अध्यात्म
-
आत्मा की अमरता का ज्ञान
गीता-माधुर्य-4 योगेश्वर कृष्ण ने अपने सखा गांडीवधारी अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में जब मोहग्रस्त देखा, तब कर्मयोग, ज्ञानयोग…
Read More » -
अर्जुन का मोह
गीता-माधुर्य-3 योगेश्वर कृष्ण ने अपने सखा गांडीवधारी अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में जब मोहग्रस्त देखा, तब कर्मयोग, ज्ञानयोग…
Read More » -
महर्षि व्यास ने दी संजय को दिव्य दृष्टि
योगेश्वर कृष्ण ने अपने सखा गांडीवधारी अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में जब मोहग्रस्त देखा, तब कर्मयोग, ज्ञानयोग और…
Read More » -
आत्मज्ञान की अंतिम उपलब्धि
राजा जनक कहते हैं कि मैं तो सर्वदा विमल स्वरूप को प्राप्त हो चुका हूं। यह आत्मज्ञान की अंतिम…
Read More » -
जनक ने बतायी आत्मा की महिमा
आत्मा की महिमा में स्थित राजा जनक कहते हैं कि स्थान एवं समय अज्ञानी के लिए बंधन होते हैं…
Read More » -
जनक का धन्यवाद ज्ञापन
अष्टावक्र जी ने जनक को आत्मा का ज्ञान दिया, फिर उसकी परीक्षा ली। राजा जनक परीक्षा मंे खरे उतरे…
Read More » -
द्वन्द्वों से परे होता है ज्ञानी
ज्ञानी के लक्षण बताते हुए अष्टावक्र जी कहते हैं ज्ञानी की स्थिति द्वन्द्वों से पार की होती है। वह…
Read More » -
बुद्धि का मालिक होता है ज्ञानी
महाज्ञानी अष्टावक्र राजा जनक को बताते हैं कि ज्ञानी बुद्धि का भी प्रयोग करेगा किन्तु वह जैसा चाहे वैसा…
Read More » -
व्यक्ति की श्रेष्ठता का मापदण्ड
महाज्ञानी अष्टावक्र कहते हैं व्यक्ति की श्रेष्ठता धन, पद, मान, सम्मान आदि से नहीं आँकी जाती, उसके निजी गुणों…
Read More » -
यथा प्राप्य से संतुष्ट रहता धीर पुरुष
परम ज्ञानी अष्टावक्र कहते हैं यथा प्राप्य से जीविका चलाने वाला, देशों में स्वच्छन्दता से विचरण करने वाला, जहाँ…
Read More »