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राजस्थान में ‘कमल’ खिलाएंगे अरुण

(मनीषा-हिफी फीचर)

कहते हैं अरुण और कमल का प्राकृतिक संबंध है। अरुणोदय होते ही कमल खिल जाते हैं। राजस्थान मंे इस बार भाजपा अपनी सरकार बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रही है और प्रदेश अध्यक्ष पद पर सीपी जोशी को बैठाया गया है। माना जा रहा है कि चुनावी रणनीति के पीछे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव संगठन अरुण सिंह हैं जो पार्टी का आधार बनाने मंे सिद्धहस्त माने जाते हैं। ओडिशा के प्रभारी रहते उन्होंने भाजपा को वहां इतनी मजबूती दी है जिससे भाजपा को बीजू जनता दल का मुख्य प्रतिद्वन्द्वी माना जाने लगा है, जबकि अब तक कांग्रेस को यह दर्जा हासिल था। भाजपा में गुटबंदी खत्म कर सभी को एकजुट करने का दायित्व अरुण सिंह को सौंपा गया है और इस दिशा मंे उन्हांेने काफी काम भी किया है। इसी का नतीजा है कि भाजपा के युवा संगठन भी अशोक गहलोत सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने के लिए धरना-प्रदर्शन करते हैं। पूरे राज्य मंे कांग्रेस सरकार की असफलताओं को उजागर करने के लिए ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ जैसा महा-अभियान चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से भाजपा के सांसद, विधायक और पदाधिकारी राज्य के 2 करोड़ लोगों से मिलेंगे।
प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सफल राजनीतिक अरुण सिंह भाजपा के दो राज्यों- राजस्थान और कर्नाटक के प्रभारी हैं। इससे पहले जब वह भारत के पूर्वी राज्य ओडिशा के प्रभारी थे तो उनकी कड़ी मेहनत और सुनियोजित रणनीतियों ने पार्टी को अपने संगठनात्मक आधार को मजबूत करने में मदद की, जिसके कारण पार्टी को जमीनी स्तर पर काफी फायदा हुआ। ओडिशा में कुल मिलाकर पार्टी की सदस्यता शक्ति में वृद्धि हुई जिसके परिणामस्वरूप वहां भाजपा के समर्थन आधार में भी काफी वृद्धि हुई।
फिलहाल वह बीजेपी मुख्यालय के प्रभारी भी हैं। यह लगातार दूसरी बार है कि पार्टी नेतृत्व ने श्री सिंह को विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पहले वह भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और राष्ट्रीय सदस्यता कार्यक्रम के सह-प्रमुख थे जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।
अरुण सिंह दिसंबर 2019 में पहली बार उत्तर प्रदेश राज्य से राज्यसभा सदस्य के रूप में चुने गए। फिर उन्हें 2 नवंबर 2020 को देश के उच्च सदन में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया। वह संसदीय कार्यवाही में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं और विभिन्न प्रमुख विधेयकों और मुद्दों पर सरकार और पार्टी के विचारों का बहुत मुखरता से प्रतिनिधित्व किया है। पेशेवर रूप से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट होने के नाते, सिंह ने अर्थशास्त्र और वित्त के क्षेत्र में व्यापक विषयों पर पार्टी के रुख को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। संसद में उनके प्रमुख हस्तक्षेपों में शामिल हैं- केंद्रीय बजट 2020-21 और 2021-22 पर चर्चा, बीमा संशोधन विधेयक- 2021, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय का कामकाज, विदेशी योगदान और विनियमन संशोधन विधेयक 2020, दिवाला और दिवालियापन कोड इत्यादि। वह रासायनिक उर्वरकों पर स्थायी समिति और जल संसाधन पर स्थायी समिति के सदस्य भी हैं। वह उत्साहपूर्वक इन प्लेटफार्मों पर अपने रचनात्मक और अभिनव इनपुट प्रदान करते हैं, इस प्रबल विश्वास के साथ कि नवीन विचारों को फलना-फूलना चाहिए।
