लेखक की कलम

बीएल संतोष ने दिया चुनावी विजयमंत्र

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
देश के सबसे बडे राज्य उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए जोर शोर से तैयारी चल रही है। विपक्षी दलों के अभी हाल में बने गठबंधन इण्डियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव एलायंस अर्थात इन्डिया की तरफ से उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाज वादी पार्टी सपा को समर्थन दिया जाएगा। विपक्ष की तरफ से एक ही प्रत्याशी खडा हो इसका ध्यान रखा जाएगा। बसपा प्रमुख मायावती ने भले ही गठबंधन में शामिल न होने का ऐलान किया है लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव पिछड़े दलित आदिवासी और मुसलमानों को ञिस तरह जोड़ रहे हैं उसे ध्यान में रखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने लखनऊ में दो दिन विभिन्न लोगो के साथ बैठक कर चुनाव जीतने का महामंत्र दिया है ।बीएल संतोष ने सबसे पहली बात तो यह समझाई कि सभी को अति विश्वास से बाहर आना होगा। उन्होंने कहा योगी आदित्य नाथ की सरकार ने बहुत अच्छे काम किये हैं और किये जा रहे हैं लेकिन जनता से संवाद कायम करना होगा। चुनाव में बूथों को ज्यादा से ज्यादा ए और बी श्रेणी में लाना होगा। ध्यान रहे कि भाजपा ने बूथों की चार श्रेणियां बनायी है जिनमें ए श्रेणी के बूथ पर भाजपा को 50 फीसद मत मिलने की बात कही गयी है।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने लोकसभा चुनाव 2024 की समीक्षा बैठक के दौरान पदाधिकारियों से कहा कि संगठन के बजाय सरकार चलाने और परिवार बढ़ाने में व्यस्त रहने से कांग्रेस की दुर्दशा ही हुई है। उन्होंने कहा कि जनाधार बढ़ाइये । केवल मोदी-योगी के नाम के सहारे मत रहिए। उन्होंने कहा कि आपको कांग्रेस पार्टी से सीख लेने की जरूरत है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा जहां एक ओर क्षेत्रीय दलों से गठबंधन कर रही है वहीं अपने संगठन को और चुस्त-दुरुस्त बनाने में लगी है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने गत 22 जुलाई को प्रदेश में मिशन 2024 की तैयारियों का खाका खींचा। संगठन पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकों में उनकी चुनाव में भूमिका समझाई। कहा कि सभी को चुनाव में जुटना है। सिर्फ सरकार होने या भाषणों से काम नहीं चलने वाला है।
संगठन का विस्तार और सामाजिक जनाधार बढ़ाना बेहद जरूरी है। केवल मोदी-योगी के नाम के सहारे न रहें। सिर्फ इसी से काम चलने वाला नहीं है। उन्होंने पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए महिलाओं, युवाओं, किसानों के साथ ही सभी जातियों को जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने पदाधिकारियों को माला, माइक, मंच से परहेज करने की सलाह दी। बीएल संतोष उसी दिन दो दिवसीय संगठनात्मक प्रवास पर लखनऊ पहुंचे थे।
लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करते हुए बीएल संतोष ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि आने वाले दिनों में जिम्मेदारियां व चुनौतियां और बढ़ेंगी। ऐसे में प्रत्येक कार्यक्रम व अभियान की पूर्व तैयारी और कार्यक्रम को कैसे जमीन पर उतारा जाए, उसका रोडमैप बनाने के साथ हर चुनौती से निपटने का तंत्र तैयार किया जाए। उन्होंने महानगर व जिला अध्यक्षों में बदलाव पर भी प्रदेश अध्यक्ष के साथ चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा कि हमें रोज अपना संगठन बढ़ाना है। कांग्रेस से सबक लीजिए। इतने वर्षों तक उनकी सत्ता थी। वे संगठन के बजाय केवल सरकार चलाने और परिवार बढ़ाने में व्यस्त रहे, इसलिए कांग्रेस का यह हाल हुआ। इसके अलावा महा जनसंपर्क अभियान में आम लोगों के घर तक पहुंचने के लिए इस संपर्क अभियान को और मजबूती