मोदी की पुतिन से मुलाकात के पहले भारत को एके-203 रायफल

तीन दशक से ज्यादा समय से भारतीय सेना की ताकत रही इन्सास रायफल अब इतिहास का हिस्सा होने जा रही है। इनकी जगह ले रही है अत्याधुनिक असॉल्ट राइफल। अमेरिका से ली गई सिगसौर राइफल तो पहले ही सैनिकों को दे दी गई है। अब भारत में बनी रूसी एके-203 भी सेना को दी जानी शुरू हो गई है। भारत और रूस ज्वाइंट वेंचर इंडो रशियन राइफल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भारत के अमेठी शहर में इसका निर्माण कर रही है और उसने 35000 एके-203 राइफल रक्षा मंत्रालय को सौंप दी है।
रोस्टेक स्टेट कॉर्पोरेशन ने कहा कि पहला फेज पूरा कर लिया गया है। खास बात तो यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे से पहले सेना के लिए ये अच्छी खबर आई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 8 से 10 जुलाई तक रूस और आस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। उनके न्योते पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी 8-9 जुलाई को मास्को में होंगे। अगर इन 35 हजार एके-203 के भारतीय सैनिकों के हाथों में होने की बात करें तो सेना के सूत्रों के मुताबिक, अब तक 10 हजार एके-203 सेना के अलग-अलग यूनिट में दी जा चुकी है, जबकि बाकी राइफल सेना को डिलीवर हो चुकी है और सैनिकों को दिए जाने से पहले की फाइनल इंसपेक्शन जारी है। जैसे ही यह पूरी हो जाएगी इन्हें भी सेना के जवानों को देने की कम शुरू कर दिया जाएगा। एलओसी पर तैनात भारतीय सेना के जवानो को हाथों अब तक इनसास राइफल है जो कि तकरीबन 30 साल से भारतीय सेना में अपने काम को अंजाम दे रही है। अब वो बदलनी शुरू हो गई है और वो भी दुनिया की सबसे आधुनिक गन एके-203 से।