संतुलित एवं दूरदर्शी मंत्रिमंडल

लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने अपना संतुलित और दूरदर्शी मंत्रिमंडल बनाया है। गत 9 जून को नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रियों ने राष्ट्रपति भवन के विशाल और गरिमापूर्ण प्रांगण मंे शपथ ग्रहण की। इस बार भाजपा को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला, इसलिए सहयोगी दलों से सर्वाधिक 11 मंत्री बनाये गये हैं। गठबंधन सरकार की कुछ मजबूरियां तो होती ही हैं लेकिन मोदी ने दूरदर्शिता से भी काम किया है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य मंे इस बार भाजपा का प्रदर्शन उम्मीदों से कहीं ज्यादा फीका रहा। यहां मिशन 80 की बात की जा रही थी लेकिन भाजपा को 33 सांसद ही मिल पाये। इसके बावजूद यूपी से 11 मंत्री बनाये गये हैं। पिछली सरकार मंे यूपी से 15 मंत्री थे। मोदी का यह निर्णय यूपी मंे 2027 मंे होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। मुख्यमंत्री योगी की पीठ थपथपाते हुए मोदी ने यही आभास कराया कि पार्टी को कम सांसद मिलने का कोई अफसोस नहीं है। इसी प्रकार पंजाब मंे पार्टी को एक भी सांसद नहीं मिला लेकिन वहां जनाधार बढ़ा है और यह जनाधार भविष्य में सांसद और विधायक दिलाएगा, इसके लिए रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यमंत्री बनाया गया है। ओडिशा में पहली बार भाजपा की सरकार बनी है, इसलिए मोदी ने संसदीय दल की बैठक में जय श्रीराम की जगह जय जगन्नाथ का उद्घोष किया था। ओडिशा पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार है जहां से पश्चिम बंगाल का किला ध्वस्त किया जा सकता है। कई प्रयास के बाद भी ममता बनर्जी ने भाजपा का विजय रथ रोक रखा है। इस बार मंत्रिमंडल मंे पीएम मोदी के साथ 71 मंत्री हैं।
प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार पद और गोपनीयता की शपथ ली। उनके साथ 71 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण किया। इस बार पीएम मोदी की सरकार में जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल का बंटवारा किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी की नई टीम में इस बार 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं। सभी मंत्री देश के 24 राज्यों के साथ-साथ सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पीएम मोदी के इस नए मंत्रिमंडल में 21 सवर्ण, 27 ओबीसी, 10 एससी, 5 एसटी, 5 अल्पसंख्यक मंत्री शामिल हैं। इसमें 18 वरिष्ठ मंत्री भी शामिल हैं। पीएम मोदी के इस नए मंत्रिमंडल में 11 एनडीए सहयोगी दलों से मंत्री बनाए गए हैं। इसमें से 43 ऐसे सांसद मंत्री बने हैं, जो संसद में 3 या उससे अधिक कार्यकाल तक सेवा दे चुके हैं। इसके साथ ही 39 ऐसे मंत्री बनाए गए हैं, जो पहले भी भारत सरकार में मंत्री रह चुके हैं। पीएम मोदी के इस मंत्रिमंडल में कई पूर्व मुख्यमंत्री, 34 राज्य विधानसभाओं में सेवा दे चुके सदस्य और 23 राज्यों में मंत्री के रूप में काम कर चुके सदस्यों को भी सांसद चुने जाने के बाद जगह दी गई है। सवर्ण मंत्रियों में अमित शाह, एस. जयशंकर, मनसुख मांडविया, राजनाथ सिंह, जितिन प्रसाद, जयंत चैधरी, धर्मेन्द्र प्रधान, रवनीत बिट्टू, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, मनोहर लाल खट्टर, जितेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत, संजय सेठ, राम मोहन नायडू, सुकांत मजूमदार, प्रह्लाद जोशी, जेपी नड्डा, गिरिराज सिंह, ललन सिंह, सतीश चंद्र दुबे शामिल हैं।
इसी प्रकार ओबीसी मंत्रियों में सीआर पाटिल, पंकज चैधरी, अनुप्रिया पटेल, बीएल वर्मा, रक्षा खडसे, प्रताप राव जाधव, शिवराज सिंह चैहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, भूपेंद्र यादव, भगीरथ चैधरी, अन्नपूर्णा देवी, शोभा करंदलाजे, एचडी कुमारस्वामी, नित्यानन्द राय शामिल हैं। दलित मंत्रियों में देखें तो एसपी बघेल, कमलेश पासवान, अजय टम्टा, रामदास आठवले, वीरेंद्र कुमार, सावित्री ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, रामनाथ ठाकुर शामिल हैं। मंत्रिमंडल में शामिल आदिवासी नेता भी शामिल हैं। आदिवासी मंत्रियों में जुएल ओराम, श्रीपद येसो नाइक, सर्बानंद सोनोवाल हैं।
