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पाकिस्तान में हिंदुओं पर जुल्म की इंतहा!

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के मामले कम होते नजर नहीं आ रहे हैं। पिछले दो दिनों से सिंध प्रांत में हिंदू बालिकाओं को अगवा कर जबरन निकाह कराने की खबरें सुर्खियां बन रही हैं। हाल में सिंध प्रांत में 50 हिंदुओं का जबरन मतांतरण कराया गया।
पाकिस्तान में हिंदू समेत सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लोग अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन समुदायों को हमले और जबरन धर्मांतरण का सामना करना पड़ रहा है। लक्षित हत्याएं भी की जा रही है। दो दिनों से सिंध प्रांत में हिंदू बालिकाओं को अगवा कर जबरन निकाह कराने की खबरें सुर्खियां बन रही हैं। हाल में सिंध प्रांत में 50 हिंदुओं का जबरन मतांतरण कराने की खबर सामने आई थी। इससे पहले कराची में 30 मार्च को हिंदू अनुसूचित जाति से आने वाले चिकित्सक बीरबल गिनानी पर हमला किया गया और उनकी मौत हो गई। पेशावर में 31 मार्च को एक अज्ञात हमलावर ने सिख दुकानदार दयाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। सिंध प्रांत के संघार जिले की हिंदू विधवा दया भील की बर्बर तरीके से हुई हत्या की घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रही।
हाल में लगातार दो दिनों से सिंध प्रांत में हिंदू बच्चियों को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन कराकर निकाह कराया गया। इससे पहले नवंबर के पहले हफ्ते में सिंध के बदिन जिले के कस्बे तंतु गुलाम अली से दो हिंदू बच्चियों -11 साल की निशा और 13 साल की हिना कोहली का अपहरण किया गया। अक्तूबर और नवबंर के दौरान लगभग 16 ऐसी घटनाएं पाकिस्तान के सिंध इलाके में हो चुकीं हैं।
शेख भिरकियो कस्बे से एक दस साल की बच्ची का अपहरण किया और अस्सी साल के जमींदार मुल्ला रशीद से निकाह करवा दिया गया। जब मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो अदालत ने लड़की को जमींदार के कब्जे से छुड़ाने के आदेश दिए। उसे पनाहगाह में भेज दिया गया। पाकिस्तान में ऐसे मसलों में अदालत कहती है कि लड़की बालिग है या नहीं, इसके लिए उसके दस्तावेज को प्रामाणिक नहीं माना जा सकता और बच्ची की चिकित्सकीय जांच कराई जाती है। रसूखदार लोग चिकित्सक से मिलकर उसे बालिग दिखा देते हैं और फिर अदालत में लड़की की मर्जी का हवाला देकर निकाह को जायज ठहरा दिया जाता है।
आप को याद दिला दें कराची में बीती 30 मार्च को हिंदू अनुसूचित जाति से आने वाले चिकित्सक बीरबल गिनानी पर हमला किया गया और उनकी मौत हो गई। पेशावर में 31 मार्च को एक अज्ञात हमलावर ने सिख दुकानदार दयाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। सिंध प्रांत के संघार जिले की हिंदू विधवा दया भील की बर्बर तरीके से हुई हत्या की घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रही। पाकिस्तान में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं। ताजा मामला हैदराबाद, सिंध के रहोकी इलाके का सामने आया है। रहोकी इलाके में सत्संग के दौरान अल्पसंख्यक हिंदू बागड़ी समुदाय के लोगों पर सांप्रदायिक हमले की खबर है। इस हमले में 12 पुरुषों, महिलाओं समेत बच्चे गंभीर रूप घायल हो गए। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स कमीशन के मुताबिक हर साल करीब एक हजार लड़कियों का जबरदस्ती धर्म बदलवा दिया जाता है। इनमें से ज्यादातर लड़कियां सिंध प्रांत के गरीब हिंदू समुदाय से आती हैं। इसके अलावा सिख और क्रिश्चियन कम्युनिटी की भी काफी लड़कियां इसका शिकार बनती हैं। जनवरी में संयुक्त राष्ट्र ने भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे जुर्म को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी।