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सुशासन की मिसाल चिल्ला रोड

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

अक्षरधाम, मयूर बिहार से नोएडा और सरिता बिहार आने-जाने वाले लोगों को लगभग डेढ़ दशक से भीषण जाम का सामना करना पड़ रहा है। इस जाम को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश मंे मायावती की सरकार के समय 2008 मंे दो राज्यों को जोड़ने वाली चिल्ला एलिवेटेड रोड को बनाने का इरादा जताया गया था। सरकार मंे जब तक किसी काम के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति नहीं होती, तब तक वो कार्य पूरा नहीं होता। अफसोस की बात यह कि बसपा सरकार के बाद यूपी मंे युवा नेता अखिलेश यादव के नेतृत्व मंे समाजवादी पार्टी की सरकार बनी। अखिलेश यादव से लोगों ने बहुत अपेक्षाएं की थीं और पूर्ण बहुमत के साथ सपा की सरकार बनी थी लेकिन चिल्ला बार्डर से महामाया फ्लाई ओवर तक वाहन चालकों को हो रही जाम की समस्या अखिलेश यादव की सरकार को भी नहीं दिखाई पड़ी। इसके बाद यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व मंे भाजपा की सरकार बनी। विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने जो संकल्प पत्र जारी किया था, उसको लागू करने की प्राथमिकता योगी आदित्यनाथ की सरकार के सामने थी। इसके बावजूद योगी सरकार ने जन कल्याण की उन योजनाओं को भी खंगाला जिन पर पूर्ववर्ती सरकारों ने किसी कारण से कार्य नहीं किया। चिल्ला एलिवेटेड रोड के निर्माण पर केन्द्र सरकार से भी आर्थिक मदद मिलनी थी, इसके बावजूद कार्य क्यों नहीं हो सका, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 2019 मंे इस परियोजना को शुरू करने का प्रयास किया लेकिन कोरोना महामारी ने यूपी ही नहीं दुनिया भर की प्राथमिकताओं को उलट-पलट दिया था। दो साल से अधिक का समय कोरोना आपदा से निपटने मंे ही चला गया लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार को चिल्ला रोड पर जाम के चलते लोगों को हो रही परेशानी विस्मृत नहीं हुई थी। चिल्ला एलिवेटेड रोड को
यूपी कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। यह परियोजना 2025 के मार्च तक
पूरी होगी।
दो राज्यों को जोड़ने वाली चिल्ला एलिवेटड रोड को यूपी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। चिल्ला एलिवेटेड रोड सेक्टर-14ए से एमपी-3 नोएडा को जोड़ते हुए शाहदरा ड्रेन के समानान्तर छह लेन की करीब 5.96 किलोमीटर की होगी। इसके निर्माण से अक्षरधाम, मयूर विहार से नोएडा, परिचैक, कालिंदी कुंज, सरिता विहार तक आने वाले लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल जाएगा। इसका बजट 801 करोड़ के आसपास रहेगा। इस परियोजना का 50 प्रतिशत खर्च करीब 39,365.91 लाख (393.65 करोड़) रुपए भारत सरकार की स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर केपिटल इनवेस्टमेंट 2023-24 के तहत दिया जाएगा। शेष 50 प्रतिशत नोएडा अथॉरिटी खुद खर्च करेगा। इस योजना के बनने से करीब 5 लाख लोगों को राहत मिलेगी।
यह परियोजना वर्ष 2008 में तैयार की गई थी, लेकिन वर्ष 2019 में धरातल पर उतर सकी। यही एक लिंक है जो सीधे दिल्ली को एक्सप्रेसवे से जोड़ता है। इसका फिजिकल काम 13 प्रतिशत हो चुका है। इसकी नई डेड लाइन मार्च 2025 तय की गई है। इस प्रोजेक्ट का बजट 2013 में 605 करोड़ था। 2019 में काम शुरू किया गया। करीब 74 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसके बाद मामला पीडब्लूडी की ओर से बजट रिलीज नहीं होने से फंस गया। वहीं ब्रिज कारपोरेशन ने प्रोजेक्ट में वैरिएशन करते हुए योजना का बजट 1076 करोड़ का प्रस्ताव प्राधिकरण को भेजा। प्राधिकरण ने इसे खारिज कर दिया। साथ ही नए सिरे से बजट बनाया गया और आईआईटी से एप्रूव होने के बाद ये बजट 801 करोड़ तय किया गया।
