तुलसी और मोगरे की माला पहनकर सजे बाबा महाकाल, भस्मारती में मस्तक पर बनाया त्रिशूल

उज्जैन। भगवान शिव के मस्तक पर त्रिशूल बनाया गया, उन्हें तुलसी और मोगरे की माला अर्पित की गई। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय बाबा महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर तड़के भस्म आरती के दौरान चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर, पंचामृत और फलों के रस से किया गया।
श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि अष्टमी तिथि व संयोग पर भस्मआरती में बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया। भगवान शिव के मस्तक पर त्रिशूल बनाया गया, उन्हें तुलसी और मोगरे की माला अर्पित की गई। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय बाबा महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।