अखिलेश का गठबंधन धर्म

परेशानी के समय भी जो साथ में खड़ा रहे, वही सच्चा मित्र है। विपक्षी दलों के महागठबंधन में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का साथ 2024 के लोकसभा चुनाव से चल रहा है। हालांकि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सपा और उसके नेतृत्व पर उंगली भी उठाई। यहां तक कि अभी हाल में सम्पन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में सपा ने भी अप्रत्यक्ष रूप से इच्छा जतायी थी कि उसे भी चुनाव में कुछ सीटें मिलनी चाहिए। नतीजा क्या होता यह अलग बात है लेकिन कांग्रेस को कम से कम इस बात पर दबाव बनाना चाहिए था। बिहार विधानसभा चुनाव में मायावती की बसपा को भी एक विधायक मिला है और कई सीटों पर उसके प्रत्याशियों ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करायी। इसलिए अखिलेश यादव का हक बनता था। इसके बावजूद वह गठबंधन धर्म का ईमानदारी से पालन कर रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद जब विपक्षी महागठबंधन 35 सीटों पर सिमट गया, तब भी कर्नाटक पहुंचे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी से सहानुभूति जताते हुए कहा है कि कांग्रेस एक मित्रवत पार्टी और सहयोगी है जो आगे भी रहेगी। अखिलेश ने कहा कि मैं नाता जुड़ने के बाद उसे निभाना जानता हूं। इतना ही नहीं अखिलेश ने राजद नेता तेजस्वी यादव को भी लोकप्रिय चेहरा बताया। बसपा प्रमुख ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों का समर्थन किया। अखिलेश ने कहा कि यह चोरी नहीं है। चोरी तो छोटी होती है। यह डकैती है। अखिलेश यादव जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, तब उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किये थे।
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बड़ा बयान सामने आया है। एक सवाल के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हमारा सिद्धांत है कि दोस्त जब कमजोर हो उसका साथ नहीं छोड़ते। अखिलेश का बयान ऐसे समय में आया था जब बिहार में महागठबंधन की बुरी तरह हार हुई है और कांग्रेस मात्र छह सीटें जीत पाई। यूपी में कांग्रेस सपा की सहयोगी पार्टी है और संभावना है कि 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़े। सपा ने 2024 के लोकसभा में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और बीजेपी से ज्यादा सांसद जीते। पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि हम लोगों को बहुत कुछ बीजेपी से सीखना है, 202 डबल सेंचुरी हो जाना, हम लोगों को भी ऐसा ही टारगेट फिक्स करना होगा यूपी में। अखिलेश ने कहा कि यूपी में हमें भी अपना टारगेट फिक्स करना होगा तभी बीजेपी को कड़ी टक्कर दी जा सकती है। अखिलेश यादव ने कहा कि जो बाय इलेक्शन यूपी में हुआ था, उसमें बीजेपी ने पुलिस लगाकर वोट लूट लिया था। बिहार में यह बात शायद हम लोग नहीं समझा पाए कि 10 हजार से आपको वह हासिल नहीं होगा जो आप जीवन में करना चाहते हैं। अखिलेश यादव ने एक्स हैंडल पर ट्वीट कर कहा था कि बिहार में जो खेल एसआईआर ने किया है वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, यूपी और बाकी जगह पर अब नहीं हो पायेगा क्योंकि इस चुनावी साजिश का अब भंडाफोड़ हो चुका है। अब आगे हम ये खेल, इनको नहीं खेलने देंगे। सीसीटीवी की तरह हमारा पीपीटीवी मतलब ‘पीडीए प्रहरी’ चैकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा।
इसमें कोई संदेह नहीं कि अखिलेश यादव के पास अपनी उपलब्धियां हैं। वह 2012 में जब मुख्यमंत्री बने तब अखिलेश यादव द्वारा महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के लिए वास्तविक समय में कदम उठाने के साथ-साथ समाज में महिलाओं को बढ़ावा देने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए 1090 महिलाओं की हेल्पलाइन शुरू की गई थी, ताकि महिलाओं की सामाजिक समस्या का समाधान खोजा जा सके।
हेल्पलाइन नंबर एक राज्य-एक-नंबर सेवा है जो यौन उत्पीड़न के मामलों को संभालने के लिए स्थापित की गई थी। उत्तर प्रदेश में महिलाएं राज्य में कहीं से भी हेल्पलाइन का उपयोग कर सकती हैं और उन्हें परेशान करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती हैं। शिकायतकर्ता को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए शारीरिक रूप से पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है, और शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाती है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समय लखनऊ मेट्रो के निर्माण के लिए जून 2013 में मंजूरी दी गयी अवधारणा के बाद पहली बार लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को सितंबर 2008 में प्रस्तावित किया गया था।
लखनऊ मेट्रो का निर्माण ट्रांसपोर्ट नगर और चारबाग रेलवे स्टेशन के बीच 8.3 किलोमीटर के साथ 27 सितंबर 2014 को शुरू हुआ। इसने 5 सितंबर 2017 को वाणिज्यिक परिचालन शुरू किया, जिससे यह देश का सबसे तेज निर्मित मेट्रो बन गया। इसी प्रकार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे 6-लेन एक्सप्रेस-वे है, जो 8 लेन तक विस्तारित है। इस परियोजना का विकास उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में किया था। यह परियोजना उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित 302 किलोमीटर का टोल नियंत्रित-एक्सेस हाईवे या एक्सप्रेसवे है। एक्सप्रेसवे ने आगरा और लखनऊ शहरों के बीच की दूरी को कम कर दिया। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे 21 नवंबर 2016 को अखिलेश यादव द्वारा सीएम के रूप में पूरा किया गया और उद्घाटन किया गया। यह परियोजना राज्य में विकास के प्रमुख मॉडल के रूप में कार्य करती है, जो सबसे कम समय में पूरा होने वाली अपनी तरह की पहली परियोजना है। दिसंबर 2016 में, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बिजली परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया था। करीब 52,437 करोड़ की परियोजनाएं बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण के सभी तीन पहलुओं को कवर करती हैं।
परियोजनाओं में 33,000 मेगावाट की कुल क्षमता वाले तीन थर्मल पावर प्लांट शामिल हैं, जिनका निर्माण राज्य में किया जाना है था जवाहरपुर थर्मल पावर प्लांट, एक ग्रीनफील्ड परियोजना है जिसमें 1,320 मेगावाट की उत्पादन क्षमता है। यह प्रोजेक्ट 10,566 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। दो अन्य परियोजनाएं, ओबरा सी पावर प्रोजेक्ट पर थीं। 10,416 करोड़ और हार्डगंज एक्सटेंशन रुपये में है। 574 करोड़। अक्टूबर 2013 में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपराध के बदलते स्वरूप के कारण पुलिस को आधुनिक तकनीकों से लैस करने की आवश्यकता पर बल देते हुए राज्य में पुलिस बल के आधुनिकीकरण के संबंध में कई घोषणाएँ कीं। घोषणा के भाग के रूप में लखनऊ, गाजियाबाद और इलाहाबाद को अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष प्राप्त करना था। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता अपने पुलिस बल को मजबूत
करना है। कामधेनु योजना के माध्यम से, उत्तर प्रदेश राज्य में 100,
50 और 20 मवेशियों के 2,000 से अधिक डेयरी फार्म स्थापित किए
गए हैं। इस योजना के माध्यम से, उत्तर प्रदेश भारत में नंबर एक
दूध उत्पादक राज्य बन गया था। इसलिए अखिलेश के पास क्रेडिट कार्ड भी है।
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)



