बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले का ब्रिटेन ने किया विरोध

ब्रिटेन के सांसदों ने मंगलवार (3 दिसंबर) को बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों और धार्मिक नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर गंभीर चिंता जताई। कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने इस हिंसा को हिंदू समुदाय के खिलाफ जातीय सफाई की कोशिश करार दिया। उनका कहना था कि शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ अत्याचार बढ़ गए हैं। हाउस ऑफ कॉमन्स में एक बहस के दौरान ब्लैकमैन ने कहा, इस समय बांग्लादेश में हिंदू समुदाय अपनी जलती हुई मकानों, लुटे हुए व्यापारों और गिरफ्तार धार्मिक नेताओं को लेकर जूझ रहा है। हाल ही में दो पुजारियों को गिरफ्तार किया गया और 63 संतों को बांग्लादेश में प्रवेश करने से रोक दिया गया। उन्होंने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए यह भी कहा कि ये हिंदू समुदाय के खिलाफ जातीय सफाई की एक साजिश हो सकती है।
ब्लैकमैन ने ब्रिटिश विदेश मंत्री कैथरीन वेस्ट से आग्रह किया कि वह बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे जानबूझकर उत्पीड़न की कड़ी निंदा करें। वेस्ट ने बांग्लादेश में इस मुद्दे को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करने की बात की और कहा कि वे भारत के साथ इस मामले पर चर्चा करेंगी। इसके साथ ही भारतीय मूल की ब्रिटिश सांसद प्रीति पटेल ने भी बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमलों पर चिंता व्यक्त की और ब्रिटिश सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की।
लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर ने बांग्लादेश की स्थिति को गंभीर बताया। उन्होंने इस हिंसा को ब्रिटेन के हिंदू और बांग्लादेशी समुदाय के लिए एक बड़ा खतरा बताया। गार्डिनर ने यह भी बताया कि रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस और सेना ने बांग्लादेश में 20 से ज्यादा हिंदू और सूफी पूजा स्थलों के हमलों के दौरान कोई कार्रवाई नहीं की। बांग्लादेश में हाल ही में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने तनाव को और बढ़ा दिया है। गार्डिनर ने चिन्मय दास की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत से इनकार किए जाने पर चिंता जताई। वहीं गुरिंदर सिंह जोसन ब्रिटिश सिख सांसद ने भी इस घटनाक्रम को हैरान करने वाला बताया और ब्रिटिश सरकार से इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया की मांग की।