खेल बिगाड़ सकते हैं अरविंद नेताम

छत्तीसगढ़ मंे कांग्रेस के नेता और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सत्ता मंे फिर से वापसी के दावे
तो कर रहे हैं लेकिन अरविन्द नेताम जैसे नेता उनका खेल बिगाड़ सकते हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविन्द नेताम ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। अरविन्द नेताम ने सर्व आदिवासी समाज के जरिए राज्य मंे 50 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ मंे आदिवासी वोट निर्णायक माने जाते हैं। अरविंद नेताम ने विश्व आदिवासी दिवस के दिन ही कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। वे बस्तर क्षेत्र के कद्दावर नेता माने जा रहे हैं। हालांकि विधानसभा के अध्यक्ष चरण दास महंत ने कहा है कि अरविंद नेताम दिल से कांग्रेसी हैं। इसको कुछ लोग सियासी तंज बता रहे हैं। उधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार आदिवासी वोट साधने का प्रयास कर रहे हैं। वे आदिवासी युवाओं से संवाद बनाए हैं। इसके बावजूद अरविंद नेताम का रूठना कांग्रेस पर भारी पड़ सकता है।
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छत्तीसगढ़ में चुनाव नजदीक है तो सियासत तेज होना भी लाजमी है।इसी सियासत के बीच इन दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम काफी चर्चा में हैं। अरविंद नेताम ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर हमको राज पार्टी बना ली है। प्रदेश की तमाम विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान भी कर दिया है। निश्चित तौर पर उनके इस कदम से कांग्रेस के भीतरखाने में खलबली मची है लेकिन छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष उनकी नई पार्टी और चुनाव लड़ने को लेकर चिंतित नजर नहीं आ रहे हैं।
महेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला कोरबा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। इस संसदीय क्षेत्र से विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत सांसद हैं। लिहाजा उनका और उनकी पत्नी का जिले में दौरा लगा रहता है।इस बार विधानसभा अध्यक्ष पूरी तरह राजनीतिक रंग में रंगे नजर आए। दरअसल इन दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री और कद्दावर आदिवासी नेता अरविंद नेताम कांग्रेस की आंख की किरकिरी बने हुए हैं। क्योंकि आदिवासी बाहुल्य सरगुजा संभाग की 14 और बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों के साथ ही उन्होंने 50 से अधिक विधानसभा सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया है।इससे प्रदेश में सत्ताधारी दल कांग्रेस और बीजेपी दोनों को कम ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।यही वजह है कि अरविंद नेताम को लेकर चरणदास महंत ने इतनी बड़ी बात कह डाली है। चरण दास महंत ने कहा है कि अरविंद नेताम दिल से कांग्रेसी रहे हैं। वो इंदिरा गांधी के जमाने से कांग्रेसी हैं। वो ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे कांग्रेस का नुकसान हो।इसके अलावा महंत ने अरविंद नेताम पर तंज कसते हुए कहा कि वो अगर एक दो सीट जीत भी जाते हैं तो वो कांग्रेस के साथ आ जाएंगे। अरविंद नेताम इन दिनों प्रदेश भर का दौरा कर कांग्रेस के साथ बीजेपी की पुरानी सरकार पर भी आदिवासियों की उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं।वो ये भी आरोप लगा रहे है कि दोनों ही सरकारों ने कभी आदिवासी हित के लिए काम नहीं किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अरविंद नेताम ने कुछ दिन पहले ही सर्व आदिवासी समाज के जरिए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 50 सीटों में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
अरविंद नेताम कांग्रेस के काफी वरिष्ठ नेताओं में से हैं और बस्तर के काफी कद्दावर नेता भी माने जाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में अरविंद नेताम कृषि मंत्री रह चुके हैं। वहीं उनके इस्तीफा देने के बाद पूरे प्रदेश में सियासी बवाल मचा हुआ है। अरविंद नेताम ने कांग्रेस अध्यक्ष के नाम पत्र लिखकर कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। अरविंद नेताम ने अपने पत्र में लिखा है कि मैंने 5 साल पहले तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापस आकर अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती प्रदान करने का हमेशा प्रयास किया, लेकिन प्रदेश नेतृत्व के असहयोग रवैया के कारण मुझे निराशा हुई। प्रदेश नेतृत्व राज्य में आदिवासी समाज के लिए बाबा साहब अंबेडकर राव के द्वारा प्रदान संवैधानिक अधिकारों के विपरीत काम करने और पेसा कानून 1996 में आदिवासी समाज को जल ,जंगल, जमीन में ग्राम सभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया गया है। इस प्रकार से वर्तमान सरकार आदिवासी विरोधी सरकार है। इसलिए मैं विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं।
अरविंद नेताम के इस्तीफा देने को लेकर अब तक कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि 15 अगस्त को बस्तर पहुंचे मुख्यमंत्री ने पहले ही कह दिया था कि समाज कोई राजनीतिक दल नहीं होता और हमारी सरकार से आदिवासी समाज नाराज नहीं है।
इसके बावजूद आदिवासियों को कांग्रेस से जोड़े रखने के लिए छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल युवाओं से भेंट मुलाकात कर रहे हैं। इसके लिए शहर के पीजी कॉलेज ग्राउंड में 5 हजार से अधिक संख्या में सातों जिलों से युवा पहुंच चुके हैं। इनमें से अधिकांश युवा बस्तर के पारंपरिक वेशभूषा में सीएम का वेलकम करने पहुंचे हुए हैं। कुछ देर में मुख्यमंत्री इन युवाओं से सीधा संवाद करेंगे। युवाओं में इस कार्यक्रम को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। बस्तर के युवा मुख्यमंत्री से सवाल जवाब करने के लिए सभी युवा उत्साहित हैं। इस कार्यक्रम में सभी 7 जिलों के युवाओं के साथ कलेक्टर भी पहुंचे हुए हैं। वहीं बड़े स्तर में हो रहे इस कार्यक्रम को देखते हुए बस्तर पुलिस ने सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए हैं। बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों से आए युवाओं का कहना है कि सीएम से सीधे संवाद करने के लिए वे बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वही अंदरूनी इलाकों के युवा बस्तर के पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे हुए हैं। हालांकि युवाओं ने अभी सीएम से सवाल को लेकर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया लेकिन अपने सवाल पूछने को लेकर काफी उत्साहित हैं। बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि इन युवाओं में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के भी युवा हैं जो मुख्यमंत्री से सीधा संवाद करेंगे, खासकर नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के युवा पहली बार इस तरह के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)