भारत के पाक में एक और दुश्मन मक्की का भी अंत

पाकिस्तान में भारत के एक और दुश्मन का हमेशा के लिए अंत हो गया। भारत के मोस्ट वांटेड अपराधी और आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के नायब अमीर अब्दुल रहमान मक्की की लाहौर में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई है। पिछले साल पाकिस्तान में रहस्यमय ढंग से गायब हो गया था। 26/11 मुंबई हमला और लाल किले पर हमले समेत अनेक बड़ी आतंकवादी वारदातों में मक्की वांटेड आतंकवादी था।
अब्दुल रहमान मक्की कुख्यात आतंकवादी संगठन लश्कर एक तैयबा का नायब अमीर तो था ही साथ ही पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के राजनीतिक संगठन जमात उत दावा का सेकंड इन कमांडर भी था। वह भारत के एक अन्य मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज मोहम्मद सईद का चचेरा भाई और सगा बहनोई भी है। साल 2023 में संयुक्त राष्ट्र की कमेटी ने सात आतंकवादी हमलों का हवाला देते हुए उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया था। इनमें साल 2000 में लाल किले पर हुआ हमला, 2008 में हुआ रामपुर हमला, 2008 में मुंबई मे हुआ 26-11 हमला और साल 2018 में गुरेज में हुए हमले को शामिल किया गया था। खास बात यह है कि साल 2022 जून में अमेरिका और भारत के इस प्रस्ताव पर चीन ने ‘टेक्निकल’ रोक लगाई थी, लेकिन साल 2023 मेंन को भी ये रोक हटानी पड़ी।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र कमेटी ने इस फैसले के साथ जारी बयान में कहा था कि अब्दुल रहमान मक्की सहित लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के चरमपंथी भारत में, खासकर जम्मू और कश्मीर में फंडिग करते हैं और युवाओं को बरगला कर चरमपंथी बनाते हैं और हमलों की योजना में उन्हें शामिल करते हैं।