इस साल से अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाला है। चुनाव को देखते हुए राजनैतिक पार्टियों ने कमर कस ली है। बीजेपी ने पूरे राज्य में “नहीं सहेगा राजस्थान” महा-अभियान शुरू किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय
अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयपुर में एक जनसभा में कांग्रेस के खिलाफ नहीं सहेगा राजस्थान अभियान की शुरुआत की थी। यह राज्यव्यापी महाअभियान एक अगस्त तक चलाया जाएगा। इस अभियान के जरिए बीजेपी का मुख्य लक्ष्य प्रदेश के 2 करोड़ लोगों तक पहुंचना है। इसके अलावा बीजेपी ने राज्य सरकार पर हमला बोलने के लिए कई नारे बनाए। जैसे अपराधी बेलगाम, नहीं सहेगा राजस्थान, महिलाओं पर अत्याचार नही सहेगा राजस्थान, भ्रष्टाचार खुलेआम नही सहेगा राजस्थान, दलितों पर अत्याचार नही सहेगा राजस्थान, पेपर लीक युवा परेशान नहीं सहेगा राजस्थान, किसान बेहाल नहीं सहेगा राजस्थान। इसके तहत हर विधानसभा में दो दिन सांसद और विधायक ने कैंप किया। फिर चार्ज शीट तैयार कर 1 अगस्त को जयपुर में सरकार का महाघेराव किया जाएगा। उस दिन बड़ी रैली होगी, जिसमें पार्टी के बड़े नेता हिस्सा लेंगे। वहीं, 18 से 24 जुलाई तक हर पंचायत में किसान चैपाल होगी, जिसमें सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पारित होगा। इसके लिए चलो जयपुर का नारा दिया जाएगा। इसके लिए दो दिन हर विधानसभा में युवाओं के द्वारा पेपर लीक बाइक रैली निकली जाएगी।
25 जुलाई को किसानों द्वारा माटी तिलक लगा कर चलो जयपुर अभियान की शुरुआत होगी, जबकि 26 जुलाई को महिलाओं के खिलाफ अपराध के खिलाफ थाली नाद होगा। वहीं, 28 जुलाई को हर विधानसभा के शहरी इलाके में मशाल जुलूस निकलेगा। भाजपा से जुड़े संगठनों ने अलग-अलग मुद्दों पर जयपुर और अजमेर में विरोध प्रदर्शन किया। दोनों ही जगहों पर कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं। घायलों में भाजयुमो के
प्रदेशाध्यक्ष अंकित चेची भी शामिल हैं। अजमेर में भारतीय जनता युवा मोर्चा की ओर से राजस्थान लोक सेवा आयोग का घेराव किया गया था। युवा आक्रोश महा प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन और युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। वहीं जयपुर में अखिल भारतीय विद्याथी परिषद ने महिलाओं के खिलाफ अपराध और जोधपुर में नाबालिग लड़की से बलात्कार के विरोध में प्रदर्शन किया गया। यहां भी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया। भाजयुमो के प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प के बाद कई कार्यकर्ताओं को अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने खुद कमान संभाली और घायलों को अपने कंधे पर लेकर अस्पताल पहुंचे। इस दौरान सांसद बालकनाथ और विधायक वासुदेव देवनानी भी अस्पताल पहुंचे।
घेराव से पहले एक जनसभा का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेशभर से बीजेपी युवा मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला भी फूंका। विरोध प्रदर्शन में बीजेपी के प्रदेश
अध्यक्ष सीपी जोशी, बीजेपी सांसद महंत बालक नाथ, युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अंकित चेची समेत कई बीजेपी नेता शामिल हुए। राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आते ही जो भी इस पेपर लीक मामले में दोषी लोग हैं, चाहे वो ब्यूरोक्रेट हैं, चाहे नेता हैं, वो किसी भी बिल में घुस जाएं उनको निकाल कर सजा दी जाएगी।
इस प्रकार राजस्थान में प्रभारी का दायित्व निभाते हुए अरुण सिंह ने जिस प्रकार संगठन को सक्रिय किया है, उससे राज्य मंे भाजपा सरकार बनने की संभावनाएं बढ़ीं। (हिफी)

 

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