विश्व-लोक

बांग्लादेश में बीएनपी और जमात में संघर्ष

बांग्लादेश में दो प्रमुख राजनीतिक दलों- बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लामी के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। संघर्ष के दौरान कुल चार दुकानों में तोड़फोड़ की गई, पांच मोटरसाइकिलों और एक वैन को आग लगा दी गई। स्थानीय मीडिया के अनुसार, राजशाही के बाघा उपजिला के बाउसा यूनियन में यह संघर्ष हुआ। इसका कारण कमजोर समूह विकास (वीजीडी) कार्ड वितरित करने में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा था। स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हिंसा तब शुरू हुई जब बीएनपी की स्टूडेंट विंग, ‘छात्र दल’ के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर जमात की छात्र शाखा, ‘इस्लामी छात्र शिबिर’ पर हमला किया।
जवाबी कार्रवाई में शिबिर कार्यकर्ताओं ने बाद में बीएनपी कार्यकर्ताओं पर हमला किया। बांग्लादेश के प्रमुख अखबार ‘द डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, इन घटनाओं के बाद बीएनपी समर्थकों ने कथित तौर पर दुकानों में तोड़फोड़ की और जमात समर्थकों के वाहनों को आग लगा दी। बीएनपी और जमात दोनों ने ही झड़प की शुरुआत के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया। बाघा उपजिला क्षेत्र के बसुआ यूनियन में वीजीडी कार्ड के कथित दुरुपयोग को लेकर पहले हुए विवाद के बाद दोनों पक्षों के बीच यह झड़प हुई। हाल ही में पुलिस की मध्यस्थता से दोनों दलों के बीच हुए समझौते के बाद, जमात ने दावा किया कि बीएनपी समर्थकों ने उनके सदस्यों को निशाना बनाया, जिसमें 30 मार्च को एक छात्र नेता की हत्या का प्रयास भी शामिल है। इसके अलावा, जमात ने अपने कार्यकर्ताओं के घरों और व्यवसायों पर हमलों की रिपोर्ट की। उन्होंने न्याय की मांग की और अधिकारियों से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने अपील की। हालांकि, बीएनपी नेता रेजाउल ने जमात के आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि उनके छात्र दल के नेता राजीब अहमद इफ्तार के बाद चाय पी रहे थे, तभी शिबिर कार्यकर्ताओं के एक समूह ने उन पर अकारण हमला कर दिया। उन्होंने कहा, ‘राजीब का फिलहाल राजशाही मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गंभीर हालत में इलाज चल रहा है। अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। राजीब के ठीक होने के बाद हम आगे की कार्रवाई करेंगे।’

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