लेखक की कलम

हत्यारोपित पिता के मन का द्वन्द्व भी समझें

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
गुरुग्राम में रहने वाली 25 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी और कोच राधिका यादव की गत दिनों हत्या कर दी गई है। राधिका एकेडमी चलाकर आत्मनिर्भर बनना और सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बनाना चाहती थी लेकिन यह उनके पिता दीपक यादव को पसंद नहीं आया। उन्होंने अपनी बेटी को गोलियों से छलनी कर डाला। राधिका यादव की मौत को लेकर कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं। पुलिस भी सभी एंगल से जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि राधिका के पिता को उसका रील्स बनाना अच्छा नहीं लगता था। वह एक मुस्लिम युवक के साथ वीडियो बनाया करती थी। बताया जा रहा है कि मुस्लिम युवक के साथ वीडियो और बढ़ते लगाव देखकर राधिका यादव का पिता नाराज थे। हालांकि अभी तक जांच के अनुसार राधिका यादव हत्याकांड में दो कारण सामने आए है। बताया जा रहा है कि इन दो वजह से उनके पिता दीपक नाराज थे। दीपक नहीं चाहते थे कि राधिका टेनिस अकादमी चलाए। राधिका काफी दिनों से मुसलिम युवक के साथ एक वीडियो पर काम कर रही थी। एक साल पहले उसका गाना रिलीज हुआ था। बताया जा रहा है कि इसको मुसलिम दोस्त ने ही प्रोड्यूस किया था।
बेटी के कत्ल के आरोपी दीपक यादव ने पुलिस को बताया कि उसपर राधिका के काम बंद करवाने का सामाजिक दबाव था। दरअसल बेटी की हत्या से पहले दीपक यादव अपने गांव गया था। गांव के लोगों ने उसपर बेटी की कमाई खाने का तंज कसा। गांव के लोगों ने दीपक से कहा था कि वो एक अच्छा पिता नहीं है, क्योंकि उसकी बेटी मनमर्जी करती है। सूत्रों के मुताबिक दीपक को उसकी बेटी के चरित्र को लेकर कई झूठ भी बोले गए जिससे दीपक को समाज में बदनामी होने का डर था।चार लोग क्या कहेंगे। समाज में रहकर इसे अनसुना नहीं कर सकते। राधिका के पिता दीपक को भी उनके समाज के इन्हीं चार लोगों ने इतना भड़का दिया कि वो एकेडमी बंद करने के लिए राधिका पर दबाव डालने लगे। जब राधिका ने एकेडमी बंद करने से साफ इनकार कर दिया, तब दीपक ने गुस्से में आकर अपनी बेटी की हत्या कर दी। पुलिस को दिए अपने बयान में राधिका के पिता ने हत्या की वजह समाज से मिले रहे तानों को बताया है। दीपक का कहना है कि उसे बेटी की कमाई खाने वाला व्यक्ति कहकर ताने दिए गए थे, और इस बात से वो परेशान रहता था।
दीपक के दावे से ऐसा लगता है कि जैसे राधिका की कमाई, दीपक के लिए मजबूरी हो और इसी वजह से वो समाज के तानों से तंग आने लगा हो लेकिन सच ये है कि राधिका का कमाना, दीपक के लिए मजबूरी नहीं था, क्योंकि दीपक खुद भी एक पैसे वाला आदमी था। उसने अपने प्रॉपर्टी डीलिंग के बिजनेस से अच्छा खासा पैसा कमाया था। दीपक को प्रॉपर्टी के बिजनेस से 15 लाख रुपये सालाना की कमाई होती थी और किराए के तौर पर उसे सालाना 1 करोड़ से ऊपर की रकम मिलती थी। यानी कि राधिका की कमाई से दीपक को खास लेना देना नहीं था। लेकिन बदनामी ने उसका जीना दूभर कर दिया था।
पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि दीपक ने ही अपनी बेटी राधिका की टेनिस एकेडमी खुलवाई थी। राधिका को अंतरराष्ट्रीय स्तर का टेनिस प्लेयर बनाने के लिए दीपक ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुका था। राधिका के टेनिस करियर के लिए दीपक ने उसके लिए महंगे टेनिस रैकेट और स्पोर्ट्स गियर भी खरीदे थे जो पिता अपनी बेटी के टेनिस करियर के लिए जी-जान से लगा हो, वो अचानक टेनिस एकेडमी को लेकर उसकी हत्या क्यों करेगा? ये सवाल आज हर कोई जानना चाहता है।