से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की अध्यक्षता तथा प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह की उपस्थिति में प्रदेश पदाधिकारी तथा क्षेत्रीय अध्यक्षों के साथ बैठक में कहा कि महा जनसंपर्क अभियान के जरिए केंद्र के नौ वर्षों की योजनाएं तथा सरकार के साहसिक निर्णय जन-जन तक पहुंचाएं। यही मेहनत 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की लक्ष्य प्राप्ति का आधार बनेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की प्रदेश इकाई ने डेढ़ माह से अधिक समय तक अभियान को प्रभावी रूप से सफल बनाने में सामूहिकता में काम किया है। इसी तरह सहभागिता, समन्वय, सहयोग को कार्य का आधार बनाकर आगे भी काम करना है। उन्होंने कहा कि महा जनसंपर्क अभियान की सफलता के लिए पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के साथ ही प्रदेश के कार्यकर्ताओं की प्रशंसा की।
बी.एल. संतोष ने कहा सभी कार्यक्रमों व अभियानों में उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है। उन्होंने लोकसभा प्रवास योजना के तहत पिछले चुनाव में हारने वाली 14 लोकसभा सीटों में चलाए गए कार्यक्रमों व अभियान की समीक्षा की। इन सीटों में और मेहनत करने के निर्देश दिए। उन्होंने सोशल मीडिया की प्रदेश तथा क्षेत्रीय टीम के साथ बैठक में मार्गदर्शन दिया।बीएल संतोष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की।
उधर अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी सपा ने भी इस बार पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का नारा दिया है। सपा पीडीए का मजबूत गठजोड़ बनाने की लगातार कोशिश कर रही है। पार्टी जातीय जनगणना कराने की मांग को बड़ा मुद्दा मान कर उसे मजबूती से उठाने जा रही है। सपा मुस्लिम व यादव समीकरण साधने के साथ ही अति पिछड़ों व दलितों को लामबंद करने की लगातार कोशिश कर रही है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सपा ने इस गठजोड़ का प्रयोग किया था इसके उसे अच्छे नतीजे भी मिले थे। 2017 के मुकाबले उसे 10 प्रतिशत अधिक वोट 2022 के चुनाव में मिले थे। अखिलेश ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी इसका ख्याल रखा था।सपा मुस्लिम व यादव समीकरण साधने के साथ ही अति पिछड़ों व दलितों को लामबंद करने की लगातार कोशिश कर रही है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सपा ने इस गठजोड़ का प्रयोग किया था, इसके उसे अच्छे नतीजे भी मिले थे। वर्ष 2017 के मुकाबले उसे 10 प्रतिशत अधिक वोट 2022 के चुनाव में मिले थे। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने पिछले वर्ष गठित राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी दलितों एवं अति पिछड़े नेताओं को महत्वपूर्ण पद देकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं।सपा अति पिछड़ों को अपने पक्ष में करने के लिए जातीय जनगणना के मुद्दे को और हवा देने जा रही है। सपा ने समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ को जातीय जनगणना का मुद्दा गांव-गांव तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने बताया कि हम जातीय जनगणना कराने की मांग के मुद्दे को मजबूती से उठाएंगे। सपा का मानना है कि जातीय जनगणना से ही सभी जातियों को बराबरी का हक व सम्मान मिलेगा। समाजवादी पार्टी हमेशा से सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ती आ रही है। यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर संगोष्ठियां की जाएंगी। इसबार विपक्षी गठबंधन का साथ भी मिल रहा है।
तैयारी बसपा और कांग्रेस भी कर रही है। भाजपा ने ओमप्रकाश राजभर को इसीलिए जोड़ा है। इसके बाद
भी भाजपा को बहुत मेहनत करनी
होगी यही शिक्षा बीएल संतोष दे गये हैं। (हिफी)

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