राजनीति

सिद्धांत से नहीं डिगेगी भाजपा

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
हरियाणा में बीजेपी ने आखिरकार टिकटों पर सस्पेंस खत्म कर दिया है। कई दिनों के मंथन के बाद 4 सितंबर शाम को बीजेपी ने 67 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की । इस लिस्ट की बड़ी बात यह है कि बीजेपी ने 40 उम्मीदवार बदले हैं। जैसे कि कयास लगाए जा रहे थे नायब सिंह सैनी की सीट बदलकर उन्हें लाडवा से मैदान में उतारा गया है। हालांकि उनको खुद यकीन नहीं था कि उनकी सीट बदली जाएगी । भाजपा सिद्धांतवादी पार्टी है। उसने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह अपने सिद्धांत से नहीं डिगेगी। बीजेपी ने राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम से टिकट दिया है। बागी तेवर दिखाने वाले राव नरबीर सिंह को बादशाहपुर से मैदान में उतारा गया है।
हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर काफी दिनों से रस्साकसी चल रही थी। लंबे मंथन के बाद बीजेपी ने टिकटों का ऐलान किया है। इस टिकट वितरण में बीजेपी ने सरप्राइज भी दिया है। रेवाड़ी से मंजू यादव का टिकट पक्का माना जा रहा था, लेकिन पार्टी ने यहां से लक्ष्मण सिंह यादव को मैदान में उतारा है। रनिया से रणजीत चौटाला की जगह शीशपाल कंबोज को टिकट दिया गया है। कंवरपाल गुर्जर की सीट खतरे में मानी जा रही थी, लेकिन वह जगाधरी से टिकट बचाने में कामयाब रहे हैं। इसके अलावा कमल गुप्ता भी हिसार से मैदान में उतारे गए हैं। उनके टिकट को लेकर भी सस्पेंस चल रहा था। बीजेपी की इस इस लिस्ट में आधा दर्जन दलबदलुओं को भी टिकट दिया गया है। पिछले दिनों बीजेपी में शामिल हुईं अंबाला की मेयर रहीं शक्ति रानी शर्मा को कालका से उम्मीदवार बनाया गया है। वह हरियाणा जनचेतना पार्टी के प्रमुख पंडित विनोद शर्मा की पत्नी हैं। इसके अलावा जिन दलबदलुओं को टिकट मिला है उनमें राम कुमार गौतम शामिल हैं। गौतम जेजीपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके अलावा अनूप धानक (उकलाना), देवेंद्र बबली (टोहाना), श्याम सिंह राणा (रादौर) को भी टिकट दिया गया है। बीजेपी के टिकटों की इस लिस्ट में 25 विधायकों को रिपीट किया गया है। इसके अलावा तीन मंत्रियों और एक पूर्व मंत्री का टिकट कटा है। वन और खेल राज्य मंत्री संजय सिंह का सोहना से टिकट कटा है, उनकी जगह पर पूर्व विधायक तेजपाल तंवर को टिकट दिया गया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री विशंभर बाल्मीकि का बवानीखेड़ा से टिकट कट गया है। उनकी जगह कपूर वाल्मीकि पर दांव लगाया गया है।
हरियाणा में भाजपा को टिकट की घोषणा करने के बाद एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। अब तक कई भाजपाई बगावत कर चुके हैं। गत 7 सितंबर को कालांवाली के पूर्व विधायक बलकौर सिंह ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। बलकौर सिंह 2019 में भाजपा की टिकट पर कालांवाली (रिजर्व) से विधानसभा चुनाव लड़े थे। अब सिरसा से पूर्व विधायक बलकौर सिंह ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे के साथ उन्होंने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। बलकौर सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 5 वर्षों तक पार्टी की तन-मन-धन से सेवा की, लेकिन इसके बावजूद उन्हें वह मान-सम्मान और सरकारी पद नहीं मिला जिसके वे लायक थे। हरियाणा में भाजपा के 67 सीटों का वितरण करने के बाद से भगदड़ जारी है। वहीं, हालांकि कांग्रेस ने कालांवाली की सीट पर मौजूदा विधायक शीशपाल केहरवाला को टिकट दिया है लेकिन राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है।
राज्यसभा सदस्य सुभाष बराला बबली का बराला कितना देंगे, यह देखना रोचक बात होगी। भाजपा की टिकट लेने के बाद देवेंद्र बबली जब पहली बार टोहाना आए तो उन्होंने कहा था कि बराला और उनके बीच राजनीतिक मतभेद थे, जो दूर हो गए हैं। टोहाना विधानसभा सीट से भाजपा का टिकट मिलने के बाद प्रत्याशी देवेंद्र सिंह बबली ने अब रूठों को मनाने की पहल शुरू कर दी है। रिश्ते में दादा लगने वाले और भाजपा के कद्दावर नेता सुभाष बराला से मिलने उनके घर पहुंचे। दोनों के बीच करीब आधा घंटा बंद कमरे में बातचीत हुई है। गौरतलब है कि सुभाष बराला और देवेंद्र सिंह बबली शुरू से ही एक दूसरे के धुरविरोधी रहे हैं। राजनीति में लंबे समय से दोनों का छत्तीस का आंकड़ा चलता आ रहा है।
