राजनीतिलेखक की कलम

अजय राय की सियासी शतरंज

 

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और सपा में गुटबाजी सामने आई थी। एमपी में कांग्रेस से सीटें नहीं मिलने से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नाराजगी जताई थी। अब पिछड़ा वर्ग सम्मेलन और आजम खान से जेल मंे मिलने के प्रयास से तनाव ज्यादा हो गया।

कांग्रेस ने अजय राय को प्रदेश की बागडोर सौंपी तो उन्हांेने भी इसे एक चैलेंज की तरह लिया है। उत्तर प्रदेश कभी कांग्रेस का गढ़ था लेकिन जाति की राजनीित ने कांग्रेस को पैदल कर दिया। अजय राय इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं। इसीलिए उन्हांेने विपक्षी दलों के महागठबंधन के बावजूद कांग्रेस का आधार मजबूत करने का प्रयास किया है। कांग्रेस आगामी 31 अक्टूबर को पिछड़ा वर्ग सम्मेलन करने जा रही है। इस तारीख का विशेष महत्व है। सबसे पहला तो यह कि इसी दिन कांग्रेस की महान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गयी थी। यही वह दिन है जब सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म हुआ था। सरदार पटेल को तो एक तरह से भाजपा ने हाईजैक ही कर लिया लेकिन यूपी में कांग्रेस उनके नाम पर पिछड़े वर्ग को अपने पाले मंे लाना चाहती है। इसी पिछड़े वर्ग को समाजवादी पार्टी भी मुख्य आधार बनाना चाहती है। कांग्रेस के इस सम्मेलन की खबर से सपा के कान खड़े हो गये। इसी बीच सपा नेता मोहम्मद आजम खान को बेटे के नकली प्रमाण पत्र मामले मंे 7 साल की जेल की सजा सुनाई गयी है। वह सीतापुर जेल मंे बंद हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय कई नेताओं ने साथ उनसे मिलने जेल पहुंचे। हालंाकि जेल मंे उनकी मुलाकात आजम खान से नहंी हो पायी। बताया तो यहां तक जाता है कि आजम खान ने खुद ही मिलने से इनकार किया लेकिन इसके बहाने कांग्रेस मुसलमानों को जो संदेश देना चाहती थी, वह कार्य तो हो गया। मध्य प्रदेश में सीटों को लेकर सपा-कांग्रेस में तू-तू मैं-मैं हो चुकी है और अजय राय को अखिलेश यादव ने चिरकुट नेता तक कह दिया। अजय राय उनको दिखाना चाहते हैं कि उनकी सियासी शतरंज मंे सपा को मात मिल सकती है।

पिछड़ी जातियों को साधने के लिए कांग्रेस पार्टी एक बड़ा सम्मेलन 31 अक्टूबर को लखनऊ में करने जा रही है। जाति आधारित गणना के मामले को उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पिछड़ी जातियों का सम्मेलन करेगी। इस सम्मेलन के लिए कांग्रेस ने जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी नारा दिया है। इस सम्मेलन में कांग्रेस जाति आधारित गणना और आरक्षण बचाओ का नारा देते हुए आगे बढ़ेगी। कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव के पहले हर वर्ग को साधने की कोशिश में जुटी है। अब पिछड़ा वर्ग सम्मेलन करके पिछड़ों को अपने पाले में करना चाहती है। कुछ समय पहले दिल्ली में संसद सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पिछड़ों के आरक्षण का मुद्दा संसद में उठाया था और अपने अलग-अलग भाषणों में लगातार पिछड़ों के मुद्दे को उठा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी पिछड़ों के साथ-साथ अन्य वर्गों को भी साधने में लगी हुई है। इसके साथ ही दलित संवाद यात्रा कांग्रेस पार्टी की ऐसी ही एक पहल है जो दलितों के बीच में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए काम कर रही है। तो वहीं तमाम बड़े मुस्लिम नेताओं को अपनी पार्टी में जोड़ कर, सपा नेता आजम खान से मिलने जाकर कांग्रेस पार्टी दिखाना चाहती है कि वह सभी वर्गों के बीच में एक्टिव है और सभी उसके हैं। कांग्रेस पिछड़ों का सम्मेलन करके भारतीय जनता पार्टी को बड़ी टक्कर देना चाहती है। मौजूदा स्थिति में भारतीय जनता पार्टी के पास पिछड़ों का एक बड़ा वोट बैंक है पर वहीं जाति आधारित गणना का अपना यह मुद्दा उठा करके कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ों के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है।