पुलिस को शक है कि दीपक ने समाज के तानों की वजह से बेटी की हत्या नहीं की है, बल्कि हत्या की वजह कुछ और भी हो सकती है। इसीलिए पुलिस इस मामले में कुछ और एंगल से भी जांच कर रही है। राधिका की हत्या के बाद उसका एक म्यूजिक वीडियो चर्चा में आ गया है। दावा है कि इस म्यूजिक वीडियो को लेकर राधिका के पिता, उससे नाराज थे। हमें अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक ये वीडियो करीब 2 साल पुराना है। इस वीडियो में राधिका ने एक्टिंग की है और इसमें प्रेम संबंधों के बारे में दिखाया गया है। राधिका के साथ इस वीडियो में इनामुल नाम का एक एक्टर है, जो इस तरह के म्यूजिक वीडियोज में एक्टिंग करता है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद ये दावा किया गया कि राधिका के पिता इस वीडियो और रील्स को लेकर नाराज चल रहे थे। ये भी दावा किया गया है कि इनामुल और राधिका के बीच दोस्ती थी और इस दोस्ती से पिता दीपक नाराज थे। लवजेहाद का एंगिल भी बन रहा था।
दरअसल इन दिनों भारतीय समाज प्रगति और वर्जनाओं के खंडित होने से पैदा संक्रमण के दौर से जूझ रहा है। इसमें एक ओर लड़कियों को तमाम तरह की आजादी शिक्षा खेल व्यवसाय के चयन में स्वतंत्रता और दूसरी ओर परम्परागत रूढ़िवादी सोच और वर्जनाओं की पाबंदी के बीच टकराव है। युवा पीढ़ी की लडकियां तमाम सामाजिक वर्जनाओं को तोड़कर अपने जीवन के सबसे बड़े फैसले भी खुद लेना चाहती हैं। इससे आम मध्यम वर्गीय परिवारों में कई बार अभिभावकों और बेटियों के बीच वैचारिक व रिश्ते में टकराव की स्थिति बन जाती है। और अगर इसमें तीसरा कोण दूसरे समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय का जुडाव हो तो हालात और भी अधिक टकराव के बन जाते हैं। विशेषकर उन परिस्थितियों में जब आए दिन एक समुदाय विशेष के छांगुर बाबा जैसे षडयंत्र कारी लोगों द्वारा सैकड़ों हजारों हिन्दू लड़कियों को जाल में फंसा कर धर्मांतरण कराने के खुलासे हो रहे हैं। ऐसे संक्रमित माहौल में एक बेटी के पिता के अंतस के उस मर्म को भी समझना होगा। पिता लाखों करोड़ों खर्च कर अपनी इकलौती बेटी को अपने पैरों पर खड़ा कर उज्जवल भविष्य की बुनियाद रखना चाहते हैं लेकिन जब वही जिगर का टुकड़ा बेटी पिता के अरमान का कत्ल कर किसी विधर्मी के कथित लगाव या प्यार को महत्व देकर पिता की अवज्ञा करे तो स्थिति कई बार बेहद दुखद बन जाती है। हालांकि अभी इस मामले की जांच जारी है और किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी है लेकिन हालात और परिस्थितियां कुछ ऐसा ही घटनाक्रम पार्श्व में छिपे होने का संकेत दे रहे हैं।
अब जरा उन परिस्थितियों पर भी गौर कीजिए जब एक हर तरह से संपन्न पिता बेटी की हत्या जैसा अधम क्रूरता भरा अपराध करने के बाद भी सारे इल्जाम अपने सिर ले रहा है लेकिन दुनिया से बिदा हो चुकी बेटी पर कोई इल्जाम आने से बचाव कर रहा है। क्या स्वयं भारी खर्च कर बेटी को राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बनाने और उस के लिए ट्रेनिंग अकादमी खुलवा कर देने वाला पिता अकादमी बंद कराने के लिए बेटी को गोली से उड़ा देगा? नहीं, इस बेहद हैवानियत भरे कत्ल के पीछे कोई बेहद मर्माहत करने वाली वजह छिपी है। (हिफी)

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