लेखक की कलम

दुनिया के धार्मिक पर्यटन पर उभरी अयोध्या

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
 राम मंदिर अयोध्या के बनने के बाद से अब तक पहुंच चुके हैं 39 करोड़ श्रद्धालु।
 22 जनवरी 2024 से अब तक 5.5 करोड़ लोगों ने रामलला के किए हैं दर्शन।
अयोध्या में श्रद्धालुओं की सुविधाओं का भी रखा जा रहा है ध्यान।
 मंदिर को मजबूत बनाने के लिए लगाई जा रही है टाइटेनियम की जाली।
हजारों सालों तक सुरक्षित रहता है टाइटेनियम।
राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ उमड़ी है। श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार 22 जनवरी 2024 से अब तक 5.5 करोड़ से ज्यादा रामभक्त रामलला के दर्शन कर चुके हैं। इसका एक कारण यह भी है कि उत्तर प्रदेश सरकार और अयोध्या प्रशासन लगातार सुविधाएं बढ़ा रहा है जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 2017 से ही अयोध्या को त्रेता युग की गरिमा प्रदान करना शुरू कर दिया था। अयोध्या में दीपोत्सव तो हर साल नया रिकॉर्ड बनाता है। राम मंदिर में अब राम दरबार की भी प्राणप्रतिष्ठा हो चुकी है। देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धावान रामलला और राम दरबार के साथ वहां कई मंदिरों में सिर झुकाते हैं। अयोध्या में राम मंदिर को बहुत मजबूत बनाया गया है। इसके तहत राम मंदिर में टाइटेनियम लगाया जा रहा है। यह विशेष प्रकार की धातु होती है। इस धातु से मंदिर हजारों साल तक सुरक्षित रहेगा। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य अब लगभग पूर्ण हो चुका है, जिसमें प्रथम तल पर राम दरबार स्थापित किया गया है जहाँ माता सीता, सभी भाई और हनुमान जी विराजमान हैं। मंदिर में 45 किलो स्वर्ण से निर्मित दरवाजे हैं। अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के भव्य मंदिर के शिखरों पर सोने की परत चढ़ाने का काम भी पूरा हो गया है। गत 3 जून को मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राम मंदिर के शीर्ष पर सोने का पानी चढ़ा शिखर स्थापित कर दिया गया था। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया, राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष के अनुसार मंदिर परिसर में शेष निर्माण कार्य सितंबर या अक्टूबर तक पूरा होने की संभावना है। परिसर के भीतर सप्त मंदिर पहले ही बनकर तैयार हो चुका है और वहां ऋषियों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। मिश्रा ने बताया था कि राम मंदिर निर्माण का यह चरण आस्था और भव्यता का प्रतीक बन रहा है। साथ ही राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है।
एक समय था जब दक्षिणा भारत में धार्मिक पर्यटक ज्यादा जाते थे। अब उत्तर भारत की रामनगरी
अयोध्या देश-दुनिया की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बन चुकी है। यहां जब से श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है, तभी से अयोध्या न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के धार्मिक मानचित्र पर बड़ी मजबूती से स्थापित हो चुकी है। लगभग 500 साल के लंबे इंतजार और संघर्ष के बाद 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हुई तब से लेकर आज तक रोजाना अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। इसके कई कारण हैं । सर्वप्रथम तो प्रभु श्रीराम के प्रति जन आस्था है। इसके साथ ही रामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन से पूरी निष्ठा के साथ जुड़े रहे तत्कालीन सांसद और 2017 से उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री का दायित्व संभाल रहे योगी आदित्यनाथ का धार्मिक स्थलों के विकास के प्रति जज्बा भी है। श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया। दीपावली पर अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का प्रारंभ योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का ही परिणाम है । अयोध्या के श्रीराम मंदिर के निर्माण की सतत निगरानी भी योगी करते रहे। यही कारण है कि अयोध्या विश्व के धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर उभरी है। अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल ने बताया कि 22 जनवरी 2024 से अब तक लगभग 5.5 करोड़ श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर चुके हैं। इनमें आम जनता के साथ-साथ देश-विदेश से आई बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं। इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री से लेकर राज्य मंत्रियों तक, क्रिकेट से लेकर व्यापार जगत तक कई लोगों ने राममंदिर के दर्शन किए हैं। बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन हों या क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर, हर कोई प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद लेने अयोध्या पहुंच चुका है। हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) के मालिक एलन मस्क के पिता और बहन भी अयोध्या पहुंचे। उन्होंने श्रीराम मंदिर में दर्शन-पूजन किया। राम मंदिर की व्यवस्था देख रहे लोगों के अनुसार अगर पूरे जिले में त्योहारों और बड़े धार्मिक आयोजनों की बात करें तो अब तक 39 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके हैं। इसमें स्थानीय लोग के साथ ही देश-दुनिया के लाखों श्रद्धालु भी शामिल है।
राम मंदिर बनने के बाद न सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है बल्कि अयोध्या को आधुनिक सुविधाओं से भी सजाया-संवारा जा रहा है। जिला प्रशासन लगातार इस बात का ध्यान रख रहा है कि श्रद्धालुओं को रहने, खाने-पीने या किसी भी सुविधा में कोई दिक्कत न हो। यही वजह है कि हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है और अयोध्या देश-दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक पर्यटन स्थलों में शामिल होता जा रहा है। लंबे संघर्ष के बाद प्रभु राम का मंदिर बनकर तैयार हो गया है। अब मंदिर के भूतल प्रथम तल और द्वितीय तल पर टाइटेनियम से निर्मित जाली लगाई जा रही है। टाइटेनियम की आयु लगभग 1000 वर्ष से अधिक बताई जाती है। भारत सरकार की ही एक संस्था है, जो इन जालियों का निर्माण कर रही है। अनुमान है कि 15 अगस्त तक राम मंदिर में 32 जाली का कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा। दरअसल अयोध्या के राम मंदिर में जितनी भी खिड़कियां लगाई जा रही हैं उन खिड़कियों में टाइटेनियम की जाली लगाई जा रही है।
टाइटेनियम एक विशेष प्रकार की धातु होती है, जिसका इस्तेमाल पनडुब्बी में किया जाता है। पहली बार देश में किसी मंदिर में इस धातु का प्रयोग किया जा रहा है। इस धातु की आयु लगभग 1000 वर्ष से अधिक मानी जाती है और यह धातु वेदर प्रूफ भी मानी जाती है, जिसमें कभी भी जंग नहीं लगता। यह सामान्य धातुओं से अलग धातु होती है। भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर में टाइटेनियम की धातु लगाई जा रही है, जिसका पूरे देश में पहली बार मंदिर में प्रयोग किया जा रहा है। टाइटेनियम का जीवन 1000 साल से ज्यादा रहता है। भारत सरकार की एक संस्था मिधानी है, जिसके द्वारा इस जाली को लगाया जा रहा है। राम मंदिर में लगभग 32 खिड़कियां बनाई जा रही हैं, जिसमें इसका प्रयोग किया जाएगा। इस प्रकार का अनोखापन पर्यटकों को आकर्षित करता है। (हिफी)

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