पीएम मोदी के साथ वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अमित शाह, जेपी नड्डा, एस जयशंकर और शिवराज सिंह चैहान ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। 73 वर्षीय मोदी पहली बार 2014 में प्रधानमंत्री बने और फिर 2019 में फिर से प्रधानमंत्री बने। जवाहरलाल नेहरू के बाद वे लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। वे वाराणसी से लोकसभा के लिए फिर से चुने गए हंै। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मोदी और 30 कैबिनेट मंत्रियों को गोपनीयता और पद की शपथ दिलाई। जेडी(एस) नेता एचडी कुमारस्वामी, एचएएम (सेक्युलर) प्रमुख जीतन राम मांझी, जेडी(यू) नेता राजीव रंजन सिंह ‘ललन’, टीडीपी के के राम मोहन नायडू और एलजेपी-आरवी नेता चिराग पासवान ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। इन पांच सहयोगियों में से प्रत्येक को एक-एक कैबिनेट बर्थ मिला। कुमारस्वामी कर्नाटक और मांझी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। पीएम मोदी के शपथ समारोह में भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के शीर्ष नेताओं मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ विशेष अतिथि रहे।
नेताओं और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के अलावा, ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ नए संसद भवन के निर्माण में शामिल सफाई कर्मचारियों और मजदूरों ने भी मोदी और नए मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया। शपथ ग्रहण समारोह देखने के लिए राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में लगभग 9,000 लोग के मौजूद थे।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी सरकार विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मैंने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। देशवासियों की फिर से सेवा करने का मौका देने के लिए मैं पीएम मोदी का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। शाह ने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व में हम एक नए, विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नई मंत्रिमंडल में हर छह में से एक सदस्य राज्यसभा से है। मोदी मंत्रिमंडल में संसद के उच्च सदन से 13 सदस्य हैं, जबकि 57 लोकसभा के नव निर्वाचित सदस्य हैं। नए राज्य मंत्रियों में से दो रवनीत सिंह बिट्टू और जार्ज कुरियन लोकसभा या राज्यसभा के सदस्य नहीं हैं। उन्हें शपथ लेने के छह महीने के भीतर संसद सदस्य बनना आवश्यक है।कैबिनेट मंत्रियों में जो राज्यसभा सदस्य हैं, उनमें जगत प्रकाश नड्डा, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर, किंजरापु राममोहन नायडू, अश्विनी वैष्णव और हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं। सर्बानंद सोनोवाल और ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा के सदस्य हैं, लेकिन इस बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। जिन राज्यसभा सदस्यों को राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया है, उनमें रामदास आठवले, रामनाथ ठाकुर, बीएल वर्मा, एल मुरुगन, सतीश चंद्र दुबे, संजय सेठ और पबित्रा मार्गेरिटा शामिल हैं।भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के मंत्रियों की सूची में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम नहीं होने पर उन्होंने कहा कि वह भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहेंगे और भारत को विकसित देश बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने में योगदान देंगे। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)