लेखक की कलमसम-सामयिक

अयोध्या: विश्वस्तरीय धार्मिक नगरी

 

त्रेता युग मंे भगवान ने श्रीराम के रूप में राजा दशरथ के महल में जन्म लेकर अयोध्या नगरी की महिमा स्थापित की थी। उसी अयोध्या को कलियुग मंे त्रेता युग की महिमा दिलाने का प्रयास उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। अब तो न्यायालय ने भी इस बात की पुष्टि कर दी कि अयोध्या में ही रामलला का जन्म हुआ था।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या को विश्वस्तरीय धािर्मक नगरी बनाने का लगभग तीन चैथाई कार्य तो पूरा ही कर लिया है। इसमंे कोई दो राय नहीं कि अयोध्या मंे दीपोत्सव की जिस परम्परा को योगी आदित्यनाथ ने प्रारम्भ किया, उससे इस नगरी का महत्व काफी बढ़ गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम जन्मस्थल पर भव्य राम मंदिर का निर्माण भी तीव्र गति से चल रहा है और आगामी 22 जनवरी को रामलला के विग्रह का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न होगा। इस दिन देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग वहां पहुंचेंगे। इससे पहले अयोध्या मंे दीपोत्सव का भव्य कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम को भी किसी न किसी माध्यम से करोड़ों लोग देखते हैं। अयोध्या का यह नया स्वरूप योगी आदित्यनाथ की सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री अक्सर अयोध्या जाकर वहां के निर्माण की प्रगति देखते रहे और यही कारण रहा कि राम की नगरी का स्वरूप दिन प्रतिदिन निखर रहा है। शारदीय नवरात्र में मुख्यमंत्री योगी अयोध्या पहुंचे थे। उन्हांेने पहले हनुमान गढ़ी मंे हनुमान जी के दर्शन किये, फिर रामलला के चरणों मंे सिर झुकाया। अयोध्या में विशेष धार्मिक अवसरों पर आस्था का सागर उमड़ पड़ता है। इसका बहुत कुछ श्रेय योगी आदित्यनाथ की सरकार को है।

भगवान राम की नगरी अयोध्या को प्राचीन काल में अवधपुरी के नाम से भी जाना जाता था। आज इस अयोध्या में प्रभु राम का दिव्य और भव्य मंदिर बन रहा है। वहीं, 22 जनवरी 2024 को प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे, तो उससे पहले पूरी अयोध्या त्रेता युग की तरह नजर आएगी। इतना ही नहीं दीपावली से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक भगवान राम की नगरी रंग-बिरंगी लाइटों से गुलजार रहेगी। इन दिनों सरयू के तट पर स्थित राम की पैडी भक्तों से गुलजार हो रही है। अयोध्या की गलियों में लगी हुई रंग-बिरंगी लाइटें देखकर यूं लगता है मानो ईश्वर ने इंद्रधनुष के सातों रंग निकालकर इन टिमटिमाती लाइटों में भर दिया हो। इस सबको देखकर न सिर्फ स्थानीय बल्कि पर्यटक भी काफी खुश नजर आ रहे हैं। राम मंदिर की पहली मंजिल का उद्घाटन भी अगले साल 22 जनवरी तक होने की उम्मीद है, जब अयोध्या में मंदिर के गर्भगृह में रामलला का अभिषेक होगा।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस साल 31 दिसंबर तक मंदिर की पहली मंजिल का निर्माण कार्य पूरा करने का फैसला किया है। गत दिनों राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान निर्माण कार्य में शामिल एजेंसियों ने मिश्रा को आश्वासन दिया कि भूतल का निर्माण कार्य 31 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उन्हें यह भी आश्वासन दिया कि मंदिर की पहली मंजिल भी उसी तारीख तक उद्घाटन के लिए तैयार हो जाएगी। ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा था, “ग्राउंड फ्लोर 31 दिसंबर तक तैयार हो जाएगा। हम पहली मंजिल को भी पूरा करने और इसे लोकार्पण के लिए तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।” मंदिर के ग्राउंड फ्लोर के सभी 14 दरवाजे तैयार हैं।

ट्रस्ट के मुताबिक, मंदिर के भूतल पर 160 खंभे लगाए गए हैं और पहली मंजिल पर 132 खंभे लगेंगे, जबकि मंदिर की दूसरी मंजिल पर 74 खंभे लगेंगे। प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता करेंगे। अगले दिन से मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। ट्रस्ट देश भर से 4,000 संतों और 2,500 प्रमुख लोगों की सूची को भी अंतिम रूप दे रहा है, जिन्हें उद्घाटन समारोह के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

इस बार भी अयोध्या में दिवाली पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। रामायण के प्रसंगों पर आधारित झांकियां निकाली जाएंगी। सीएम योगी गुरु विशिष्ठ की भूमिका में इनकी अगुवाई करेंगे। अयोध्या में प्रभु श्रीराम के आगमन के पर्व दीपावली को लेकर तैयारियां अब अंतिम पड़ाव पर हैं। भगवान श्रीराम के स्वागत के लिए अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। दिवाली पर होने वाले दीपोत्सव के साथ-साथ अयोध्या में कई धार्मिक एंव सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा जिसमें रामायण के प्रसंगों पर आधारित झांकियां अयोध्या के प्रवेश द्वार से निकलेंगी जिनका रामकथा पार्क में समापन होगा। इसके अलावा झांकियों के आगे पीछे नृत्य संगीत की अलग-अलग टोलियां चलेंगी। झांकियों के मंच पर भगवान के विग्रह भी मौजूद होंगे। रामकथा पार्क में जब यह झांकियां पहुंचेंगी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरु विशिष्ठ की भूमिका में इनकी अगुवाई करेंगे। जब यह झांकियां राम कथा पार्क पहुंचेगी उसी समय त्रेता युग की तर्ज पर प्रभु श्रीराम पुष्पक विमान रूपी हेलिकाप्टर से पहुंचेंगे। उस समय सीएम योगी गुरु वशिष्ठ की भूमिका में नजर आएंगे और राज्याभिषेक का कार्यक्रम होगा। इसके लिए रामकथा पार्क राम दरबार की थीम पर सज रहा है।

भगवान राम को राम शब्द की उपाधि मिली। अगर राम को कोई राम बनाने वाला है तो गुरुदेव वशिष्ठ हैं। गुरु की भूमिका में योगी आदित्यनाथ वह भी गुरु गोरखपीठ से तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। जब भगवान 14 वर्ष वनवास खत्म करके वापस आते हैं तो बड़ा कार्यक्रम होता है। दिव्य राम मंदिर बन रहा है तो वहां सीएम को मुख्य रूप में होना चाहिए क्योंकि वह उत्तर प्रदेश के मुखिया हैं। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर बनने के साथ ही सुरक्षा को लेकर भी आधारभूत ढांचा खड़ा किया जा रहा है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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