राजनीतिलेखक की कलम

कश्मीर मंे चुनाव की सुगबुगाहट

 

मोदी की सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करके राज्य को केन््रद शासित प्रदेश बना दिया था। इसी के बाद वहां विधानसभा के चुनाव कराने की चर्चा भी चल रही थी। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केन्द्रशासित प्रदेश बनाया गया है जिसमें जम्मू-कश्मीर की स्थिति दिल्ली राज्य जैसी है। पिछली बार जब लोकसभा के चुनाव हुए, तब उड़ीसा समेत चार राज्यों की विधानसभा के चुनाव भी कराए गये। उसी समय यह चर्चा थी कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव भी कराए जाएंगे लेकिन चुनाव आयोग को उस समय उचित नहीं लगा था। हालाकि लोकसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर मंे जिस तरह से मतदाताओं ने उत्साह दिखाया उससे सकारात्मक संकेत मिले। अब इसी साल तीन राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनाव कराने का फैसला तो भारत का चुनाव आयोग ही करता है लेकिन हरी झंडी सरकार की तरफ से दी जाती है। अभी 6 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (जेपी नड्डा) ने जब जम्मू-कश्मीर का दौरा किया तो कश्मीर मंे चुनाव की सुगबुगाहट और तेज हुई है। मोदी सरकार ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म कर उपराज्यपाल की तैनाती की थी। जम्मू-कश्मीर मंे विधानसभा के चुनाव और राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग विपक्षी दल कर रहे हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गये थे, तब उन्हांेने भी कश्मीर की जनता को आश्वासन दिया था कि राज्य का दर्जा शीघ्र ही बहाल किया जाएगा। इसलिए जेपी नड्डा के दौरे को इसी दृष्टि से देखा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर मंे परिसीमन के बाद विधानसभा की 114 सीटें हो गयी हैं। पहले 107 सीटें थीं। इनमंे पीओ के की 24 सीटें भी शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 6 जुलाई को राज्य का दौरा किया। इससे पूर्व जम्मू के त्रिकुटा नगर भाजपा कार्यालय में पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, राज्य के चुनाव प्रभारी जी. कृष्णा रेड्डी, जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रभारी तरुण चुघ व रविंदर रैना समेत तमाम नेता मौजूद थे। जेपी नड्डा भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती समारोह में हिस्सा लेने गये थे।

भाजपा की बैठक में राष्ट्रीय महासचिव व जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुघ ने कहा कि पार्टी साल काम करने वाली है। संगठन के तमाम कार्यक्रम के साथ केंद्र सरकार की जनहित योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए हम बैठक करते रहते हैं। सेवा का प्रकल्प को लेकर जनता के बीच जाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में आयोजन हो रहा है। इस दौरान वो पार्टी के तमाम नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात करेंगे। विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा मजबूती से अपनी तैयारियों में जुटी है।

मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म करके राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करा। जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव, राजनीतिक दलों की मांग रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग और केंद्र को सितंबर तक चुनाव कराने को कहा था किन्तु सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय समयसीमा के अनुसार जम्मू-कश्मीर में इस साल सितंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।

इससे पहले यहां 2014 में आखिरी बार चुनाव हुए थे। 2018 में भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी, क्योंकि भाजपा ने पीडीपी से अलायंस तोड़ लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2023 में चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि सितंबर, 2024 तक हर हाल में जम्मू-कश्मीर में चुनाव करा लिए जाएं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि 30 सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले महीने दो दिन के दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे। श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (ैज्ञप्ब्ब्) में एम्पावरिंग यूथ, ट्रांसफॉर्मिंग जम्मू-कश्मीर इवेंट में शामिल हुए। यहां उन्होंने युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे। साथ ही 1500 करोड़ के 84 प्रोजेक्ट्स और कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स के विकास के लिए 1800 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार काम करती है और नतीजे दिखाती है। तीसरी बार सरकार बनाने से दुनिया को स्थिरता का संदेश मिला है। हमारी सरकार को लेट-लतीफी पसंद नहीं है। आज जो बदलाव जम्मू-कश्मीर में दिख रहे हैं, वह बीते 10 साल में हमारे काम का नतीजा है। इसके साथ ही उन्होंने बीते दिनों में जम्मू के कई जिलों में हुए आतंकी हमलों पर कहा- हमारी सरकार ने हालिया हुए आतंकी हमलों को गंभीरता से लिया है। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को सबक सिखाने में हिचकिचाएंगे नहीं। पीएम मोदी 21 जून को योग दिवस पर कॉमन योग प्रोटोकॉल के तहत डल झील के किनारे योग आसन किया था। इस दौरान करीब 7 हजार लोग उनके साथ थे। कुछ लोगों को विभिन्न आसनों की ट्रेनिंग दी गई। पीएम ने कहा कि पिछली सदी के आखिरी दशक में कई अस्थिर सरकारें बनीं। 10 साल में 5 बार चुनाव हुए। इसका मतलब यह है कि चुनाव ही होते रहे, कुछ और करने को नहीं था। इस अस्थिरता और अनिश्चितता के चलते जब भारत के टेकऑफ करने का समय था, तब हम जमीन पर रह गए और हमें बहुत नुकसान हुआ। उस समय को पीछे छोड़कर अब भारत स्थिर सरकार के युग में आया है। इससे हमारा लोकतंत्र मजबूत हुआ है। लोकतंत्र को मजबूत बनाने में जम्मू-कश्मीर ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। मोदी ने कहा जम्मू-कश्मीर के लोग स्थानीय स्तर पर अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, उनके जरिए आप अपनी परेशानियों को हल करना चाहते हैं, इससे बेहतर क्या हो सकता है। इसलिए अब विधानसभा चुनावों की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। वह समय दूर नहीं है कि जब आप अपने वोटों से जम्मू-कश्मीर की नई सरकार चुनेंगे। वह दिन भी जल्द आएगा जब जम्मू-कश्मीर एक राज्य के तौर पर अपना भविष्य बेहतर बनाएगा।पीएम ने 9 जून शपथ ली थी तब से कश्मीर में 4 आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं। इसलिए श्रीनगर में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। श्रीनगर में रेड जोन घोषित किया गया। पुलिस के मुताबिक ड्रोन रूल्स, 2021 के नियम 24(2) के तहत श्रीनगर को तत्काल प्रभाव से ड्रोन और क्वाडकॉप्टर के लिए टेम्परेरी रेड जोन घोषित किया गया है। इस जोन में ड्रोन उड़ाने पर केस दर्ज हो सकता है।

प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के दौरे पर सड़क, जलापूर्ति, हायर एजुकेशन से जुड़े प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया है। इसका उद्देश्य यहां के युवाओं को रोजगार देना है। उन्होंने 1800 करोड़ की लागत वाले जेकेसीआईपी, चेनानी-पटनीटॉप-नाशरी खंड, इंडस्ट्रियल एस्टेट, 6 गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी किया। यह प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों के 90 ब्लॉकों में लागू होगा। जिससे 15 लाख लोगों के जरिए 3 लाख परिवारों तक प्रोजेक्ट का लाभ पहुंचेगा। इसके अलावा पीएम ने 2000 सरकारी कर्मचारियों को जॉब लेटर दिया था। इस सबसे भी पता चलता है कि कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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