अध्यात्म

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 22 सितंबर को सोमवार दिन से हो रहा है। शारदीय नवरात्रि 10 दिनों की है और 11वें दिन दुर्गा विसर्जन होगा। इस बार शारदीय नवरात्रि में तृतीया तिथि 2 दिन है, जिस वजह से यह नवरात्रि 10 दिनों की हो गई है। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते हैं और मां दुर्गा का आह्वान करते हैं। फिर नवदुर्गा की पूजा शुरू होती है। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन यानि 22 सितंबर को शुक्ल योग बन रहा है। शुक्ल योग प्रातःकाल से लेकर शाम 07 बजकर 59 मिनट तक है, उसके बाद से ब्रह्म योग बन जाएगा। शुक्ल योग एक शुभ और सफलतादायक योग है। इसमें आप जो भी कार्य करते हैं, वह सफल होते हैं। इस योग में कलश स्थापना के साथ नवरात्र की पूजा प्रारंभ होगी। इस बार कलश स्थापना के लिए 3 शुभ मुहूर्त हैं। मिट्टी के कलश को घट बोलते हैं, इसके लिए घटस्थापना शब्द है।
कलश स्थापना का पहला मुहूर्त: यदि आप ब्रह्म मुहूर्त में उठते हैं तो आपके लिए कलश स्थापना का पहला मुहूर्त अच्छा रहेगा। कलश स्थापना का अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह में 6.9 से 7.40 तक है। उस समय कन्या लग्न भी है। कलश स्थापना का दूसरा मुहूर्त- दिन में 9.11 से 10.43 तक है। इस समय में भी आप घटस्थापना करके पूजा कर सकते हैं। इसके साथ जो लोग सुबह में कलश स्थापना नहीं कर सकते हैं, उनके लिए दोपहर में सबसे उत्तम मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त है। कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त पूर्वाह्न 11.49 से 12.38 तक है।

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