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सीएम मोहन यादव बिना अनुमति सरकारी भूमि पर बने धार्मिक स्थलों की कराएंगे जांच

भोपाल। मध्य प्रदेश में अब सनातनी सरकार का राज आता दिख रहा है। इसके मुखिया डा. मोहन यादव एक के बाद एक ऐसे निर्णय कर रहे हैं, जो तुष्टीकरण की आड़ में अंजाम तक नहीं पहुंचाए जा रहे थे। सत्ता संभालते ही पहले दिन डा. मोहन यादव ने कुछ धर्मस्थलों द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का दुरुपयोग करने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। धार्मिक स्थलों में निर्धारित सीमा से तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकर या किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र पर रोक लगाने के लिए अभियान प्रारंभ कर दिया है। मोहन सरकार ने अपनी कार्रवाई में स्पष्ट कर दिया कि सनातन के मार्ग में अब कोई समझौता नहीं होगा। पूरे प्रदेश में जल्द ही उन धार्मिक स्थलों की भी पहचान की जाएगी, जो सरकारी भूमि पर बिना अनुमति बने हैं। उन स्थलों के निर्माण में धन कहां से आया, इसकी भी पहचान की जाएगी। सरकार इसमें कोई भेदभाव न कर बड़ा निर्णय लेने की तैयारी कर रही है। वजह, प्रदेश में एक वर्ग विशेष ने अत्यधिक संख्या में कई मंजिलों वाले धर्म स्थल खड़े कर दिए हैं। इन पर नगर निगमों या विकास प्राधिकरणों ने हमेशा आंख ही रखी है।
सत्ता संभालते ही मोहन यादव ने ताबड़तोड़ जो फैसले किए, उनमें उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की झलक भी मिलती है। पदभार ग्रहण करने के बाद पहले ही आदेश में हिंदूवादी सरकार की झलक दिखाई। आमतौर पर कई धार्मिक स्थलों में निर्धारित सीमा से तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकर और अन्य प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र का शोर लोगों के शांतिप्रिय जीवन में खलल डालता है। अब इस मानसिक प्रताड़ना से निजात मिलती दिख रही है, इसके लिए उड़नदस्ते बनाए जाएंगे।

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