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अडानी ग्रुप बचेगा तीन नाल बैंकिंग कंपनियां

गौतम अडानी ग्रुप नॉन बैकिंग फाइनेंस कंपनी अपना कारोबार समेटने पर विचार कर रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनी अपना बैंकिंग संबंधी कारोबार बंद कर देगी। इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट इक्विटी ग्रुप की तीन कंपनियां बेन कैपिटल, कार्लाइल ग्रुप और सेर्बेरस कैपिटल मैनेजमेंट गौतम अडानी के छह साल पुराने अडानी कैपिटल को खरीदने के लिए बाध्यकारी बोलियां लगाने के लिए तैयार हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि गौतम अडानी अपनी पूंजी बचाने के लिए नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के कारोबार से निकलना चाहते हैं और मुख्य कारोबार पर अपना ध्यान देना चाहते हैं। द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अडानी कैपिटल के प्रमोटरों के पास कंपनी का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी निवेश बैंकर गौरव गुप्ता के पास है, जो 2016 में ग्रुप में शामिल हुए थे।
अडानी कैपिटल के पास मैंनेजमेंट के तहत संपत्ति (एयूएम) 4,000 करोड़ रुपये और बुक वैल्यू 800 करोड़ रुपये है। समूह बुक वैल्यू का 2-2.5 गुना यानी 2,000 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन की उम्मीद है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नया निवेशक कंपनी में ग्रोथ कैपिटल के तौर पर एक हजार से 1,500 करोड़ रुपये भी लगाएंगे। ज्यादातर बोलीदाता बिजनेस के पूरी तरह से मालिकाना हक के लिए इच्छुक हैं। हालांकि प्रमोटर्स ये फैसला करेंगे कि एक छोटी हिस्सेदारी बरकरार रखी जाए या नहीं।
अडानी कैपिटल 2024 में 1,500 करोड़ रुपये जुटाने और 2 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश करने के लिए आईपीओ लाने की योजना बना रही थी, लेकिन इस बीच हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट जारी होने के बाद इसे वापस लेना पड़ा।

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