अमेरिका की नजर ब्लूचिस्तान की खनिज सम्पदा पर

11 अगस्त 2025 को अमेरिकी विभाग ने बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (बीएलए) को आतंकी संगठन घोषित किया है। पहली नजर में हो सकता है कि आपको लगे कि यह अपने साथी को बचाने की रणनीति है लेकिन ऐसा नहीं है। बलूचिस्तान सिर्फ एक अशांत इलाका नहीं है बल्कि यह दुनिया का वह हिस्सा है जिसके पहाड़ों की गहराईयों में ऐसे अनमोल खजाने छिपे हैं जो किसी की भी तकदीर बदल सकते हैं। अगर ट्रंप ने बीएलए को आतंकी संगठन बताया है तो उसकी वजह पाकिस्तान नहीं बल्कि उनका लालच है, वही लालच जो चीन को भी यहां तक खींचकर ले आया।
डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के सामने यह ऐलान किया कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ तेल की डील की है तो बलूचिस्तान की तरफ से अमेरिका को आगाह किया गया। बीएलए ने हर बार यह बात दोहराई है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर सिर्फ बलूचों का हक है। यही वजह है कि हर बार चीन के नागरिकों को बलूचिस्तान में निशाना बनाया जाता गया है। बलूचिस्तान के नेता मीर यार बलूच ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पाकिस्तान
में एक मेगा ऑयल एंड नैचुरल गैस प्लांट स्थापित करने में उनकी रुचि
को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट में, बलूच ने ट्रंप को क्षेत्र में किसी भी प्राकृतिक
संसाधन में हस्तक्षेप न करने के लिए आगाह किया है। दावा किया कि तेल, गैस, लिथियम और यूरेनियम जैसे संसाधन बलूचिस्तान के हैं, पाकिस्तान के नहीं।
बलूचिस्तान, वह हिस्सा है जो विशाल तेल और खनिज संसाधनों से लैस है। यही वजह है कि चीन का लालच जागा और उसने यहीं पर चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर की नींव रखी। मीर यार बलूच ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की सेना खासकर जनरल असीम मुनीर और उनके राजनयिक माध्यमों ने जानबूझकर अमेरिका को गलत जानकारियां दी हैं। बलूच का कहना था कि तेल, प्राकृतिक गैस, तांबा, लिथियम, यूरेनियम और रेयर अर्थ मिनिरल्स के भंडार पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में नहीं, बल्कि बलूचिस्तान में स्थित हैं। मीर का कहना था कि बलूचिस्तान एतिहासिक तौर पर एक संप्रभु राष्ट्र है जो वर्तमान में पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है।