लेखक की कलम

अखिलेश चले रामपुर आजम को मनाने…

मुलायम सिंह यादव के घनिष्ठ साथी रहे मोहम्मद आजम खां को धोखाधड़ी समेत कई मामलों मंे जेल जाना पड़ा। सीतापुर जेल से उनको जमानत मिली तो एक बार उनकी नाराजगी की चर्चा फिर चल पड़ी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव उनसे मिलने रामपुर पहुंचे। इससे पहले और बाद मंे भी यह प्रकरण बंद नहीं हुआ है कि मो. आजम खान की नाराजगी दूर हुई अथवा नहीं। आजम खान कहते हैं कि मैं जहां उंगली रखता था, वहीं पर नेता जी दस्तखत कर देते थे। मुलायम सिंह को याद करने की बात भी आजम खान की नाराजगी से जोड़ा जा रहा है। इस बीच यह चर्चा भी हुई थी कि आजम खान बसपा मंे शामिल हो सकते हैं। कांशीराम की पुण्यतिथि से एक दिन पहले ही अखिलेश यादव रामपुर में आजम खान के दरबार मंे पहुंच गये। अखिलेश यादव का रामपुर जाना डैमेज कंट्रोल के रूप मंे देखा जा रहा है। बहरहाल, लगभग 23 महीने के बाद आजम खान जेल से बाहर आये और अखिलेश यादव 8 अक्टूबर को रामपुर में आजम खान से उनके आवास पर मिले। आजम खान ने अखिलेश से मिलने के लिए एक शर्त रखी थी। उन्हांेने कहा था कि रामपुर के सांसद मोहिबुल्ला नदवी उनके साथ नहीं आएं। अखिलेश ने सांसद नदवी को बरेली मंे ही छोड़ दिया था। इसके बाद अखिलेश यादव को रिसीव करने मोहम्मद आजम खान स्वयं जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचे। वहां से आजम खान की कार मंे अखिलेश उनके आवास पर गये। इससे लगता है आजम खान की नाराजगी दूर हो गयी है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 8 अक्टूबर को पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से मुलाकात की। आजम के जेल से रिहा होने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात थी, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में लंबे समय से अटकलें थीं। आजम खान से मिलने के बाद अखिलेश यादव ने मीडिया से बात की और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आश्वस्त किया कि वह आजम खान से लगातार मिलते रहेंगे। अखिलेश यादव ने आजम से अपनी मुलाकात के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मैं पहले नहीं पहुंच पाया था, आज मिलने आया हूं। इधर उनका स्वास्थ्य भी बहुत अच्छा नहीं रहा। बहुत अच्छी बात हुई। अभी बैठकर स्वास्थ्य को लेकर और उनका हालचाल जाना।’
उन्होंने आजम खान के कद को पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ‘आदरणीय आजम खान पुराने नेता हैं। पुराने लोगों की बात ही कुछ और होती है। ये हमारी पार्टी का दरख्त (पेड़) हैं। बड़ी लड़ाई है, सभी मिलकर लड़ेंगे।’ सपा प्रमुख ने आजम खान पर दर्ज हुए मुकदमों को लेकर बीजेपी सरकार पर तीखा वार किया। उन्होंने कहा, “उन्हें न्याय मिले और शायद देश के इतिहास में पता नहीं बीजेपी कौन सा गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाहती है। उन पर सबसे ज्यादा केस लगे हैं। उनके ऊपर गलत केस लगाए गए, उनके परिवार के जितने भी लोग हैं सब पर झूठे केस लगाए गए।” अखिलेश यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा, “हो सकता है कि इनका नाम गिनिज बुक में भी आ जाए कि सबसे ज्यादा झूठे केस लगाए जाने पर” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सपा की सरकार बनने पर आजम खान पर लगे सभी झूठे केस वापस होंगे।
मुलाकात के दौरान किसी भी तरह की नाराजगी के सवाल को अखिलेश यादव ने पुराने समाजवादी नेताओं के महत्व का जिक्र करते हुए टाल दिया। उन्होंने अपनी बात का रुख सीधे 2027 के विधानसभा चुनाव की ओर मोड़ दिया और सरकार बनाने का दावा पेश किया। अखिलेश ने कहा, “2027 में हमारी सरकार बनने जा रही है और पीडीए की आवाज बुलंद होगी।”