विधानसभा चुनाव के लिए टिकट न मिलने पर अब प्रदेश की कई सीटों पर भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज लगातार मुखर हैं। यमुनानगर की रादौर में पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव कंबोज ने गत दिनों महापंचायत कर भाजपा के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। पूर्व मंत्री ने कहा कि अब यह पार्टी गद्दारों की पार्टी बन चुकी है गद्दारी करो और टिकट हासिल करो। ऐसे में अगर पार्टी ने अपना निर्णय नहीं बदला तो उनके पास लगती लाडवा की सीट से भी मुख्यमंत्री को हाथ धोने पड़ेंगे। यही नहीं, कर्णदेव का दावा है की पार्टी ने निर्णय नहीं बदला तो जगाधरी से लेकर करनाल तक भाजपा का पूरी तरह सफाया हो जाएगा। कंबोज ने कहा कि भाजपा अब वह पार्टी नहीं रही। अब तो यह है कि गद्दारी करो और टिकट हासिल करो। ऐसे उनका दावा है कि इंद्री से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार की तो जमानत तक जब्त हो जाएगी, जबकि उन्होंने रादौर से भाजपा के उम्मीदवार श्याम सिंह राणा को गद्दार साबित करते
हुए कहा कि उन्होंने पार्टी के खिलाफ कई बार गद्दारी की है और अब पार्टी उन्हें ही मैदान में उतर रही है और यही कारण था कि उन्होंने तुरंत इस मामले को देखते हुए अपना त्यागपत्र पार्टी को सौंप दिया।
पूर्व मंत्री ने महापंचायत में निर्णय लिया कि अगर पार्टी ने निर्णय नहीं बदला तो वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, कर्ण देव ने यह भी साफ किया कि उन्हें कई पार्टियों से न्योता भी आ चुका है, लेकिन वह आजाद रहकर ही चुनाव लड़ने के इच्छुक है। कंबोज ने यहां तक कह दिया कि पार्टी के निर्णय पर ही आगे विचार होगा अगर उन्हें मौका नहीं मिला तो उनके विधानसभा के साथ लगती लाडवा विधानसभा पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ रहे हैं और ऐसे में मुख्यमंत्री को भी इस सीट से हाथ धोना पड़ सकता हैं।
कर्ण देव कंबोज ने इस टिकट वितरण के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री का हाथ बताया है और कहा कि उन्हीं की बदौलत यह सब कुछ हो रहा है, लेकिन उन्हें नाराजगी मौजूदा मुख्यमंत्री से थी। क्योंकि मुख्यमंत्री उनके साथी भी हैं और वह बातें जानते हैं कि कंबोज ने कितना पार्टी के लिए काम किया है। मुख्यमंत्री ने उनकी वकालत नहीं की तो यही वह कारण था कि उन्होंने उनसे हाथ तक नहीं मिलाया। फिलहाल कर्ण देव कंबोज का कहना है कि उन्हें अब दिल्ली बुलाया गया है और वहां पर क्या बात होती है उसका वह आकर बताएंगे लेकिन जिस प्रकार पार्टी ने किया है उसे अब पूरी तरह से मन बना लिया है कि वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।
हालांकि यह बात लोगों की समझ में नहीं आ रही है कि बीजेपी ने आधा दर्जन दलबदलुओं को टिकट क्यों दिया है। पार्टी के पुराने नेताओं में इससे असंतोष होना स्वाभाविक है। पिछले दिनों बीजेपी में शामिल हुईं अंबाला की मेयर रहीं शक्ति रानी शर्मा को कालका से उम्मीदवार बनाया गया है। वह हरियाणा जनचेतना पार्टी के प्रमुख पंडित विनोद शर्मा की पत्नी हैं। इसके अलावा जिन दलबदलुओं को टिकट मिला है उनमें राम कुमार गौतम शामिल हैं। गौतम जेजीपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके अलावा अनूप धानक (उकलाना), देवेंद्र बबली (टोहाना), श्याम सिंह राणा (रादौर) को भी टिकट दिया गया है। बीजेपी के टिकटों की इस लिस्ट में 25 विधायकों को रिपीट किया गया है। इसके अलावा तीन मंत्रियों और एक पूर्व मंत्री का टिकट कटा है। वन और खेल राज्य मंत्री संजय सिंह का सोहना से टिकट कटा है, उनकी जगह पर पूर्व विधायक तेजपाल तंवर को टिकट दिया गया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री विशंभर बाल्मीकि का बवानीखेड़ा से टिकट कट गया है। उनकी जगह कपूर वाल्मीकि पर दांव लगाया गया है। (हिफी)

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