भाजपा ने खड़ा किया सोरोस का जिन्न

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
भारत की राजनीति में आरोपों के जिन्न खड़े किये जाते रहे हैं। इन दिनों अमेरिकी व्यवसायी जार्ज सोरोस को कांग्रेस पर हमले का आधार बनाया गया है। जार्ज सोरोज अमेरिका के व्यवसायी है जिन पर सरकारों को अस्थिर करने के आरोप लगते रहे हैं। सोरोस पर भारतीय अर्थ व्यवस्था को कमजोर करने और नरेन्द्र मोदी की सरकार को अस्थिर करने के आरोप इन दिनों चर्चा में हैं और इसके लिये कांग्रेस की पूर्व
अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। जार्ज सोरोस पर कई देशों में आरोप लगे हैं। उन्हें बैंक आफ इंग्लैंण्ड को दीवालिया करने में भूमिका निभाने का आरोप भी झेलना पड़ा है। यह भी कहा जाता है कि जार्ज सोरोस ने थाइलैण्ड की करेंसी को कमजोर करने का काम किया है। अब कहा जाता है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी का संबंध जार्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित एक संगठन से है। इस संगठन ने नरेन्द्र मोदी की सरकार को बदनाम करने के लिए पैसा खर्च किया है। भाजपा ने दावा किया है कि फोरम आफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन की सह अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी जार्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित संगठन से जुड़ी हैं। कांग्रेस की तरफ से इन आरोपों को निराधार बताया जा रहा है लेकिन राजनीतिक गलियारे में इस मामले ने हलचल जरूर मचा दी है।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि अमेरिका के डीप स्टेट के साथ मिलकर गांधी परिवार भारत के खिलाफ साजिश रचने में शामिल हैं। संसद में भी भाजपा ने इस मामले को उठाया और कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउनडेशन से है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करना चाहते हैं।
जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर संसद ठप हो गई। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और अमेरिकी हंगेरियन बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस के बीच कथित साठगांठ के मसले पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर हमलावर हैं। इस बीच राहुल गांधी ने सांसदों की एक बैठक में कहा कि सोरोस का मामला दरअसल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया है। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी इस मामले को ध्यान भटकाने के लिए इस्तेमाल कर रही है।
राहुल गांधी ने कहा, संविधान दिवस पर चर्चा में सरकार की दलित ओबीसी और गरीब विरोधी मानसिकता का पर्दाफाश करना होगा। पीएम के पास हमारे सवालों का कोई जवाब नहीं है, हमको अपने मुद्दों के लिए बीजेपी से लड़ना होगा। इसी प्रकार सोनिया गांधी और बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस के बीच कथित संबंधों को लेकर बीजेपी ने जहां हमले तेज किए हुए हैं। वहीं कांग्रेस भी अब बीजेपी को घेरती नजर आ रही है। खासतौर से अब जब जॉर्ज सोरोस से जुड़े और उसके वित्त पोषित संगठन का इस्तेमाल भारत को अस्थिर करने के लिए किए जाने वाले आरोपों को अमेरिका ने 9 दिसम्बर को स्पष्ट तौर पर खारिज कर दिया है।
जॉर्ज सोरोस एक अमेरिकी व्यवसायी हैं, जिनका जन्म हंगरी के बुडापेस्ट में 1930 में हुआ था। सोरोस की गिनती दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में होती है। उनका जन्म एक यहूदी परिवार में हुआ था, जो काफी समृद्ध था। सोरोस का परिवार हंगरी में नाजी कब्जे से निकलकर 1947 में ब्रिटेन आ गया। यहां उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स से पढ़ाई की। जानकारों का कहना है कि सोरोज ने अपनी पढ़ाई के लिए रेलवे पोर्टर और वेटर के तौर पर भी काम किया। इसके बाद 1956 में वो अमेरिका चले गए जहां उन्होंने वहां यूरोपिय प्रतिभूतियों के साथ एनालिस्ट के रूप में काम किया। सोरोस पर अपने धन बल का इस्तेमाल कर सरकारों को अस्थिर करने का आरोप लगता रहा है। आरोप है कि सोरोस ने 1997 में थाईलैंड की करेंसी (बाहट) पर सट्टा लगाकर उसे कमजोर करने का काम किया है। जॉर्ज सोरोस को बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बाद करने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने हेज फंड मैनेजर के रूप में ब्रिटिश करेंसी पाउंड को शॉर्ट कर अरबों का लाभ कमाया था। सोरोस पर भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के भी आरोप लगे हैं।
अब भाजपा के झारखंड से सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि गांधी परिवार के जॉर्ज सोरोस से संबंध हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सोरोस से मिलकर अदाणी मुद्दे को उठाकर देश की अर्थव्यवस्था को बेपटरी करना चाहते हैं। ये भी आरोप है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित एक संगठन से है, जिसने कश्मीर के एक स्वतंत्र राष्ट्र के विचार का समर्थन किया है। भाजपा ने दावा किया कि फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन की सह-अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित संगठन से जुड़ी हुई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद में उठे इस मामले को भाजपा की साजिश है कि सदन की कार्यवाही न चले। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष इससे लोकतंत्र की हत्या कर रही है। कांग्रेस ने ये भी कहा कि सरकार ये सब अदाणी मुद्दे से बचने के लिए कर रही है।
बीजेपी का कहना है कि ‘फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन’ की सह-अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी, जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित जिस संगठन से जुड़ी हैं उसने कश्मीर को अलग क्षेत्र माना जाए, ये विचार व्यक्त किए हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर काफी हमलावर नजर आई। अब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक बार फिर कांग्रेस को घेरा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जॉर्ज सोरोस से कांग्रेस नेतृत्व का संबंध बहुत गंभीर मामला है। इसलिए देश इस मुद्दे पर एकजुट रहे। जॉर्ज सोरोस भारतीय जनता पार्टी का मामला नहीं है।
किरेन रिजिजू ने कहा, जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस नेतृत्व के बीच यह संबंध बीजेपी द्वारा लगाया गया आरोप नहीं है। यह सार्वजनिक डोमेन में एक रिपोर्ट है और हर कोई इस बारे में जानता है। राहुल गांधी का आचरण और उनकी गतिविधियां लोगों को अच्छी तरह से पता हैं, ये मामला गंभीर है। यह केवल बीजेपी से संबंधित मामला नहीं है बल्कि पूरे देश से संबंधित मामला है। जब राष्ट्रीय हितों की बात आती है, तो हम सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए और एकजुट होना चाहिए। जॉर्ज सोरोस भारतीय अर्थव्यवस्था को नष्ट करना चाहते हैं। यह भारत के हर नागरिक के लिए गंभीर चिंता का विषय है। जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस नेतृत्व के साथ उनके संबंध केवल बीजेपी के लिए चिंता का विषय नहीं हैं।
इस मामले पर एनडीए के तमाम नेताओं ने सदन में चर्चा के लिए प्रस्ताव रखा, जिस पर विपक्ष ने ऐतराज जताया। विपक्ष की ओर से चर्चा का विरोध करने पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। इसी कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी प्रतिक्रिया दी। अनुराग ठाकुर ने सवाल किया कि कांग्रेस और विदेशी फंडिंग के बीच क्या संबंध है? और जॉर्ज सोरोस के साथ इन राजनीतिक दलों और नेताओं का रिश्ता क्या कहलाता है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर सवाल उठते हैं कि वह विदेशी फंडिंग के बारे में क्यों खामोश है? कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए। (हिफी)