पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ बर्बरता

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं पर पिछले पिछत्तर साल से अत्याचार जारी है। पाकिस्तान के कट्टरपंथी गाहे-बगाहे कोई न कोई मुद्दा बना कर हिन्दू समाज को निशाना बनाते रहते हैं इसके तहत वह लोग हिन्दू परिवारों के साथ मार काट हत्या नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर जबरन धर्मान्तरण कर अधेड़ आयु के मुस्लिमों के साथ निकाह कराना और हिन्दू धर्म स्थलों पर हमले कर तोड़ फोड़ करना आम बात है। अब ताजा वारदात में सीमा हैदर को मुद्दा बनाकर जुल्म का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। सीमा के कारण पाकिस्तान के हिंदू मुश्किल में फंस गए हैं। सीमा हैदर के भारत जाने पर पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत में कट्टरपंथियों व डकैतों के एक गिरोह ने 16 जुलाई एक हिंदू मंदिर पर रॉकेट लांचर से हमला कर दिया।
पाकिस्तान में 48 घंटे में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की यह दूसरी घटना थी। इससे एक दिन पहले कराची में 150 साल पुराना हिंदू मंदिर ढहा दिया गया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि मारी माता मंदिर पर रात में बुलडोजर चलाया गया। उस वक्त इलाके में बिजली नहीं थी।पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 16 जुलाई को हमले के दौरान मंदिर बंद था, इसलिए ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। हमलावरों ने मंदिर के पास रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों के घरों पर भी हमला किया।
चरमपंथी हमलावरों ने सिंध के काशमोर इलाके में स्थानीय हिंदू समुदाय के एक छोटे मंदिर और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के सदस्यों के आसपास के घरों पर हमला किया। हमलावरों ने मंदिर पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसके बाद काशमोर-कंधकोट के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इरफान सैम्मो के नेतृत्व में एक पुलिस दल घटनास्थल पर पहुंचा। पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमलावरों ने मंदिर पर रॉकेट दागे जो हमले के दौरान बंद था। सैम्मो ने कहा, जब पुलिस दल मौके पर पहुंचा तो उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी की और भाग गए। हम इलाके में तलाशी अभियान चला रहे हैं। पुलिस अधिकारी का अनुमान है कि हमले में आठ या नौ बंदूकधारी शामिल थे। बागड़ी समुदाय के सदस्य डॉ. सुरेश ने कहा कि डकैतों की ओर से दागे गए रॉकेट में विस्फोट नहीं हुआ जिससे जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने पुलिस से समुदाय की सुरक्षा करने की अपील करते हुए कहा कि इस घटना से निवासी दहशत में आ गए हैं।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में संगठित आपराधिक गिरोहों ने महिलाओं और बच्चों समेत करीब 30 हिंदुओं को बंधक बना लिया है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने इसकी जानकारी देते हुए चिंता जताई है। मानवाधिकार आयोग ने ट्वीट किया, एचआरसीपी सिंध के काशमोर और घोटकी जिलों में बिगड़ती कानून व्यवस्था की खबरों को लेकर चिंतित है, जहां हिंदू समुदाय के करीब 30 सदस्य, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, को कथित तौर पर संगठित आपराधिक गिरोहों ने बंधक बना लिया है। घटना सिंध के काशमोर और घोटकी जिलों से सामने आई है जहां हाल के दिनों में कानून-व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। इसके अलावा, मानवाधिकार आयोग को ऐसी रिपोर्ट्स मिली हैं कि इन गिरोहों ने हाई-ग्रेड हथियारों का इस्तेमाल करके समुदाय के पूजा स्थलों पर हमला करने की धमकी दी है। आयोग ने कहा कि सिंध गृह विभाग को तत्काल इस मामले की जांच करनी चाहिए और इन क्षेत्रों में सभी कमजोर नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाना चाहिए।
कराची से एक रिपोर्ट के अनुसार 14 जुलाई की रात कुछ लोग बुलडोजर लेकर आए और मारी माता मंदिर की बाहरी दीवारों और मेन गेट को छोड़कर भीतर से पूरा मंदिर तहस-नहस कर दिया। पाकिस्तानी न्यूज पेपर डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जब मंदिर को ढहाया जा रहा था, तब मंदिर ढहाने वालों को सुरक्षा देने के लिए पुलिस तैनात थी।यह मारी माता मंदिर मुखी चोहितराम रोड पर स्थित है जिससे कुछ ही दूरी पर सोल्जर बाजार पुलिस स्टेशन भी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदिर की जमीन को एक शॉपिंग प्लाजा प्रमोटर को 7 करोड़ रुपए में बेच दिया गया है। इसीलिए मंदिर को तोड़ दिया गया। जून 2022 में भी मारी माता मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा गया था।
मारी माता का मंदिर करीब 400 से 500 वर्ग गज में 150 साल पहले बनाया गया था। इसके आंगन में पुराना खजाना दबे होने की कहानियां भी प्रचलित हैं।मारी माता मंदिर का मैनेजमेंट मद्रासी हिंदू समुदाय के पास था। उनका कहना है कि मंदिर बहुत पुराना था और कभी भी गिर सकता था। इसीलिए हमने ज्यादातर मूर्तियों को अस्थाई रूप से दूसरे स्थान पर रख लिया था। हमने सोचा था कि नया मंदिर बनने के बाद ही मूर्तियों को वापस उनके स्थान पर रखेंगे।
उधर, मानवाधिकार आयोग ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में आपराधिक गिरोह द्वारा तीस हिंदू महिलाओं और बच्चों के बंधक बनाए जाने पर चिंता जताई। साथ ही सिंध के काशमोर और घोटकी जिलों में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल भी उठाए। आयोग ने कहा कि सिंध गृह विभाग को हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों की जांच करनी चाहिए।
आप को बता दें कि इन ताजा वारदातों से पहले भी होली खेलने को लेकर दंगाइयों ने पाकिस्तान के हिन्दू समाज के साथ फसाद किया था और एक चिकित्सक की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद भी दो अन्य हिन्दू डाक्टरों को मौत के घाट उतार दिया गया। हिन्दू व सिख लड़की को अगुआ कर जबरन धर्मान्तरण और निकाह कराने के मामले सामने आए हैं। भारत सरकार सभी प्रमुख वारदातों पर सख्त एतराज जाहिर करती रही है लेकिन पाकिस्तान में हिंदुओं के लिए हालात दिन पर दिन बदतर होते जा रहे हैं। यह स्थिति चिंताजनक है तथा पाकिस्तान के अवाम की हिंसक व दमनकारी शोषक मानसिकता का भी हवाला देती है। विश्व समुदाय ऐसे मुद्दे पर निजी निहित स्वार्थों के कारण मूकदर्शक बना रहता है। यही वजह है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के सामाजिक जीवन स्तर में लगातार गिरावट आई है। वहीं उनकी जनसंख्या भी लगातार घट रही है। (हिफी)