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रूठों को मना रहे चैहान व कमल

(अशेाक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

इसी साल अर्थात् 2023 के अंत में मध्य प्रदेश मंे विधानसभा के चुनाव होने हैं। भाजपा के राज्य मंे सबसे कद्दावर नेता शिवराज सिंह चैहान ही हैं लेकिन कांग्रेस के कमलनाथ से सत्ता छीनने के बाद उनको अपनी ही पार्टी में लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह के बीच जबर्दस्त तनातनी है। चैहान एक को समझाते हैं तो दूसरा बिदक जाता है। दरअसल, कमलनाथ से सत्ता छीनने के बाद चैहान को जो समीकरण बनाने पड़े थे, उनसे भाजपा के लोग ही नाराज हो गये। सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री गोपाल भार्गव पर भी भाजपा के विधायक ही आरोप लगा रहे हैं। यह असंतोष दूर करने मंे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान जब सफल नहीं हो पाए तब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे को लगाया गया। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पार्टी में एकजुटता बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी मंे बिखराव के चलते ही कांग्रेस के हाथों से मध्य प्रदेश की सत्ता चली गयी थी। युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों ने कांग्रेस छोड़ दी। बाद में ये सभी भाजपा में शामिल हो गये। अब, कमलनाथ की चिंता का कारण युवक कांग्रेस मंे असंतोष है। बताया जा रहा है कि युवक कांग्रेस के पदाधिकारी आगामी विधानसभा चुनाव में 35 टिकट मांग रहे हैं। कांग्रेस की यहां पर चुनाव की तैयारी भी अस्त-व्यस्त नजर आ रही है क्योंकि प्रदेश मंे पचास फीसद बूथों पर टीम ही नहीं बन पायी है। ढिलाई की हालत यह है कि 2020 में ही सभी बूथों पर टीम बनाने का आदेश कांग्रेस हाईकमान ने दिया था।
मध्य प्रदेश में बीजेपी अपने रुठे हुए नेताओं को मनाने के काम में जुटी हुई है। बीते दिनों राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मुलाकात की थी जबकि 5 जून को सीएम शिवराज सिंह चैहान ने भी रुठे हुए नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य पार्टी के भीतर चल रही खींचतान को काम करना था। बैठक में सीएम शिवराज ने नेताओं को दो-टूक लहजे में कहा कि ऐसी बयानबाजी न करें जिससे पार्टी को नुकसान हो। बैठक में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, नरयावली से विधायक प्रदीप लारिया और सागर से विधायक शैलेंद्र जैन पहुंचे। सीएम शिवराज ने सभी से एक-एक कर बात की। सीएम शिवराज ने उन्हें समझाया कि चुनाव का वक्त है इसलिए सबको बिठाकर समझाया जा रहा है। हालांकि सीएम शिवराज के समझाने के बावजूद गोविंद सिंह राजपूत और भूपेंद्र सिंह के बीच तनातनी देखी गई। गोविंद सिंह ने कहा कि उनकी छवि खराब की जा रही है, जबकि भूपेंद्र सिंह ने भी ठीक यही आरोप लगाया। जबकि दो अन्य विधायकों शैलेंद्र जैन और प्रदीप लारिया ने सीधे मंत्री भूपेंद्र सिंह पर हमला बोल दिया और शिकायती लहजे में कहा कि वह सागर जिले में एकतरफा फैसला लेते हैं और संगठन भी खुद ही चला रहे हैं। इन दोनों ने कहा कि सागर में किसी भी तरह के फैसले और कार्यक्रम में विधायकों को महत्व नहीं दिया जाता है। भूपेंद्र सिंह पर केवल इन दो विधायकों ने ही नहीं बल्कि पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह ने भी यह आरोप लगाया कि वह विरोधियों की मदद कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए सीएम हेल्पलाइन की शुरुआत की थी। इस पहल के बाद लोगों को भी उम्मीद जगी कि अब समस्याओं का समाधान पाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। हालांकि, सीएम हेल्प लाइन भी शिकायतों का निराकरण करने में असमर्थ दिखी, क्योंकि यहां अभी भी 11 हजार शिकायतें पेंडिंग में पड़ी हैं।
मध्य प्रदेश के लोगों की समस्याओं का हल करने के लिए सीएम हेल्प लाइन नंबर है- 181। लोगों को उम्मीद थी कि 181 डायल करने पर उनकी समस्याओं का हल निकल जाएगा लेकिन 11 हजार शिकायतों को अभी भी हल होने का इंतजार है। इन शिकायतों के निराकरण के लिए जनसेवा शिविर के माध्यम से 15 जून तक का समय दिया गया। इन शिकायतों में गृह विभाग पहले पायदान पर है, जिसकी 2925 शिकायतें लंबित हैं, जबकि दूसरे नंबर पर राजस्व विभाग है, जहां 1683 शिकायतों को निराकरण का इंतजार है। इन शिकायतों के मामले में 6 विभाग ऐसे हैं, जिनमें विशेष कारण का हवाला देकर करीब 4000 से ज्यादा शिकायतों को अटका दिया गया है। इन विभागों में चिकित्सा, शिक्षा, स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जाति कल्याण, जनजातीय और तकनीकी शिक्षा, कौशल विभाग एवं रोजगार विभाग शामिल हैं। अटकी हुई शिकायतों के मामले में ये विभाग कारण नहीं बता रहे हैं।
उधर, कांग्रेस में भी आलाकमान ने कार्यकर्ताओं को एकजुट कर जीत के मंत्र देने शुरू कर कर दिए हैं। इसी बीच युवक कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी पेश की है। बताया जा रहा है कि युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने कमलनाथ के सामने 35 टिकटों की मांग रखी है। वहीं, कमलनाथ युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों से खासा नाराज दिखे, क्योंकि अभी तक बूथों पर टीम नहीं बनाई गई है। कुछ समय पहले एमपी यात्रा के दौरान युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कमलनाथ से मुलाकात की थी। उस दौरान ही उन्होंने युवक कांग्रेस के लिए 35 टिकटों की मांग रखी थी। हालांकि, कमलनाथ ने नाराजगी जाहिर करते हुए यह कहा था कि अभी तक प्रदेश के आधे बूथों पर भी टीम नहीं बन सकी है और राष्ट्रीय पदाधिकारियों को इस बारे में एक्शन लेने के लिए कहा गया था।
कमलनाथ की नाराजगी के बाद हाल ही में युवक कांग्रेस की एक ऑनलाइन बैठक हुई, जिसमें श्रीनिवास बीवी ने प्रदेश पदाधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। साल 2020 में ही युवक कांग्रेस को कांग्रेस आलाकमान ने 65 हजार बूथों पर टीम बनाने के आदेश दिए थे, लेकिन अब तक केवल 30 हजार बूथों पर ही टीम बन पाई है। ये टीम 5 सदस्यीय है। यह भी पता चला है कि भारत जोड़ो यात्रा मंे शामिल रहे लोग टिकट मांग रहे हैं।
राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने वाले कांग्रेसी नेताओं के टिकट मांगने का सिलसिला चल पड़ा है। महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष नूरी खान ने अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के बीच अपने टिकट की मांग बुलंद की। उन्होंने कहा कि मैं टिकट नहीं मांग रही हूं, लेकिन यदि जनता की ओर से आवाज आएगी, तो यह मांग जनता की मानी जाएगी। नूरी खान ने राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा हिस्सा लिया था। (हिफी)

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