ट्रम्प व पुतिन में यूक्रेन को लेकर सहमति

व्हाइट हाउस में जेलेंस्की और ट्रंप के बीच एक अहम मुलाकात होने वाली है। कई यूरोपीय देशों के नेता भी इस बैठक में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंच रहे हैं। ट्रंप के विशेष सलाहकार स्टीव विटकॉफ ने दावा किया है कि अलास्का में ट्रंप और पुतिन की बातचीत में यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर सहमति बनी है। इसके तहत यूक्रेन को नाटो के अनुच्छेद 5 के समान सुरक्षा प्रदान की जा सकती है। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर इस सुरक्षा गारंटी को लेकर खुशी जाहिर की, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता मिलेगी या नहीं। गौरतलब है कि यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने के लिए ही रूस के साथ युद्ध लड़ा, लेकिन इतने वर्षों की लड़ाई के बाद भी नाटो में उसका प्रवेश अनिश्चित है।
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की चाहें तो रूस के साथ युद्ध तुरंत खत्म कर सकते हैं, या फिर वे इसे जारी रख सकते हैं लेकिन यह याद रखना होगा कि यह युद्ध कैसे शुरू हुआ। क्रीमिया वापस नहीं मिलेगा, और नाटो में यूक्रेन का शामिल होना भी संभव नहीं है। कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं!” इसके साथ ही, रूस ने भी सुरक्षा गारंटी की मांग की है। रूस का कहना है कि अगर यूक्रेन को सुरक्षा दी जा रही है, तो पश्चिमी देशों को रूस को भी ऐसी गारंटी देनी होगी। राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि शांति समझौते के लिए यूक्रेन को क्रीमिया पर अपना दावा छोड़ना पड़ सकता है।
यहां पुतिन की कूटनीतिक चतुराई की तारीफ करनी होगी, जिन्होंने अलास्का बैठक में रूस का पक्ष इतनी मजबूती से रखा कि ट्रंप भी उनकी रणनीति के सामने कमजोर पड़ गए। ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने का वादा किया था, और अब उन पर इस वादे को पूरा करने का दबाव है।