ट्रम्प के निमंत्रण से असमंजस में चीन

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के लिए अमेरिका की तरफ से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी न्योता भेजा गया है। एक तरफ ट्रंप ने सत्ता में आते ही चीन पर कड़े प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति ने दोस्ती की नई पहल करते हुए जिनपिंग को निमंत्रण भेज दिया है। ऐसे में चीन की सरकार भी इस निमंत्रण को लेकर असमंजस की स्थिति में है। चीन की तरफ से ना तो इसपर हामी भरी गई है और ना ही वो इस न्योते को अस्वीकार करने की बात कह रहे हैं। फिलहाल चीनी विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर चुप्पी साध ली है।
दरअसल, दोनों ही देश डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण समारोह को लेकर माइंड-गेम खेल रहे हैं। चीन को यह अच्छे से पता है कि अमेरिका की तरफ से अगर नए टेरिफ लगाए गए थे इससे उनकी अर्थवयवस्था को भारी नुकसान हो सकता है। दूसरी तरफ ट्रंप भी यह अच्छे से जानते हैं कि चीन उनके कदम के बाद जवाबी एक्शन लेगा और पिछले कार्यकाल की तरफ फिर से दोनों देशों में ट्रेड-वार की स्थिति पैदा हो जाएगी। एक कहावत हैं न कि “अपने दोस्तों को करीब रखो, लेकिन अपने दुश्मनों को और भी करीब रखो”। ऐसा लगता है कि अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प फिलहाल चीन को लेकर इसी नीति पर चलते नजर आ रहे हैं। 20 जनवरी को वाशिंगटन डीसी में ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह होना है। ताजा रिपोर्ट बताती है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस निमंत्रण को विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर दिया है। यह पहला मौका है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में विदेशी नेता को आमंत्रित किया गया है। शी जिनपिंग ने ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद टैरिफ, व्यापार और तकनीकी वार पर चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि अब फिर ट्रेड वार हुआ तो इससे किसी को फायदा नहीं होगा। उधर, डोनाल्ड ट्रम्प ने कार्यभार संभालने के बाद चीन पर नए टैरिफ लागू करने की कसम खाई थी। एक तरफ जुबानी जंग और दूसरी तरफ ट्रंप के शपथ ग्रहण में न्योता, दोनों चीजें असामान्य लगती हैं। ट्रम्प ने जिनपिंग के बारे में अपने विचारों को लेकर कभी गर्म तो कभी ठंडा किया है।