंचता रहा। कॉलेज के दिनों में ही थिएटर में उनकी दिलचस्पी जागी और यहीं से उनके अभिनय का सफर शुरू हुआ। पढ़ाई और टेक करियर के साथ-साथ उन्होंने कैमरे के सामने खुद को साबित किया, यह दिखाते हुए कि जुनून और पेशेवर सफलता एक साथ संभव हैं। अभय की कहानी इस बात का उदाहरण है कि टैलेंट अगर दिशा पाए तो वह हर मंच पर चमकता है। लेकिन अभय डागा की कहानी यहां थमती नहीं, बल्कि यहीं से एक नया अध्याय शुरू होता है। साल 2018 में माइक्रोसॉफ्ट में शामिल होकर उन्होंने साइबर सिक्योरिटी टीम के हिस्से के रूप में भारत में बढ़ते डिजिटल फ्रॉड के खिलाफ काम किया। पर भीतर कुछ और चल रहा था, एक नया सपना आकार ले रहा था। साल 2021 में जब ज्यादातर लोग कोविड में उलझे थे तभी अभय ने सबकुछ छोड़कर एक चुनौतीपूर्ण रास्ता चुना, यूपीएससी की तैयारी। अभिनय और टेक्नोलॉजी की दुनिया के बाद यह उनकी जिंदगी का तीसरा बड़ा मोड़ था, जहां उन्होंने एक बार फिर खुद को परिभाषित करने की ठानी। यह निर्णय सिर्फ करियर का नहीं था, बल्कि देश की सेवा करने के संकल्प का प्रतीक था।
अभय डागा ने अपने सपनों की पटकथा खुद लिखी और उसे जिया भी। मात्र दो सालों की अथक मेहनत और समर्पण के बाद, उन्होंने 2023 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी और पूरे देश में 185वीं रैंक हासिल की। यह सिर्फ एक परीक्षा पास करने की कहानी नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे इंसान अलग-अलग राहों पर चलकर भी एक मजबूत मंजिल तक पहुंच सकता है। जहां अधिकतर लोग एक करियर में टिके रहते हैं, अभय ने तीन मुकाम तय किए एक अभिनेता, एक टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ, और अब एक सिविल सेवक। नवंबर 2024 में उन्होंने हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग शुरू की और 2025 में उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला, हालांकि उनका होम स्टेट महाराष्ट्र है। फिलहाल वे अभिनय से दूर हैं। (हिफी)