संयुक्त राष्ट्र के 12 एक्सपर्ट्स ने पाकिस्तान में माइनॉरिटी की किडनैपिंग, धर्म परिवर्तन और छोटी उम्र में लड़कियों की शादी करने जैसे मामलों को लेकर चिंता जाहिर की थी। पाकिस्तान के मीरपुरखास में 10 परिवारों के 50 हिंदुओं को मुसलमान बनाया गया है। इनमें 1 साल की बच्ची भी शामिल है। इस मौके पर मजहबी मामलों के मंत्री मोहम्मद ताल्हा महमूद के बेटे मोहम्मद शमरोज खान भी मौजूद रहे। वो खुद भी सांसद हैं।हिंदुओं का सामूहिक धर्मांतरण कराने के लिए एक स्पेशल सेरेमनी ऑर्गेनाइज की गई। जिन लोगों का मजहब बदलवाया गया है, उन्हें चार महीने तक एक जगह रखा गया, इसे आम बोलचाल में इस्लामी ट्रेनिंग सेंटर कह सकते हैं।
करीब एक महीने पहले हिंदू सांसद दानिश कुमार ने सदन में यह कहकर सबको चैंका दिया था कि उनके सहयोगी सांसद उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए लालच देते हैं या दबाव डालते हैं। अब हिंदुओं के सामूहिक धर्मांतरण का मामला सामने आया है।जिस संगठन ने यह
धर्मांतरण कार्यक्रम आयोजित किया, उसके मुन्तजिर कारी तैमूर राजपूत ने कहा- कुल 10 परिवारों को इस्लाम में शामिल किया गया है। वो मर्जी से मुस्लिम बनने को राजी हुए। हमने कोई दबाव नहीं डाला। इस मौके पर कई स्थानीय लोग मौजूद थे। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक धर्मांतरण पाकिस्तान के मीरपुरखास में 10 परिवारों के 50 हिंदुओं को मुसलमान बनाया गया है। इनमें 1 साल की बच्ची भी शामिल है। इस मौके पर मजहबी मामलों के मंत्री मोहम्मद ताल्हा महमूद के बेटे मोहम्मद शमरोज खान भी मौजूद रहे। वो खुद भी सांसद हैं।हिंदुओं का सामूहिक धर्मांतरण कराने के लिए एक स्पेशल सेरेमनी ऑर्गेनाइज की गई। जिन लोगों का मजहब बदलवाया गया है, उन्हें चार महीने तक एक जगह रखा गया, इसे आम बोलचाल में इस्लामी ट्रेनिंग सेंटर कह सकते हैं।
पाकिस्तान के हिंदू संगठन के प्रमुख कार्यकर्ता फाकिर शिवा ने इस सामूहिक धर्मांतरण का विरोध किया है। शिवा ने कहा कि बिल्कुल साफ नजर आ रहा है कि अब सरकार ही दूसरे मजहब के लोगों का इस्लाम में धर्मांतरण करा रही है। माइनॉरिटीज के लोग कई साल से मांग कर रहे हैं कि इस तरह के कन्वर्जन के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए, लेकिन हमारी बात सुनेगा कौन? सिंध में तो यह बहुत बड़ा मसला बन चुका है। अब तो कैबिनेट मिनिस्टर का सांसद बेटा भी इस तरह के प्रोग्राम में शामिल हो रहा है।शिवा के मुताबिक ये बहुत फिक्र की बात है कि धर्मांतरण किस पैमाने पर हो रहा है, लेकिन क्या करें? हम मजबूर हैं। हमारी कम्युनिटी में पहले ही बहुत गरीबी है। इसका फायदा मजहबी नेता उठा रहे हैं। लोगों को लालच दिया जाता है, फिर उन्हें कन्वर्ट कराया जाता है।
इधर, सामूहिक धर्मांतरण पर नाराजगी जाहिर करते हुए हिंदू कार्यकर्ताओं ने इस पर रोक के लिए कानून बनाने की मांग की है। आरोप है कि राज्य इन धर्मांतरणों में शामिल है। स्थानीय समुदाय के सदस्य पिछले पांच सालों से सरकार से इस धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। भारत सरकार को पाक में हो रहे इन नापाक हरकतों के खिलाफ सख्त ऐतराज उठाना चाहिए और सख्त चेतावनी देनी चाहिए। इन मामलों को एमनेस्टी इंटरनेशनल के पटल पर भी रखा जाना चाहिए। (हिफी)

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