चिल्ला एलिवेटेड रोड का काम चार बार बंद हो चुका है। अब तक परियोजना का 13 प्रतिशत ही काम हो सका है। वर्ष 2020 में कोरोना की आई पहली लहर के कारण करीब चार-पांच माह काम बंद रहा था। फिर उसी साल और फिर 2021 में प्रदूषण की रोकथाम के लिए नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के कारण भी करीब दो माह काम बंद पड़ा रहा। वर्ष 2020 के नवंबर में काम बंद होने पर अक्टूबर 2021 में काम शुरू हुआ था। अब योगी सरकार इसे पूरा करेगी।
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी ने महा जनसंपर्क अभियान के जरिए रणनीति बनायी। महा जनसंपर्क अभियान को बीजेपी ने सुशासन का नाम दिया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर बीजेपी ने 1 जून से महा जनसंपर्क अभियान शुरू किया है। यूपी में भी इसी के तहत काम हो रहे हैं।
हर लोकसभा सीट पर 7 कार्यक्रम की पार्टी ने रूपरेखा तैयार की है। हर विधानसभा सीट पर चार कार्यक्रम होने हैं। कुल मिलाकर एक लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर बीजेपी 11 अलग-अलग कार्यक्रम करेगी। सभी कार्यक्रमों का उद्देश्य सिर्फ वोटर तक पहुंच बनाने का है। नेता और कार्यकर्ता नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल की उपलब्धियों को बताकर लोगों से 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर समर्थन मांगेंगे। उत्तर प्रदेश में महा जनसंपर्क अभियान की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रदेश महामंत्री संजय राय ने लोकसभा सीटों पर होनेवाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम के बाद हर लोकसभा क्षेत्र के 1000 विशिष्ट, पद्म पुरस्कार विजेता परिवारों से बीजेपी पदाधिकारियों की मुलाकात भी महा जनसंपर्क अभियान में शामिल है। हर लोकसभा सीट पर 50 टीमें 20-20 परिवारों से संपर्क कर आशीर्वाद हासिल करेंगी। बीजेपी से जुड़े परिवार को 2024 के लोकसभा चुनाव में भी साथ आने को कहा जाएगा। परिवारों से बातचीत कर बीजेपी सरकार के 9 साल की उपलब्धियों को बताया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ का कहना है कि सेवा सुशासन और गरीब कल्याण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य है। मोदी की सोच और काम से पूरे विश्व में भारत और भारतवासियों का सम्मान बढ़ा है। 30 जून तक पूरे देश मे मोदी सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिए अभियान चलेगा। 2014 से पहले भारत आर्थिक रूप से विकसित देशों में 11वें नंबर पर था, आज ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पांचवें नंबर पर पहुंच गया है। 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनेगी। इसीलिए नए संसद भवन में आधुनिकता के साथ प्राचीन संस्कृति और पूरे देश के योगदान के योगदान की झलक दिख रही है।
पहले की सरकार कहती थी एक रुपया केंद्र सरकार से भेजती थी तो लाभार्थी के पास 15 पैसे पहुंचते थे। जनधन खाता और तकनीक से अब पूरे एक रुपये पहुंच रहे हैं। पहले वैक्सीन के लिए दूसरे देशों पर आश्रित रहने वाले भारत ने मोदी के संकल्प से कोरोना में भारत ने दो वैक्सीन तैयार किए। 210 करोड़ टीके लगाए। 100 देशों में टीके भेजे गए। यह भारत की क्षमता और बदलती छवि का उदाहरण है। 12 करोड़ लोगों को नल से जल पहुंचाया गया।
उज्ज्वला योजना के तहत 9.60 करोड़ गैस कनेक्शन और 80 करोड़ लोगों को राशन पहुंचाया जा रहा है। 11.90 करोड़ घरों में शौचालय बनाया गया और 50 करोड़ लोगों का आयुष्मान योजना कार्ड का लाभ मिल रहा है। यूपी की योगी सरकार इन सभी योजनाओं को लागू करने में आगे हैं। (हिफी)

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