कांग्रेस पार्टी का यह सम्मेलन 31 अक्टूबर से शुरू होकर पूरे नवंबर तक चलता रहेगा।
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को लेकर इन दिनों प्रदेश की सियासत जबरदस्त तरीके से गरमाई हुई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय आज आजम खान से मिलने के लिए सीतापुर जेल पहुंचे। हालांकि उनकी आजम खाने से मुलाकात नहीं हुई। कांग्रेस की इस कोशिश को मुस्लिम वोटरों को साधने के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे सपा बुरी तरह तिलमिलाई हुई है। अजय राय के आजम खान से मुलाकात पर सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सपा प्रवक्ता ने आजम खान से अजय राय की मुलाकात को लेकर कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक ही हैं। सपा आजम खान की लड़ाई को पूरी मजबूती के साथ लड़ रही है। अजय राय अगर आजम खान से मिलने जाते भी हैं तो इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है। सपा नेता फखरुल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो कांग्रेस है, वही बीजेपी है और जो बीजेपी है वहीं कांग्रेस है। अजय राय बीजेपी की और से प्रतिनियुक्ति के तौर पर कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष बने हैं और उनकी भाषा वहीं है जो बीजेपी की भाषा है। आजम खान की लड़ाई सपा पूरी मजबूती के साथ लड़ रही है। सपा नेता ने आगे कहा कि आज देश और प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। उसके लिए कोई जिम्मेदार है तो वो हैं कांग्रेस की पहले की सरकारों की जनविरोधी नीतिया, जिसकी वजह से आज बीजेपी की सरकार है। बीजेपी और कांग्रेस की सरकारों में जो अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुए वो किसी से छुपे नहीं हैं। बीजेपी और कांग्रेस के जो पाप हैं वो अजय राय के आजम खान से मिलने से धुलने वाले नहीं है।

सपा और कांग्रेस में इससे पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीट नहीं मिलने पर भी तीखी बयानबाजी देखने को मिली थी। ये विवाद जैसे-तैसे नरम पड़ा ही था कि अब आजम खान को लेकर दोनों पार्टियां आमने सामने आ गई है। इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा था कि आजम खान से मिलने सबको जाना चाहिए लेकिन कांग्रेस के नेता उस समय कहां थे जब उन्हें फंसाया जा रहा था, तब तो कांग्रेस के नेता भी उन्हें फंसाने में लगे हुए थे।

इस प्रकार इंडिया एलायंस में अंतर्कलह रुकने का नाम नहीं ले रही है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला है। इस बार उन्होंने आजम खान से अजय राय की होने वाली मुलाकात को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने जेल में बंद आजम खान से मुलाकात से पहले कहा है कि बीजेपी की ओर से देश के जिन नेताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, हम उनके लिए आवाज उठाएंगे। इसलिए आजम खान से मुलाकात करने जा रहे हैं। यह प्रदेश के मुसलमानों को संदेश था।

दरअसल रामपुर की कोर्ट ने दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सपा नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को दोषी करार देते हुए सात साल कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को भी सात-सात साल की सजा सुनाई गई है। आजम खान की गिरफ्तारी पर अब सियासी बयानबाजी तेज होती जा रही है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और सपा में गुटबाजी सामने आई थी। एमपी में कांग्रेस से सीटें नहीं मिलने से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नाराजगी जताई थी। अब पिछड़ा वर्ग सम्मेलन और आजम खान से जेल मंे मिलने के प्रयास से तनाव ज्यादा हो गया। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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