विश्व-लोक

टैरिफ एण्ड ट्रेड वार पर चीन ने अमेरिका को दी धमकी

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से छेड़े गए टैरिफ और ट्रेड वार के बीच चीन ने अमेरिका को युद्ध तक की धमकी दे डाली है। चीन का कहना है, अगर अमेरिका युद्ध चाहता है, चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या किसी अन्य प्रकार का युद्ध हो, हम अंत तक लड़ने के लिए तैयार हैं। चीन के इस बयान ने वैश्विक स्तर पर भूचाल ला दिया है। चीन का यह बयान अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने के बाद आया है। वहीं अमेरिका ने भी चीन की धमकी का जवाब उसी अंदाज में दिया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ का कहना है कि अमेरिका भी चीन के साथ युद्ध के लिए तैयार है।
दोनों देशों के बीच इस जुबानी जंग ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। दुनिया के 2 ताकतवर देशों ने पहली बार इस तरह एक दूसरे को ट्रेड वार के बीच सीधे युद्ध तक की धमकी दे डाली है। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में अमेरिका और चीन के रिश्तों में और अधिक तनाव आ सकता है। हालांकि अपने शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को साथ लेकर चलने की बात कही थी। मगर उनके द्वारा टैरिफ वार छेड़े जाने के बाद पूरी दुनिया में हंगामा मच गया है। अमेरिका ने चीन, कनाडा, मेक्सिको और भारत समेत अन्य देशों पर भारी-भरकम टैरिफ लगा दिया है। इसके बाद चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बढ़ते व्यापार शुल्कों के खिलाफ पलटवार करते हुए अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह किसी भी प्रकार का युद्ध लड़ने के लिए तैयार है। ट्रंप द्वारा सभी चीनी वस्तुओं पर अधिक टैरिफ लगाए जाने के बाद दुनिया की शीर्ष दो अर्थव्यवस्थाएं व्यापार युद्ध के करीब पहुंच गई हैं। इतना ही नहीं, ट्रंप के फैसले के बाद चीन ने भी तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 10-15 फीसद टैरिफ लगा दिया। इससे दोनों देशों में भारी तनाव पैदा हो गया है।
इस ट्रेड वार के बीच चीन के दूतावास ने एक सरकारी बयान जारी कर आधिकारिक रूप से अमेरिका को युद्ध तक की धमकी दे डाली। चीनी दूतावास ने एक्स पर कहा, अगर अमेरिका युद्ध चाहता है, चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या किसी अन्य प्रकार का युद्ध हो, हम अंत तक लड़ने के लिए तैयार हैं। बता दें कि ट्रम्प के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से यह चीन की ओर से अब तक की सबसे तीखी बयानबाजी है। चीन अमेरिका के विपरीत एक स्थिर, शांतिपूर्ण देश होने की छवि पेश करने का इच्छुक रहा है, जिस पर बीजिंग मध्य पूर्व और यूक्रेन में युद्धों में उलझे होने का आरोप लगाता है। चीन की ओर से युद्ध की धमकी मिलने के बाद अमेरिका ने भी उसको उसी की भाषा में कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

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