उन्होंने मौजूदा सरकार पर दलितों और वंचितों के अपमान का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में हुई एक घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “कोई कल्पना कर सकता है कि सुप्रीम कोर्ट में जज के ऊपर भी जूता फेंका गया हो। लगातार हम लोग मिलते रहेंगे, लेकिन जो सुप्रीम कोर्ट में हुआ, यह संदेश जा रहा है समाज में जो कहीं भी बैठे हों, कहीं न कहीं अपमानित होते हैं। इस सरकार में अपमानित हो रहे हैं।
राजनीति के जानकारों के अनुसार ये मुलाकात सामान्य नहीं, बल्कि राजनीतिक मायनों से बेहद अहम मानी जा रही है। गौरतलब है कि कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाली बीएसपी की बड़ी रैली से ठीक एक दिन पहले हो रही यह बैठक प्रदेश की राजनीति में नई दिशा तय कर सकती है। गौरतलब है कि आजम खान के जेल से छूटने के बाद उनके बीएसपी में जाने की चर्चाएं लगातार तेज थीं। ऐसे में बसपा की रैली से ठीक पहले अखिलेश यादव का रामपुर जाना डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि अखिलेश इस मुलाकात के जरिए स्पष्ट संकेत देना चाहते हैं कि आजम खान अब भी सपा परिवार का अहम हिस्सा हैं और दोनों के बीच कोई मतभेद नहीं है। हालांकि आजम खान का सख्त रुख इस तरफ संकेत दे रहा है कि दोनों में सब कुछ सही नहीं है। गौरतलब है कि आजम खान ने नाराजगी जताते हुए साफ कहा था कि ‘यह सिर्फ दो लोगों की मुलाकात होगी, किसी तीसरे के लिए जगह नहीं है। चाहे वो कोई भी हो। तीसरे के रूप में सांसद नदवी को समझा जा रहा है। आजम खान ने अखिलेश यादव की मुलाकात पर कहा कि अखिलेश उनकी सेहत और खैरियत लेने आ रहे हैं और यह उनका हक भी है। तंज भरे अंदाज में उन्होंने कहा की लोगों का बड़प्पन है कि एक मुर्गी चोर, बकरी चोर से मिलने आ रहे हैं। उस केस में 21 साल की सजा और 34 लाख का जुर्माना हुआ है। आप सबके जरिए मैं दरख्वास्त कर रहा हूं, मेरे घर को कोई खरीद ले आखिर एक मुर्गी चोर कितना जुर्माना दे सकता है। रामपुर की सियासी गलियों में चर्चाएं तेज हैं कि क्या अखिलेश यादव और आजम खान फिर से पहले जैसी नजदीकी और भरोसे के साथ दिखाई देंगे। सपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व मुखमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले आजम खान की पश्चिमी यूपी और मुस्लिम समुदाय के बीच अच्छी पकड़ है। यही वजह है कि सपा चाहती है उनका कद और प्रभाव पार्टी के साथ बरकरार रहे ताकि आगामी चुनावों में मुस्लिम वोटों का भरोसा सपा से न हटे। भारी गहमागहमी के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आजम खान से मिलने के लिए रामपुर उनके आवास पर पहुंचे, उस वक्त आजम खान के घर में केवल 12 लोग मौजूद थे। आजम खान, तंजिन फातिमा, अब्दुल्ला आजम, सपा के प्रदेश अध्यक्ष, अखिलेश यादव प्रमुख थे। आजम खान के घर के बाहर भारी संख्या में सपा के कार्यकर्ता मौजूद थे। आजम खान ने कहा कि समाजवादी पार्टी से रिश्ता मेरा ऐसा है, जैसा मियां और बीवी का होता है। उन्होंने सपा से अपने भविष्य के रिश्तों को लेकर कहा कि उस घर से मेरी 2 पीढ़ी जुड़ी हुई हैं, मेरी जिंदगी कट गई अब मेरे बच्चे है। मेरे ऊपर सारे आरोप गलत लगाए गए हैं। बस यही कहूंगा कि ये तय करना है कि कौन अपना है कौन नहीं।(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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