फोर्ड ने चीन को कारों का निर्यात रोका

अमेरिका की पॉपुलर ऑटो कंपनी फोर्ड ने अपनी एसयूवी पिकअप ट्रक और स्पोर्ट्स कारों का चीन में निर्यात करने से रोक दिया है। इसकी वजह है अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता ट्रेड वॉर है, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुरू किया है। फोर्ड ने एफ-150 रैप्टर, मस्टैंग, मिशिगन में बनने वाली ब्रोंको एसयूवी और केंटकी में बनने वाली लिंकन नेविगेटर को चीन ना भेजने का फैसला किया है। हालांकि, कंपनी अभी भी अमेरिका में बनाए गए इंजन और ट्रांसमिशन चीन भेजती रहेगी। इसके साथ ही फोर्ड की जो लिंकन नॉटिलस कार चीन में बनती है, उसकी डिलीवरी भी जारी रहेगी, भले ही उस पर भारी टैक्स लग रहा हो। असल में फोर्ड के पास एक मजबूत प्लान है। वो अपनी 80 फीसद कारें अमेरिका में ही बनाकर यहीं बेचती है, इसलिए टैरिफ का असर उस पर बाकी कंपनियों के मुकाबले कम पड़ेगा। अगर अमेरिका की तरफ से टैरिफ ऐसे ही जारी रहे, तो फोर्ड आने वाले दिनों में अपनी नई गाड़ियों की कीमतें बढ़ा सकती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह बात कंपनी ने अपने डीलरों को भेजे गए एक इंटरनल मेमो में कही है। हालांकि, इस बीच ट्रंप ने यह भी संकेत दिया है कि वह ऑटो से जुड़े टैरिफ पर कुछ नरमी बरत सकते हैं। यानी हो सकता है कि कुछ मामलों में इन टैक्सों से राहत दी जाए। इसका मतलब ये है कि जहां एक तरफ गाड़ियों की कीमतें बढ़ने का खतरा है, वहीं दूसरी तरफ कुछ राहत मिलने की उम्मीद भी बनी हुई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फोर्ड ने भले ही चीन में होने वाले अपने बिजनेस के साइज को कम किया है, लेकिन कंपनी मुनाफे में है।कंपनी ने करीब एक दशक पहले चीन में अपनी पहचान बनाने के लिए कुछ पॉपुलर गाड़ियां वहां भेजना शुरू किया था। हाल ही में एक कॉन्फ्रेंस में फोर्ड के वाइस चेयरमैन जॉन लॉलर ने बताया कि कंपनी ने पिछले साल चीन से लगभग 900 मिलियन डॉलर (लगभग 75 अरब रुपए) का ऑपरेटिंग प्रॉफिट कमाया था।